"नरेन्द्र मोदी" के अवतरणों में अंतर

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'''नरेन्द्र दामोदरदास मोदी''' (जन्म [[17 सितंबर]], [[1950]]) [[7 अक्टूबर]], [[2001]]) [[भारतीय जनता पार्टी]] के प्रसिद्ध नेता और वर्तमान में गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। 'केशुभाई पटेल' के इस्तीफे के बाद नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। नरेंद्र मोदी गुजरात के सबसे ज़्यादा लंबे समय तक राज करने वाले मुख्यमंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के अनुसार गुजरात में 'भारतीय जनता पार्टी' के वर्चस्व की मूल वजह वही हैं। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने दिसम्बर [[2002]] और फिर दिसम्बर [[2007]] में विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत हासिल किया।
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'''नरेन्द्र मोदी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Narendra Modi'', जन्म: [[17 सितंबर]], [[1950]]) [[भारतीय जनता पार्टी]] के प्रसिद्ध नेता और वर्तमान में [[गुजरात के मुख्यमंत्री]] हैं। 'केशुभाई पटेल' के इस्तीफे के बाद नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। नरेंद्र मोदी [[गुजरात]] के सबसे ज़्यादा लंबे समय तक राज करने वाले [[मुख्यमंत्री]] हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के अनुसार गुजरात में 'भारतीय जनता पार्टी' के वर्चस्व की मूल वजह वही हैं। नरेंद्र मोदी [[7 अक्तूबर]], [[2001]] से अब तक लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हैं। इन्हें वर्ष [[2014]] के लोकसभा चुनाव में भारत की प्रमुख पार्टी [[भारतीय जनता पार्टी]] की ओर से प्रधानमन्त्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया तथा इन्होंने [[उत्तर प्रदेश]] की सांस्कृतिक नगरी [[वाराणसी]] एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से चुनाव भारी मतों के अंतर से जीता।
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
नरेंद्र मोदी को अपने बाल्यकाल से कई तरह की विषमताओं एवं विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है किन्तु अपने उदात्त चरित्रबल एवं साहस से उन्होंने तमाम अवरोधों को अवसर में बदल दिया, विशेषकर जब उन्‍होने उच्च शिक्षा हेतु कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। उन दिनों वे कठोर संद्यर्ष एवं दारुण मन:ताप से घिरे थे, परन्तु् अपने जीवन- समर को उन्होंने सदैव एक योद्धा-सिपाही की तरह लड़ा है। आगे क़दम बढ़ाने के बाद वे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते, साथ-साथ पराजय उन्हें स्वीकार्य नहीं है। अपने व्‍यक्‍तित्‍व की इन्‍हीं विशेषताओं के चलते उन्होंने राजनीति शास्त्र विषय के साथ अपनी एम.ए की पढ़ाई पूरी की।<ref name="ram">{{cite web |url=http://www.narendramodi.in/ |title=आधिकारिक वेबसाइट |accessmonthday=24 सितंबर |accessyear=2010 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]], अंग्रेज़ी }}</ref>
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नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को [[गुजरात]] के वडनगर में अन्य पिछड़ा वर्ग के एक मध्यम वर्गीय [[परिवार]] में हुआ था। वे दामोदरदास मूलचंद मोदी और उनकी पत्नी हीराबेन के छह बच्चों में से तीसरे हैं। बचपन से ही वे [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] से जुड़े रहे हैं और किशोरावस्था से ही उनका राजनीति के प्रति झुकाव था। नरेंद्र मोदी पूरी तरह से शाकाहारी व्यक्ति हैं। एक युवा के तौर पर वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं लेकिन इससे भी पहले साठ के दशक में [[भारत-पाकिस्तान युद्ध|भारत-पाक युद्ध]] के दौरान किशोर नरेंद्र मोदी रेलवे स्टेशनों से गुजरने वाले सैनिकों की मदद करने के लिए एक स्वयंसेवक के रूप में सक्रिय रहे हैं। एक किशोर के तौर पर उन्होंने अपने भाई के साथ एक टी स्टाल भी चलाया है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वडनगर में ही रहकर पूरी की। बाद में, उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री ली।<ref name="वेबदुनिया">{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/news-profile/%E0%A4%A8%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2-1130108086_1.htm|title=नरेंद्र मोदी : प्रोफाइल |accessmonthday=18 मई |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वेबदुनिया हिंदी |language=[[हिन्दी]]}}</ref> नरेंद्र मोदी को अपने बाल्यकाल से कई तरह की विषमताओं एवं विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है किन्तु अपने उदात्त चरित्रबल एवं साहस से उन्होंने तमाम अवरोधों को अवसर में बदल दिया, विशेषकर जब उन्‍होने उच्च शिक्षा हेतु कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। उन दिनों वे कठोर संद्यर्ष एवं दारुण मन:ताप से घिरे थे, परन्तु् अपने जीवन- समर को उन्होंने सदैव एक योद्धा-सिपाही की तरह लड़ा है। आगे क़दम बढ़ाने के बाद वे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते, साथ-साथ पराजय उन्हें स्वीकार्य नहीं है। अपने व्‍यक्‍तित्‍व की इन्‍हीं विशेषताओं के चलते उन्होंने राजनीति शास्त्र विषय के साथ अपनी एम.ए. की पढ़ाई पूरी की।<ref name="ram">{{cite web |url=http://www.narendramodi.in/ |title=आधिकारिक वेबसाइट |accessmonthday=24 सितंबर |accessyear=2010 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]], अंग्रेज़ी }}</ref>
 
