"रामगढ़, अम्बिकापुर": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Sita-Bengra-Caves-Ramgarh.jpg|thumb|सीताबेंगरा गुफ़ा, रामगढ़]] | [[चित्र:Sita-Bengra-Caves-Ramgarh.jpg|thumb|सीताबेंगरा गुफ़ा, रामगढ़]] | ||
'''रामगढ़''' [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[अम्बिकापुर]] का ऐतिहासिक स्थल है। यह अम्बिकापुर- बिलासपुर मार्ग में स्थित है। इसे रामगिरि भी कहा जाता है। रामगढ़ [[पर्वत]] की तरह दिखता है। रामगढ़ भगवान [[राम]] एवं महाकवि [[कालिदास]] से सम्बन्धित होने के कारण शोध का केन्द्र बना हुआ है। एक प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान राम, अपने भाई [[लक्ष्मण]] और पत्नी [[सीता]] के साथ वनवास काल में यहाँ निवास किए थे। यहीं पर राम के तापस वेश के कारण [[जोगीमारा गुफ़ाएँ|जोगीमारा]], सीता के नाम पर [[सीताबेंगरा गुफ़ा|सीताबेंगरा]] एवं लक्ष्मण के नाम पर लक्ष्मण गुफ़ा भी स्थित है। | '''रामगढ़''' [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[अम्बिकापुर]] का ऐतिहासिक स्थल है। यह अम्बिकापुर- बिलासपुर मार्ग में स्थित है। इसे रामगिरि भी कहा जाता है। रामगढ़ [[पर्वत]] की तरह दिखता है। रामगढ़ भगवान [[राम]] एवं महाकवि [[कालिदास]] से सम्बन्धित होने के कारण शोध का केन्द्र बना हुआ है। एक प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान राम, अपने भाई [[लक्ष्मण]] और पत्नी [[सीता]] के साथ वनवास काल में यहाँ निवास किए थे। यहीं पर राम के तापस वेश के कारण [[जोगीमारा गुफ़ाएँ|जोगीमारा]], सीता के नाम पर [[सीताबेंगरा गुफ़ा|सीताबेंगरा]] एवं लक्ष्मण के नाम पर लक्ष्मण गुफ़ा भी स्थित है। | ||
[[संस्कृत]] विद्वान रामगढ़ को महाकवि कालिदास की रामगढ़ की पहाड़ी बताते है जहां उन्होंने बैठकर अपनी कृति [[मेघदूतम्|मेघदूत]] की रचना की थी। कालिदास ने मेघदूत में रामगढ़ के पहाड़ी के बारे में जैसा लिखा है, उसकी रूपरेखा आज भी दिखती है। यहां पर विश्व की प्राचीनतम गुफ़ा नाट्य शाला भी स्थित है, इसे रामगढ़ नाटय शाला कहा जाता है।<ref>{{cite web |url= |title=रामगढ़|accessmonthday=11 सितम्बर |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=helloraipur |language= हिन्दी}}</ref> | [[संस्कृत]] विद्वान रामगढ़ को महाकवि कालिदास की रामगढ़ की पहाड़ी बताते है जहां उन्होंने बैठकर अपनी कृति [[मेघदूतम्|मेघदूत]] की रचना की थी। कालिदास ने मेघदूत में रामगढ़ के पहाड़ी के बारे में जैसा लिखा है, उसकी रूपरेखा आज भी दिखती है। यहां पर विश्व की प्राचीनतम गुफ़ा नाट्य शाला भी स्थित है, इसे रामगढ़ नाटय शाला कहा जाता है।<ref>{{cite web |url=http://www.helloraipur.com/gallary.php?pid=86 |title=रामगढ़|accessmonthday=11 सितम्बर |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=helloraipur |language= हिन्दी}}</ref> | ||
13:06, 11 सितम्बर 2014 का अवतरण

रामगढ़ छत्तीसगढ़ राज्य के अम्बिकापुर का ऐतिहासिक स्थल है। यह अम्बिकापुर- बिलासपुर मार्ग में स्थित है। इसे रामगिरि भी कहा जाता है। रामगढ़ पर्वत की तरह दिखता है। रामगढ़ भगवान राम एवं महाकवि कालिदास से सम्बन्धित होने के कारण शोध का केन्द्र बना हुआ है। एक प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान राम, अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वनवास काल में यहाँ निवास किए थे। यहीं पर राम के तापस वेश के कारण जोगीमारा, सीता के नाम पर सीताबेंगरा एवं लक्ष्मण के नाम पर लक्ष्मण गुफ़ा भी स्थित है। संस्कृत विद्वान रामगढ़ को महाकवि कालिदास की रामगढ़ की पहाड़ी बताते है जहां उन्होंने बैठकर अपनी कृति मेघदूत की रचना की थी। कालिदास ने मेघदूत में रामगढ़ के पहाड़ी के बारे में जैसा लिखा है, उसकी रूपरेखा आज भी दिखती है। यहां पर विश्व की प्राचीनतम गुफ़ा नाट्य शाला भी स्थित है, इसे रामगढ़ नाटय शाला कहा जाता है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख