"पहेली जनवरी 2018": अवतरणों में अंतर
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+[[कर्नाटक]] | +[[कर्नाटक]] | ||
||[[चित्र:Yakshagana-Dance.jpg|right|100px|border|यक्षगान नृत्य]]'यक्षगान' [[कर्नाटक|कर्नाटक राज्य]] का लोक नृत्य है। यह कर्नाटक का पारम्परिक नृत्य नाट्य रूप है, जो एक प्रशंसनीय शास्त्रीय पृष्ठभूमि के साथ किया जाता है। लगभग 5 शताब्दियों की सशक्त नींव के साथ [[यक्षगान नृत्य|यक्षगान]] लोक कला के एक रूप के तौर पर मज़बूत स्थिति रखता है, जो [[केरल]] के [[कथकली]] के समान है। नृत्य नाटिका के इस रूप का मुख्य सार [[धर्म]] के साथ इसका जुड़ाव है, जो इसके नाटकों के लिए सर्वाधिक सामान्य विषयवस्तु प्रदान करता है। जनसमूह के लिए एक नाट्य मंच होने के नाते यक्षगान [[संस्कृत]] नाटकों के कलात्मक तत्वों के मिले-जुले परिवेश में मंदिरों और गांवों के चौराहों पर बजाए जाने वाले पारम्परिक [[संगीत]] तथा [[रामायण]] और [[महाभारत]] जैसे महान् ग्रंथों से ली गई युद्ध संबंधी विषयवस्तुओं के साथ प्रदर्शित किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यक्षगान नृत्य]] | ||[[चित्र:Yakshagana-Dance.jpg|right|100px|border|यक्षगान नृत्य]]'यक्षगान' [[कर्नाटक|कर्नाटक राज्य]] का लोक नृत्य है। यह कर्नाटक का पारम्परिक नृत्य नाट्य रूप है, जो एक प्रशंसनीय शास्त्रीय पृष्ठभूमि के साथ किया जाता है। लगभग 5 शताब्दियों की सशक्त नींव के साथ [[यक्षगान नृत्य|यक्षगान]] लोक कला के एक रूप के तौर पर मज़बूत स्थिति रखता है, जो [[केरल]] के [[कथकली]] के समान है। नृत्य नाटिका के इस रूप का मुख्य सार [[धर्म]] के साथ इसका जुड़ाव है, जो इसके नाटकों के लिए सर्वाधिक सामान्य विषयवस्तु प्रदान करता है। जनसमूह के लिए एक नाट्य मंच होने के नाते यक्षगान [[संस्कृत]] नाटकों के कलात्मक तत्वों के मिले-जुले परिवेश में मंदिरों और गांवों के चौराहों पर बजाए जाने वाले पारम्परिक [[संगीत]] तथा [[रामायण]] और [[महाभारत]] जैसे महान् ग्रंथों से ली गई युद्ध संबंधी विषयवस्तुओं के साथ प्रदर्शित किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यक्षगान नृत्य]] | ||
{किस राजनीतिज्ञ को 'भारतीय राजनीति का चाणक्य' कहा जाता है? | |||
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-[[अटल बिहारी वाजपेयी]] | |||
+[[चक्रवर्ती राजगोपालाचारी]] | |||
-[[पी. वी. नरसिंहराव]] | |||
-[[विश्वनाथ प्रताप सिंह]] | |||
||[[चित्र:Chakravarthi-Rajagopalachari.jpg|right|100px|border|चक्रवर्ती राजगोपालाचारी]]'चक्रवर्ती राजगोपालाचारी' भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे, जो 'राजाजी' के नाम से भी जाने जाते हैं। वे एक वकील, लेखक, राजनीतिज्ञ और दार्शनिक थे। वे स्वतन्त्र [[भारत]] के द्वितीय गवर्नर-जनरल और प्रथम भारतीय गवर्नर-जनरल थे। सन [[1954]] में 'भारतीय राजनीति के चाणक्य' कहे जाने वाले [[चक्रवर्ती राजगोपालाचारी]] को '[[भारत रत्न]]' से सम्मानित किया गया था। राजगोपालाचारी जी विद्वान् और अद्भुत लेखन प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। जो गहराई और तीखापन उनके बुद्धिचातुर्य में था, वही उनकी लेखनी में भी था। वह [[तमिल भाषा|तमिल]] और [[अंग्रेज़ी]] के बहुत अच्छे लेखक थे। '[[गीता]]' और '[[उपनिषद|उपनिषदों]]' पर उनकी टीकाएं प्रसिद्ध हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चक्रवर्ती राजगोपालाचारी]] | |||