 
==राजनीतिक जीवन==
 
==राजनीतिक जीवन==
[[1984]] में देश के प्रसिद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन, [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] (आर.एस.एस) के स्वयं सेवक के रूप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की। यहीं उन्हें निस्वार्थता, सामाजिक दायित्वबोध, समर्पण और देशभक्‍ति के विचारों को आत्म सात करने का अवसर मिला। अपने संघ कार्य के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। फिर चाहे वह 1974 में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ चलाया गया आंदोलन हो, या 19 महीने (जून 1975 से जनवरी 1977) चला अत्यंत प्रताडि़त करने वाला 'आपात काल' हो।  
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[[1984]] में देश के प्रसिद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन, [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] (आर.एस.एस) के स्वयं सेवक के रूप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की। यहीं उन्हें निस्वार्थता, सामाजिक दायित्वबोध, समर्पण और देशभक्‍ति के विचारों को आत्म सात करने का अवसर मिला। अपने संघ कार्य के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। फिर चाहे वह [[1974]] में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ चलाया गया आंदोलन हो, या 19 महीने ([[जून]] [[1975]] से [[जनवरी]] [[1977]]) चला अत्यंत प्रताडि़त करने वाला 'आपात काल' हो।  
 
====भाजपा में प्रवेश====
 
====भाजपा में प्रवेश====
[[1987]] में भाजपा ([[भारतीय जनता पार्टी]]) में प्रवेश कर उन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में क़दम रखा। सिर्फ़ एक साल के भीतर ही उनको गुजरात इकाई के प्रदेश महामंत्री (जनरल सेक्रेटरी) के रूप में पदोन्नत कर दिया गया। तब तक उन्होंने एक अत्यंत ही कार्यक्षम व्यवस्थापक के रूप में प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी। पार्टी को संगठित कर उसमें नई शक्ति का संचार करने का चुनौतीपूर्ण काम भी उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस दौरान पार्टी को राजनीतिक गति प्राप्त होती गई और अप्रैल, [[1990]] में केन्द्र में साझा सरकार का गठन हुआ। हालांकि यह गठबंधन कुछ ही महीनो तक चला, लेकिन [[1995]] में भाजपा अपने ही बलबूते पर गुजरात में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में आई।
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[[1987]] में भाजपा ([[भारतीय जनता पार्टी]]) में प्रवेश कर उन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में क़दम रखा। सिर्फ़ एक साल के भीतर ही उनको गुजरात इकाई के प्रदेश महामंत्री (जनरल सेक्रेटरी) के रूप में पदोन्नत कर दिया गया। तब तक उन्होंने एक अत्यंत ही कार्यक्षम व्यवस्थापक के रूप में प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी। पार्टी को संगठित कर उसमें नई शक्ति का संचार करने का चुनौतीपूर्ण काम भी उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस दौरान पार्टी को राजनीतिक गति प्राप्त होती गई और [[अप्रैल]], [[1990]] में केन्द्र में साझा सरकार का गठन हुआ। हालांकि यह गठबंधन कुछ ही महीनो तक चला, लेकिन [[1995]] में भाजपा अपने ही बलबूते पर गुजरात में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में आई। वर्ष [[1998]] में पार्टी के सबसे बड़े नेता [[लालकृष्ण आडवाणी]] ने तब उनसे [[गुजरात]] और [[हिमाचल प्रदेश]] में चुनावों की कमान संभालने को कहा था।
 
