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'''खुर्शीद अनवर''' ने अपनी मेधा को संगीत क्षेत्र में लाकर अत्यन्त कर्णप्रिय धुनें उन्होंने बनाई। [[नौशाद]], रोशन, [[शंकर जयकिशन]] जैसे संगीतकार खुर्शीद अनवर को पाँचवे दशक के सर्वोत्तम संगीतकारों में मानते थे।  
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'''खुर्शीद अनवर''' ने अपनी मेधा को संगीत क्षेत्र में लाकर अत्यन्त कर्णप्रिय धुनें बनाई। [[नौशाद]], रोशन, [[शंकर जयकिशन]] जैसे संगीतकार खुर्शीद अनवर को पाँचवें दशक के सर्वोत्तम संगीतकारों में मानते थे।  
 
==परिचय==
 
==परिचय==
खुर्शीद अनवर का जन्म [[21 मार्च]], [[1912]] को मियाँवाली, [[पंजाब]] (अब [[पाकिस्तान]]) में हुआ था। उनके नाना ख़ान बहादुर डॉ. शेख़ अट्टा मोहम्मद सिविल सर्जन और उनके पिता ख़्वाजा फ़िरोज़ुद्दीन अहमद [[लाहौर]] के एक जानेमाने बैरिस्टर थे। [[1947]] में देश के विभाजन के बाद वह [[भारत]] से पाकिस्तान जा बसे।<ref>{{cite web |url=http://radioplaybackindia.blogspot.in/search/label/khursheed%20anwar |title="दिल आने के ढंग निराले हैं" - वाक़ई निराला था ख़ुर्शीद अनवर का संगीत जिनकी आज 101-वीं जयन्ती है! |accessmonthday=24 जून |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=radioplaybackindia.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>  
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खुर्शीद अनवर का जन्म [[21 मार्च]], [[1912]] को मियाँवाली, [[पंजाब]] (अब [[पाकिस्तान]]) में हुआ था। उनके नाना ख़ान बहादुर डॉ. शेख़ अट्टा मोहम्मद सिविल सर्जन और उनके पिता ख़्वाजा फ़िरोज़ुद्दीन अहमद [[लाहौर]] के एक जानेमाने बैरिस्टर थे। [[1947]] में देश के विभाजन के बाद वह [[भारत]] से पाकिस्तान जा बसे।<ref>{{cite web |url=http://radioplaybackindia.blogspot.in/search/label/khursheed%20anwar |title="दिल आने के ढंग निराले हैं" - वाक़ई निराला था ख़ुर्शीद अनवर का संगीत जिनकी आज 101-वीं जयन्ती है! |accessmonthday=24 जून |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=radioplaybackindia.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>  
 
====शिक्षा====
 
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खुर्शीद अनवर अपने [[नाना]] और [[पिता]] की ही तरह मेधावी भी थे। वे सरकारी कॉलेज, [[लाहौर]] के एक मेधावी छात्र रहे। खुर्शीद अनवर ने [[पंजाब विश्वविद्यालय]] के कॉलेज से एम.ए [[दर्शनशास्त्र]] में प्रथम श्रेणी में उत्तीण किया। उसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित ICS परीक्षा दी और उसमें सफल भी हुए। लेकिन उन्होंने उसके साक्षात्कार चरण में शामिल न होकर संगीत के क्षेत्र को चुना।
 
खुर्शीद अनवर अपने [[नाना]] और [[पिता]] की ही तरह मेधावी भी थे। वे सरकारी कॉलेज, [[लाहौर]] के एक मेधावी छात्र रहे। खुर्शीद अनवर ने [[पंजाब विश्वविद्यालय]] के कॉलेज से एम.ए [[दर्शनशास्त्र]] में प्रथम श्रेणी में उत्तीण किया। उसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित ICS परीक्षा दी और उसमें सफल भी हुए। लेकिन उन्होंने उसके साक्षात्कार चरण में शामिल न होकर संगीत के क्षेत्र को चुना।
 