{[[जयपुर]] स्थित 'सिटी पैलेस' का निर्माण किसने करवाया था? | |||
|type="()"} | |||
-[[भामाशाह]] | |||
-[[राणा साँगा]] | |||
+[[सवाई जयसिंह|सवाई जयसिंह द्वितीय]] | |||
-[[राणा उदयसिंह]] | |||
||[[चित्र:City-Palace-Jaipur-1.jpg|right|100px|border|सिटी पैलेस जयपुर]]'सिटी पैलेस' [[राजस्थान]] के सबसे प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक महल परिसर है। 'गुलाबी शहर' [[जयपुर]] के बिल्कुल बीच में यह स्थित है। इस खूबसूरत परिसर में कई इमारतें, विशाल आंगन और आकर्षक बाग़ हैं, जो इसके राजसी इतिहास की निशानी हैं। [[सिटी पैलेस जयपुर|सिटी पैलेस]] का निर्माण [[सवाई जयसिंह द्वितीय|महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय]] ने 1729 से 1732 ई. के मध्य कराया था। शाही वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य और [[अंग्रेज़]] शिल्पकार सर सैमुअल स्विंटन जैकब ने उस समय बींसवी सदी का आधुनिक नगर रचा था। साथ ही बेहतरीन, खूबसूरत, सभी सुविधाओं और सुरक्षा से लैस शाही प्रासाद।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिटी पैलेस जयपुर|सिटी पैलेस, जयपुर]] | |||
{[[भारत]] के किस प्रदेश की सीमाएँ तीन देशों क्रमश: [[नेपाल]], [[भूटान]] एवं [[चीन]] से मिलती हैं? | |||
|type="()"} | |||
-[[अरुणाचल प्रदेश]] | |||
-[[मेघालय]] | |||
-[[पश्चिम बंगाल]] | |||
+[[सिक्किम]] | |||
||[[चित्र:Sikkim-map.jpg|right|100px|border|सिक्किम का नक्शा]]'सिक्किम' [[भारत]] का एक पर्वतीय राज्य है। इसकी जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम है और क्षेत्रफल [[गोवा]] के बाद न्यूनतम है। [[सिक्किम]] नामग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित स्वतन्त्र राज्य था। सन [[1975]] में हुए जनमत-संग्रह के बाद यह भारत में विलीन हो गया। अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में [[नेपाल]], उत्तर और पूर्व में चीनी तिब्बत क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व में [[भूटान]] से घिरा हुआ है। भारत का [[पश्चिम बंगाल|पश्चिम बंगाल राज्य]] इसके दक्षिण में है। [[अंग्रेज़ी]], नेपाली, [[लेप्चा भाषा|लेप्चा]], भूटिया, लिंबू तथा [[हिन्दी]] इसकी आधिकारिक भाषाएँ हैं, परन्तु शासकीय कार्य में अंग्रेज़ी का ही प्रयोग होता है। [[हिन्दू धर्म]] और [[वज्रयान]] [[बौद्ध धर्म]] यहाँ के प्रमुख धर्म हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिक्किम]] | |||
{किस व्यक्ति को "नये मध्य प्रदेश के पुरोधा" के रूप में याद किया जाता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[द्वारका प्रसाद मिश्रा]] | |||
+[[रविशंकर शुक्ल]] | |||
-[[शिवराज सिंह चौहान]] | |||
-[[बाबूलाल गौर]] | |||
||[[चित्र:Pandit-Ravishankar-Shukla.jpg|right|100px|border|रविशंकर शुक्ल]]'रविशंकर शुक्ल' [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के प्रसिद्ध नेता तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। वे [[1 नवम्बर]], [[1956]] को अस्तित्व में आये नये राज्य [[मध्य प्रदेश]] के प्रथम [[मुख्यमंत्री]] नियुक्त हुए थे। [[रविशंकर शुक्ल|पण्डित रविशंकर शुक्ल]] को '''नये मध्य प्रदेश के पुरोधा''' के रूप में स्मरण किया जाता है। रविशंकर शुक्ल ने [[1906]] से रायपुर में वकालत प्रारंभ की थी। वे स्वतंत्रता आन्दोलनों में भी भाग लेते रहे। सन [[1926]] से [[1937]] तक वे 'रायपुर ज़िला बोर्ड' के सदस्य रहे। [[1936]] में प्रांतीय धारा सभा के चुनाव में शुक्ल जी विजयी हुए और डॉ. खरे द्वारा त्यागपत्र देने के बाद [[अगस्त]], [[1938]] से [[10 नवम्बर]], [[1939]] तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रविशंकर शुक्ल]] | |||