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====गुजरात के मुख्यमंत्री====
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विश्वविद्यालय की अपनी शिक्षा के दौरान ही मोदी संघ के पूर्ण कालिक प्रचारक बन गए थे। बाद में उन्होंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया था और शंकर सिंह वाघेला के साथ मिलकर गुजरात में भाजपा कार्यकर्ताओं का एक मजबूत आधार तैयार किया। शुरुआती दिनों में जहां वाघेला को जनता का नेता माना जाता था वहीं मोदी की ख्याति एक कुशल रणनीतिकार की थी। [[अप्रैल]] [[1990]] में जहां पार्टी को केन्द्र में गठबंधन सरकार बनाने का मौका मिला। केन्द्र में सरकार भले ही लम्बे समय तक नहीं चल सकी हो लेकिन [[1995]] में गुजरात में [[भाजपा]] ने दो तिहाई बहुमत हासिल किया। [[लाल कृष्ण आडवाणी]] ने नरेन्द्र मोदी को दो महत्वपूर्ण कामों की जिम्मेदारी सौंपी। एक थी कि [[सोमनाथ]] से [[अयोध्या]] तक रथ यात्रा की तैयारी करना। इसी तरह का दूसरा मार्च [[कन्याकुमारी]] से [[कश्मीर]] तक के लिए रखा गया। राज्य में शंकर सिंह वाघेला के पार्टी से निकल जाने के बाद केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया और नरेंद्र मोदी मोदी को पार्टी का महासचिव बनाकर [[नई दिल्ली]] भेज दिया गया। पर [[2001]] में पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को केशूभाई का उत्तराधिकारी चुन लिया। नरेन्द्र मोदी ने चुनाव जीता और वे [[गुजरात के मुख्यमंत्री]] बने रहे। तब उन्होंने राज्य की 182 विधान सभा सीटों में से पार्टी को 122 सीटों पर जीत दिलाई। तब से अबत्क नरेन्द्र मोदी ही राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। गुजरात में [[2012]] में हुए विधानसभा चुनावों में भी नरेन्द्र मोदी का ही जादू चला और वे अपनी पार्टी को सत्ता में बनाए रखने में कामयाब रहे। मणिनगर सीट से उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी श्वेता भट्‍ट (आईपीएस अधिकारी संजीव भट्‍ट की पत्नी) को 86 हजार से अधिक वोटों से हराया। राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर विदेशों से निवेश आकृष्ट करने के लिए नरेन्द्र  मोदी [[चीन]], [[सिंगापुर]] और [[जापान]] की यात्राएं कर चुके हैं।<ref name="वेबदुनिया"/>
 
==व्यक्तित्व==
 
==व्यक्तित्व==
 
[[चित्र:Narendra-Modi-1.jpg|thumb|नरेन्द्र मोदी]]
 