==संगीत की शिक्षा==
 
==संगीत की शिक्षा==
खुर्शीद अनवर के पिता को संगीत का इतना ज़्यादा शौक था कि उनके पास ग्रामोफ़ोन रेकॉर्ड्स का एक बहुत बड़ा संग्रह था। इस तरह से बेटे खुर्शीद को घर पर ही [[संगीत]] का माहौल मिल गया। बेटे की संगीत में दिलचस्पी के मद्देनज़र उनके [[पिता]] ने उन्हें ख़ानसाहिब तवक्कल हुसैन के पास संगीत सीखने भेज दिया। खुर्शीद अनवर ने अपनी मेधा को संगीत क्षेत्र में लाकर अत्यन्त कर्णप्रिय धुनें उन्होंने बनाई। नौशाद, रोशन, शंकर जयकिशन जैसे संगीतकार खुर्शीद अनवर को पाँचवे दशक के सर्वोत्तम संगीतकारों में मानते थे।
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खुर्शीद अनवर के पिता को संगीत का इतना ज़्यादा शौक था कि उनके पास ग्रामोफ़ोन रेकॉर्ड्स का एक बहुत बड़ा संग्रह था। इस तरह से बेटे खुर्शीद को घर पर ही [[संगीत]] का माहौल मिल गया। बेटे की संगीत में दिलचस्पी के मद्देनज़र उनके [[पिता]] ने उन्हें ख़ानसाहिब तवक्कल हुसैन के पास संगीत सीखने भेज दिया। खुर्शीद अनवर ने अपनी मेधा को संगीत क्षेत्र में लाकर अत्यन्त कर्णप्रिय धुनें बनाई। नौशाद, रोशन, शंकर जयकिशन जैसे संगीतकार खुर्शीद अनवर को पाँचवें दशक के सर्वोत्तम संगीतकारों में मानते थे।
  
 
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ख़्वाजा खुर्शीद अनवर विषय सूची
ख़्वाजा खुर्शीद अनवर का जीवन परिचय
ख़्वाजा खुर्शीद अनवर
पूरा नाम ख़्वाजा खुर्शीद अनवर
जन्म 21 मार्च, 1912
जन्म भूमि पंजाब, (अब पाकिस्तान)
मृत्यु 30 अक्टूबर, 1984
मृत्यु स्थान लाहौर
अभिभावक ख़्वाजा फ़िरोज़ुद्दीन अहमद
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र संगीतकार
मुख्य फ़िल्में कुड़माई, इशारा, सिंगार, परख, यतीम
विषय दर्शनशास्त्र
शिक्षा एम.ए
विद्यालय पंजाब विश्वविद्यालय
अन्य जानकारी खुर्शीद अनवर दर्शनशास्त्र में प्रथम श्रेणी आने के बाद प्रतिष्ठित ICS परीक्षा के लिखित चरण में शामिल हुए और सफल भी हुए। परंतु उसके साक्षात्कार चरण में शामिल न होकर संगीत के क्षेत्र को उन्होंने अपना कॅरियर चुना।
अद्यतन‎

खुर्शीद अनवर ने अपनी मेधा को संगीत क्षेत्र में लाकर अत्यन्त कर्णप्रिय धुनें बनाई। नौशाद, रोशन, शंकर जयकिशन जैसे संगीतकार खुर्शीद अनवर को पाँचवें दशक के सर्वोत्तम संगीतकारों में मानते थे।

परिचय

खुर्शीद अनवर का जन्म 21 मार्च, 1912 को मियाँवाली, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनके नाना ख़ान बहादुर डॉ. शेख़ अट्टा मोहम्मद सिविल सर्जन और उनके पिता ख़्वाजा फ़िरोज़ुद्दीन अहमद लाहौर के एक जानेमाने बैरिस्टर थे। 1947 में देश के विभाजन के बाद वह भारत से पाकिस्तान जा बसे।[1]

शिक्षा

खुर्शीद अनवर अपने नाना और पिता की ही तरह मेधावी भी थे। वे सरकारी कॉलेज, लाहौर के एक मेधावी छात्र रहे। खुर्शीद अनवर ने पंजाब विश्वविद्यालय के कॉलेज से एम.ए दर्शनशास्त्र में प्रथम श्रेणी में उत्तीण किया। उसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित ICS परीक्षा दी और उसमें सफल भी हुए। लेकिन उन्होंने उसके साक्षात्कार चरण में शामिल न होकर संगीत के क्षेत्र को चुना।

संगीत की शिक्षा

खुर्शीद अनवर के पिता को संगीत का इतना ज़्यादा शौक था कि उनके पास ग्रामोफ़ोन रेकॉर्ड्स का एक बहुत बड़ा संग्रह था। इस तरह से बेटे खुर्शीद को घर पर ही संगीत का माहौल मिल गया। बेटे की संगीत में दिलचस्पी के मद्देनज़र उनके पिता ने उन्हें ख़ानसाहिब तवक्कल हुसैन के पास संगीत सीखने भेज दिया। खुर्शीद अनवर ने अपनी मेधा को संगीत क्षेत्र में लाकर अत्यन्त कर्णप्रिय धुनें बनाई। नौशाद, रोशन, शंकर जयकिशन जैसे संगीतकार खुर्शीद अनवर को पाँचवें दशक के सर्वोत्तम संगीतकारों में मानते थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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