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'''अगस्त्यकूडम''' [[केरल]] की राजधानी [[तिरुअनंतपुरम]] में स्थित एक वन हैं।
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'''अगस्त्यकूडम''' [[केरल]] की राजधानी [[तिरुअनंतपुरम]] में स्थित वनाच्छादित एक पहाड़ी है। माना जाता है कि अगस्त्य वन पौराणिक कथाओं के पात्र [[अगस्त्य|ऋषि अगस्त्य]] का निवास स्थल हुआ करता था। इसके चारों ओर ट्रेकिंग के रास्ते और घने वन हैं। इस पहाड़ी पर दुर्लभ जड़ी-बूटियां तथा औषधीय पौधे बहुतायत से मिलते हैं।
*ऐसा माना जाता है कि '''अगस्त्यकूडम''' त्रृषि [[अगस्त्य]] का निवास स्थान था।
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*समुद्रतल से 1890 मी. ऊपर स्थित यह जगह केरल का दूसरा सबसे ऊंचा स्‍थान है।  
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*तिरुवनंतपुरम से 70 कि.मी. की दूरी तथा [[समुद्र]] तल से लगभग 1890 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह जगह [[केरल]] का दूसरा सबसे ऊंचा स्‍थान है।  
*सह्याद्रि पर्वत शृंखला का हिस्सा अगस्त्यकूडम के जंगल अपने यहाँ मिलने वाली जड़ी बूटियों और वनस्पति के लिए जाना जाता हैं।  
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*सह्याद्रि पर्वत शृंखला के हिस्से अगस्त्यकूडम के जंगल अपने यहाँ मिलने वाली जड़ी बूटियों और वनस्पति के लिए जाने जाते हैं।
*यहाँ मिलने वाली चिकित्सीय औषधियों की संख्या 2000 से भी ज़्यादा है।  
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*यहाँ मिलने वाली चिकित्सीय औषधियों की संख्या 2000 से भी ज़्यादा है।
*वनस्पतियों के अलावा इस जंगल में [[हाथी]], [[शेर]], [[तेंदुआ]], जंगली सूअर, जंगली बिल्ली और धब्बेदार हिरन जैसे जानवर भी मिलते हैं।  
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*वनस्पतियों के अलावा इस जंगल में [[हाथी]], [[शेर]], [[तेंदुआ]], जंगली सूअर, जंगली बिल्ली और धब्बेदार हिरन जैसे जानवर भी मिलते हैं।
*1992 में 23 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को अगस्त्य वन को बायोलॉजिकल पार्क बना दिया गया था।  
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*अगस्त्यकूडम की ढालों पर जब ‘नीलकुरिंजी’ के [[रंग]]-बिरंगे [[फूल]] खिलते हैं तो यह और भी मनोरम हो उठता है। ‘नीलकुरिंजी’ एक ऐसा फूल है, जो बारह वर्षों में एक बार खिलता है।
*ऐसा करने के पीछे मुख्य उद्देश्य इस स्थान का शैक्षणिक प्रयोग करना था।  
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*[[1992]] में 23 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को अगस्त्य वन को बायोलॉजिकल पार्क बना दिया गया था। ऐसा करने के पीछे मुख्य उद्देश्य इस स्थान का शैक्षणिक प्रयोग करना था।
*ट्रैकिंग के शौक़ीनों के लिए यह स्थान उपयुक्त है।  
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*अगस्त्यकूडम का पहाड़ी परिवेश ट्रैकिंग के शौक़ीनों के लिए बिल्कुल उपयुक्त स्थान है। इसके लिए [[दिसंबर]] से [[अप्रॅल]] के बीच यहाँ आ सकते हैं।
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*[http://yatrasalah.com/touristPlaces.aspx?id=383 यात्रा सलाह]
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*[https://www.keralatourism.org/hindi/destination/destination.php?id=38 केरल पर्यटन]
 
==संबंधित लेख==
 
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08:07, 25 जून 2014 का अवतरण

अगस्त्यकूडम, तिरुअनंतपुरम

अगस्त्यकूडम केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में स्थित वनाच्छादित एक पहाड़ी है। माना जाता है कि अगस्त्य वन पौराणिक कथाओं के पात्र ऋषि अगस्त्य का निवास स्थल हुआ करता था। इसके चारों ओर ट्रेकिंग के रास्ते और घने वन हैं। इस पहाड़ी पर दुर्लभ जड़ी-बूटियां तथा औषधीय पौधे बहुतायत से मिलते हैं।

  • तिरुवनंतपुरम से 70 कि.मी. की दूरी तथा समुद्र तल से लगभग 1890 मीटर की ऊँचाई पर स्थित यह जगह केरल का दूसरा सबसे ऊंचा स्‍थान है।
  • सह्याद्रि पर्वत शृंखला के हिस्से अगस्त्यकूडम के जंगल अपने यहाँ मिलने वाली जड़ी बूटियों और वनस्पति के लिए जाने जाते हैं।
  • यहाँ मिलने वाली चिकित्सीय औषधियों की संख्या 2000 से भी ज़्यादा है।
  • वनस्पतियों के अलावा इस जंगल में हाथी, शेर, तेंदुआ, जंगली सूअर, जंगली बिल्ली और धब्बेदार हिरन जैसे जानवर भी मिलते हैं।
  • अगस्त्यकूडम की ढालों पर जब ‘नीलकुरिंजी’ के रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं तो यह और भी मनोरम हो उठता है। ‘नीलकुरिंजी’ एक ऐसा फूल है, जो बारह वर्षों में एक बार खिलता है।
  • 1992 में 23 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को अगस्त्य वन को बायोलॉजिकल पार्क बना दिया गया था। ऐसा करने के पीछे मुख्य उद्देश्य इस स्थान का शैक्षणिक प्रयोग करना था।
  • अगस्त्यकूडम का पहाड़ी परिवेश ट्रैकिंग के शौक़ीनों के लिए बिल्कुल उपयुक्त स्थान है। इसके लिए दिसंबर से अप्रॅल के बीच यहाँ आ सकते हैं।
  • अगस्त्यकूडम की चोटी पर महिलाओं को चढ़ने की अनुमति नहीं है। माना जाता है कि यह स्थान पुराणों में वर्णित ऋषि अगस्त्य का निवास स्थान था। चूंकि वे ब्रह्मचारी थे, इसलिए अपरिचित स्त्रियों से स्वयं को दूर रखते थे।
  • इस स्थान तक पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन 'तिरुवनंतपुरम सेंट्रल' है, जो बोनाकॉड से लगभग 61 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा 'तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा' है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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