[[चित्र:Narendra-Modi-1.jpg|thumb|नरेन्द्र मोदी]]
नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है, लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। नरेन्द्र मोदी को शिक्षा-व्यवस्था में पूरा विश्वास है। एक ऐसी शिक्षा-व्यवस्था जो मनुष्य के आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज को अँधेरे, मायूसी और ग़रीबी के विषचक्र से मुक्ति दिलाये। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नरेन्द्र मोदी की गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने गुजरात को '''ई-गवर्न्ड''' राज्य बना दिया है और प्रौद्योगिकी के कई नवोन्मेषी प्रयोग सुनिश्चित किये हैं। ‘स्वागत ऑनलाइन’ और ‘टेलि फरियाद’ जैसे नवीनतम प्रयासों से ई-पारदर्शिता आई है, जिसमें आम नागरिक सीधा प्रशासन के उच्चतम कार्यालय का संपर्क कर सकता है। जनशक्ति में अखण्ड विश्वास रखने वाले नरेन्द्र मोदी ने बखूबी क़रीब पाँच लाख कर्मचारियों की मज़बूत टीम की रचना की है। नरेन्द्र मोदी यथार्थवादी होने के साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट कर भरा है। उनकी हमेशा एक उदात्त धारणा रही है कि असफलता नहीं, बल्कि उदेश्य का अनुदात्त होना अपराध है। वे मानते हैं कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य या लक्ष्य का परिज्ञान और कठोर अध्यवसाय अत्यंत ही आवश्यक गुण हैं।<ref name="ram">{{cite web |url=http://www.narendramodi.in/ |title=आधिकारिक वेबसाइट |accessmonthday=24 सितंबर |accessyear=2010 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]], अंग्रेज़ी }}</ref>
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नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है, लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। नरेन्द्र मोदी को शिक्षा-व्यवस्था में पूरा विश्वास है। एक ऐसी शिक्षा-व्यवस्था जो मनुष्य के आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज को अँधेरे, मायूसी और ग़रीबी के विषचक्र से मुक्ति दिलाये। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नरेन्द्र मोदी की गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने गुजरात को '''ई-गवर्न्ड''' राज्य बना दिया है और प्रौद्योगिकी के कई नवोन्मेषी प्रयोग सुनिश्चित किये हैं। ‘स्वागत ऑनलाइन’ और ‘टेलि फरियाद’ जैसे नवीनतम प्रयासों से ई-पारदर्शिता आई है, जिसमें आम नागरिक सीधा प्रशासन के उच्चतम कार्यालय का संपर्क कर सकता है। जनशक्ति में अखण्ड विश्वास रखने वाले नरेन्द्र मोदी ने बखूबी क़रीब पाँच लाख कर्मचारियों की मज़बूत टीम की रचना की है। नरेन्द्र मोदी यथार्थवादी होने के साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट कर भरा है। उनकी हमेशा एक उदात्त धारणा रही है कि असफलता नहीं, बल्कि उदेश्य का अनुदात्त होना अपराध है। वे मानते हैं कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य या लक्ष्य का परिज्ञान और कठोर अध्यवसाय अत्यंत ही आवश्यक गुण हैं।<ref name="ram">{{cite web |url=http://www.narendramodi.in/ |title=आधिकारिक वेबसाइट |accessmonthday=24 सितंबर |accessyear=2010 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]], अंग्रेज़ी }}</ref>नरेन्द्र मोदी को मितव्ययी और मिताहारी के तौर पर जाना जाता है। उनके निजी स्टाफ में केवल तीन लोग हैं। अंतर्मुखी मोदी को हमेशा ही काम करते रहने वाले व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है। वे कभी-कभी बिजनेस सूट पहने भी नजर आते हैं लेकिन बहुत कम अवसरों पर। उन्होंने अपने राज्य में बिना सरकारी अनुमति के बने बहुत सारे मंदिरों को भी गिराने का आदेश दिया था जिसकी विश्व हिंदू परिषद ने आलोचना की थी। पर वे अपने विरोधियों को ज्यादा तरजीह नहीं देते हैं।
 
==पुरस्कार==
 
==पुरस्कार==
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकाल के दौरान राज्य के पृथक-पृथक क्षेत्रों में 60 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किये हैं। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया जा रहा है- <ref>{{cite web |url=http://www.narendramodi.in/pages/awards |title=नरेन्द्र मोदी अवार्ड |accessmonthday=24 सितंबर |accessyear=2010 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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*[http://www.bjp.org/leadership/shri-narendra-modi नरेन्द्र मोदी]
 
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*[http://www.narendramodi.in/author-poet-and-lot-morelife-beyond-politics/ नरेन्द्र मोदी: एक लेखक के रूप में]
 
