"अष्टाङ्ग शील बौद्ध निकाय" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{बौद्ध दर्शन2}}" to "{{बौद्ध धर्म}}")
छो (Text replace - "{{बौद्ध दर्शन}}" to "")
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
 
{{अठारह बौद्ध निकाय}}
 
{{अठारह बौद्ध निकाय}}
 
{{शील विमर्श}}
 
{{शील विमर्श}}
{{बौद्ध दर्शन}}
+
 
 
[[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]] [[Category:बौद्ध धर्म कोश]]__INDEX__
 
[[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]] [[Category:बौद्ध धर्म कोश]]__INDEX__

06:45, 17 मार्च 2011 का अवतरण

बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में अष्टाङ्ग शील की यह परिभाषा है:-

  1. प्राणि-हिंसा से विरत रहना,
  2. चोरी न करना,
  3. ब्रह्मचर्य का पालन करना,
  4. झूठ बोलने से विरत रहना,
  5. शराब आदि मादक द्रव्यों के सेवन से विरत रहना,
  6. दोपहर 12 बजे के बाद (विकाल में) भोजन न करना,
  7. नृत्य, गीत आदि न देखना, न सुनना तथा माला, सुगन्ध आदि का इस्तेमाल न करना तथा
  8. ऊँचे और श्रेष्ठ आसनों का त्याग करना।

संबंधित लेख