चित्र:Daagh-Dehlvi.jpg
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Daagh-Dehlvi.jpg (142 × 190 चित्रतत्व, संचिका का आकार: 5 KB, माइम प्रकार: image/jpeg)
चित्र का इतिहास
फ़ाइल पुराने समय में कैसी दिखती थी यह जानने के लिए वांछित दिनांक/समय पर क्लिक करें।
दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
---|---|---|---|---|---|
वर्तमान | 05:46, 16 मई 2013 | ![]() | 142 × 190 (5 KB) | रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) |
आप इस चित्र को ओवर्राइट नहीं कर सकते।
चित्र का उपयोग
46 ये पृृष्ठ इस चित्र का इस्तेमाल करते हैं:
- अच्छी सूरत पे -दाग़ देहलवी
- अजब अपना हाल होता -दाग़ देहलवी
- आफ़त की शोख़ियाँ हैं -दाग़ देहलवी
- आरजू है वफ़ा करे कोई -दाग़ देहलवी
- उज्र आने में भी है और बुलाते भी नहीं -दाग़ देहलवी
- उनके एक जां-निसार हम भी हैं -दाग़ देहलवी
- कहाँ थे रात को हमसे ज़रा निगाह मिले -दाग़ देहलवी
- काबे की है हवस कभी कू-ए-बुताँ की है -दाग़ देहलवी
- क्या लुत्फ़-ए-सितम यूँ उन्हें हासिल नहीं होता -दाग़ देहलवी
- क्यों चुराते हो देखकर आँखें -दाग़ देहलवी
- ग़ज़ब किया, तेरे वादे पे ऐतबार किया -दाग़ देहलवी
- ग़म से कहीं नजात मिले चैन पाएँ हम -दाग़ देहलवी
- जवानी गुज़र गयी -दाग़ देहलवी
- ज़बाँ हिलाओ तो हो जाए, फ़ैसला दिल का -दाग़ देहलवी
- डरते हैं चश्म-ओ-ज़ुल्फ़, निगाह-ओ-अदा से हम -दाग़ देहलवी
- तुम्हारे ख़त में नया इक सलाम किस का था -दाग़ देहलवी
- तेरी महफ़िल में यह कसरत कभी थी -दाग़ देहलवी
- दर्द बन के दिल में आना -दाग़ देहलवी
- दाग़ देहलवी
- दिल को क्या हो गया ख़ुदा जाने -दाग़ देहलवी
- दिल गया तुम ने लिया हम क्या करें -दाग़ देहलवी
- न जाओ हाल-ए-दिल-ए-ज़ार देखते जाओ -दाग़ देहलवी
- न बदले आदमी जन्नत से भी बैतुल-हज़न अपना -दाग़ देहलवी
- न रवा कहिये न सज़ा कहिये -दाग़ देहलवी
- पर्दे-पर्दे में आताब अच्छे नहीं -दाग़ देहलवी
- पुकारती है ख़ामोशी मेरी फ़ुगां की तरह -दाग़ देहलवी
- फिर शब-ए-ग़म ने मुझे शक्ल दिखाई क्योंकर -दाग़ देहलवी
- फिरे राह से वो यहाँ आते आते -दाग़ देहलवी
- बुतान-ए-माहवश उजड़ी हुई मंज़िल में रहते हैं -दाग़ देहलवी
- मुमकिन नहीं कि तेरी मुहब्बत की बू न हो -दाग़ देहलवी
- मुहब्बत में करे क्या कुछ किसी से हो नहीं सकता -दाग़ देहलवी
- मेरे क़ाबू में न पहरों दिल-ए-नाशाद आया -दाग़ देहलवी
- ये जो है हुक़्म मेरे पास न आए कोई -दाग़ देहलवी
- रंज की जब गुफ्तगू होने लगी -दाग़ देहलवी
- रस्म-ए-उल्फ़त सिखा गया कोई -दाग़ देहलवी
- रू-ए- अनवर नहीं देखा जाता -दाग़ देहलवी
- लुत्फ़ इश्क़ में पाए हैं कि जी जानता है -दाग़ देहलवी
- ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा -दाग़ देहलवी
- शौक़ है उसको ख़ुदनुमाई का -दाग़ देहलवी
- सितम ही करना जफ़ा ही करना -दाग़ देहलवी
- हम तुझको किस हवस की फलक जुस्तुजू करें -दाग़ देहलवी
- हर बार मांगती है नया चश्म-ए-यार दिल -दाग़ देहलवी
- हसरतें ले गए -दाग़ देहलवी
- हुस्न-ए-अदा भी खूबी-ए-सीरत में चाहिए -दाग़ देहलवी
- भारतकोश:भारत कोश हलचल/24 मई
- भारतकोश:भारत कोश हलचल/25 मई