*[http://www.narendramodi.in/author-poet-and-lot-morelife-beyond-politics/ नरेन्द्र मोदी: एक लेखक के रूप में]
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
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13:00, 18 मई 2014 का अवतरण

नरेन्द्र मोदी
Narendra-Modi.jpg
पूरा नाम नरेन्द्र दामोदरदास मोदी
जन्म 17 सितंबर, 1950
जन्म भूमि वड़नगर, मेहसाणा ज़िला, गुजरात
पति/पत्नी जशोदाबेन चिमनलाल
नागरिकता भारतीय
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद चौदहवें मुख्यमंत्री, गुजरात
कार्य काल 7 अक्टूबर, 2001 से अब तक
शिक्षा एम. ए. (राजनीति शास्त्र)
विद्यालय गुजरात विश्वविद्यालय
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी, गुजराती
पुरस्कार-उपाधि देश के सबसे श्रेष्ठ ई-गवर्न्ड राज्य का ELITEX 2007- पुरस्कार भारत की केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त।
अन्य जानकारी नरेंद्र मोदी गुजरात के सबसे ज़्यादा लंबे समय तक शासन करने वाले मुख्यमंत्री हैं।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट

नरेन्द्र मोदी (अंग्रेज़ी: Narendra Modi, जन्म: 17 सितंबर, 1950) भारतीय जनता पार्टी के प्रसिद्ध नेता और वर्तमान में गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। 'केशुभाई पटेल' के इस्तीफे के बाद नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। नरेंद्र मोदी गुजरात के सबसे ज़्यादा लंबे समय तक राज करने वाले मुख्यमंत्री हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के अनुसार गुजरात में 'भारतीय जनता पार्टी' के वर्चस्व की मूल वजह वही हैं। नरेंद्र मोदी 7 अक्तूबर, 2001 से अब तक लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हैं। इन्हें वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भारत की प्रमुख पार्टी भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमन्त्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया तथा इन्होंने उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी एवं अपने गृहराज्य गुजरात के वडोदरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगह से चुनाव भारी मतों के अंतर से जीता।

जीवन परिचय

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में अन्य पिछड़ा वर्ग के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। वे दामोदरदास मूलचंद मोदी और उनकी पत्नी हीराबेन के छह बच्चों में से तीसरे हैं। बचपन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं और किशोरावस्था से ही उनका राजनीति के प्रति झुकाव था। नरेंद्र मोदी पूरी तरह से शाकाहारी व्यक्ति हैं। एक युवा के तौर पर वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं लेकिन इससे भी पहले साठ के दशक में भारत-पाक युद्ध के दौरान किशोर नरेंद्र मोदी रेलवे स्टेशनों से गुजरने वाले सैनिकों की मदद करने के लिए एक स्वयंसेवक के रूप में सक्रिय रहे हैं। एक किशोर के तौर पर उन्होंने अपने भाई के साथ एक टी स्टाल भी चलाया है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वडनगर में ही रहकर पूरी की। बाद में, उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री ली।[1] नरेंद्र मोदी को अपने बाल्यकाल से कई तरह की विषमताओं एवं विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है किन्तु अपने उदात्त चरित्रबल एवं साहस से उन्होंने तमाम अवरोधों को अवसर में बदल दिया, विशेषकर जब उन्‍होने उच्च शिक्षा हेतु कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। उन दिनों वे कठोर संद्यर्ष एवं दारुण मन:ताप से घिरे थे, परन्तु् अपने जीवन- समर को उन्होंने सदैव एक योद्धा-सिपाही की तरह लड़ा है। आगे क़दम बढ़ाने के बाद वे कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखते, साथ-साथ पराजय उन्हें स्वीकार्य नहीं है। अपने व्‍यक्‍तित्‍व की इन्‍हीं विशेषताओं के चलते उन्होंने राजनीति शास्त्र विषय के साथ अपनी एम.ए. की पढ़ाई पूरी की।[2]