{'द ग्रेट ओशन ट्रेड मार्ग' किस [[महासागर]] से होकर गुजरता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[हिन्द महासागर]] | |||
-[[प्रशान्त महासागर]] | |||
+[[अटलांटिक महासागर|उत्तरी अटलांटिक महासागर]] | |||
-[[आर्कटिक महासागर]] | |||
||[[चित्र:Atlantic-Ocean.jpg|right|100px|border|अटलांटिक महासागर]]'अटलांटिक महासागर' अथवा 'अंध महासागर' उस विशाल जलराशि को कहते हैं, जो [[यूरोप]] तथा [[अफ़्रीका|अफ़्रीका महाद्वीप]] को नई दुनिया के महाद्वीपों से पृथक् करती है। इस [[महासागर]] का आकार लगभग [[अंग्रेज़ी]] के अंक '8' के समान है। लंबाई की अपेक्षा इसकी चौड़ाई बहुत कम है। [[आर्कटिक महासागर]], जो बेरिंग जल डमरूमध्य से उत्तरी ध्रुव होता हुआ स्पिट्सबर्जेन और ग्रीनलैंड तक विस्तृत है, मुख्यतः [[अटलांटिक महासागर]] का ही एक भाग है। संसार की कुछ बहुत ही ख़तरनाक जगहों में से एक '[[बरमूडा त्रिकोण]]' अटलांटिक महासागर में ही है। यह त्रिकोण अटलांटिक महासागर का वह भाग है, जिसे 'दानवी त्रिकोण', 'शैतानी त्रिभुज', 'मौत का त्रिकोण' या 'भुतहा त्रिकोण' भी कहा जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अटलांटिक महासागर]] | |||
{अविश्वास प्रस्ताव के कारण सर्वप्रथम किस [[प्रधानमंत्री]] को अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था? | |||
|type="()"} | |||
+[[मोरारजी देसाई]] | |||
-[[चरण सिंह]] | |||
-[[विश्वनाथ प्रताप सिंह]] | |||
-[[इंदिरा गाँधी]] | |||
||[[चित्र:Morarji Desai.jpg|right|100px|border|मोरारजी देसाई]]'मोरारजी देसाई' को [[भारत]] के चौथे [[प्रधानमंत्री]] के रूप में जाना जाता है। वह 81 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने थे। इसके पूर्व कई बार उन्होंने प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की, परंतु असफल रहे। लेकिन ऐसा नहीं हैं कि मोरारजी प्रधानमंत्री बनने के क़ाबिल नहीं थे। वस्तुत: वह दुर्भाग्यशाली रहे कि वरिष्ठतम नेता होने के बावज़ूद उन्हें [[पंडित नेहरू]] और [[लालबहादुर शास्त्री]] के निधन के बाद भी प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया। [[मोरारजी देसाई]] [[मार्च]], [[1977]] में देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में इनका कार्यकाल पूर्ण नहीं हो पाया और [[चौधरी चरण सिंह]] से मतभेदों के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोरारजी देसाई]] | |||
</quiz> | </quiz> | ||
{{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली दिसम्बर 2017]] |अगली=[[पहेली फ़रवरी 2018]]}} | {{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली दिसम्बर 2017]] |अगली=[[पहेली फ़रवरी 2018]]}} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | {{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | ||
[[Category:भारतकोश पहेली]] | [[Category:भारतकोश पहेली]] | ||
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