राजनीतिक जीवन

1984 में देश के प्रसिद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस) के स्वयं सेवक के रूप में उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की। यहीं उन्हें निस्वार्थता, सामाजिक दायित्वबोध, समर्पण और देशभक्‍ति के विचारों को आत्म सात करने का अवसर मिला। अपने संघ कार्य के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर महत्त्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। फिर चाहे वह 1974 में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ चलाया गया आंदोलन हो, या 19 महीने (जून 1975 से जनवरी 1977) चला अत्यंत प्रताडि़त करने वाला 'आपात काल' हो।

भाजपा में प्रवेश

1987 में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) में प्रवेश कर उन्होंने राजनीति की मुख्यधारा में क़दम रखा। सिर्फ़ एक साल के भीतर ही उनको गुजरात इकाई के प्रदेश महामंत्री (जनरल सेक्रेटरी) के रूप में पदोन्नत कर दिया गया। तब तक उन्होंने एक अत्यंत ही कार्यक्षम व्यवस्थापक के रूप में प्रतिष्ठा हासिल कर ली थी। पार्टी को संगठित कर उसमें नई शक्ति का संचार करने का चुनौतीपूर्ण काम भी उन्होंने स्वीकार कर लिया। इस दौरान पार्टी को राजनीतिक गति प्राप्त होती गई और अप्रैल, 1990 में केन्द्र में साझा सरकार का गठन हुआ। हालांकि यह गठबंधन कुछ ही महीनो तक चला, लेकिन 1995 में भाजपा अपने ही बलबूते पर गुजरात में दो तिहाई बहुमत हासिल कर सत्ता में आई। वर्ष 1998 में पार्टी के सबसे बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी ने तब उनसे गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनावों की कमान संभालने को कहा था।

गुजरात के मुख्यमंत्री

विश्वविद्यालय की अपनी शिक्षा के दौरान ही मोदी संघ के पूर्ण कालिक प्रचारक बन गए थे। बाद में उन्होंने राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट किया था और शंकर सिंह वाघेला के साथ मिलकर गुजरात में भाजपा कार्यकर्ताओं का एक मजबूत आधार तैयार किया। शुरुआती दिनों में जहां वाघेला को जनता का नेता माना जाता था वहीं मोदी की ख्याति एक कुशल रणनीतिकार की थी। अप्रैल 1990 में जहां पार्टी को केन्द्र में गठबंधन सरकार बनाने का मौका मिला। केन्द्र में सरकार भले ही लम्बे समय तक नहीं चल सकी हो लेकिन 1995 में गुजरात में भाजपा ने दो तिहाई बहुमत हासिल किया। लाल कृष्ण आडवाणी ने नरेन्द्र मोदी को दो महत्वपूर्ण कामों की जिम्मेदारी सौंपी। एक थी कि सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा की तैयारी करना। इसी तरह का दूसरा मार्च कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए रखा गया। राज्य में शंकर सिंह वाघेला के पार्टी से निकल जाने के बाद केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया और नरेंद्र मोदी मोदी को पार्टी का महासचिव बनाकर नई दिल्ली भेज दिया गया। पर 2001 में पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को केशूभाई का उत्तराधिकारी चुन लिया। नरेन्द्र मोदी ने चुनाव जीता और वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहे। तब उन्होंने राज्य की 182 विधान सभा सीटों में से पार्टी को 122 सीटों पर जीत दिलाई। तब से अबत्क नरेन्द्र मोदी ही राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। गुजरात में 2012 में हुए विधानसभा चुनावों में भी नरेन्द्र मोदी का ही जादू चला और वे अपनी पार्टी को सत्ता में बनाए रखने में कामयाब रहे। मणिनगर सीट से उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी श्वेता भट्‍ट (आईपीएस अधिकारी संजीव भट्‍ट की पत्नी) को 86 हजार से अधिक वोटों से हराया। राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर विदेशों से निवेश आकृष्ट करने के लिए नरेन्द्र मोदी चीन, सिंगापुर और जापान की यात्राएं कर चुके हैं।[1]

व्यक्तित्व

नरेन्द्र मोदी

नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है, लेकिन साथ ही अपने भीतर वे मृदुता एवं सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हुए हैं। नरेन्द्र मोदी को शिक्षा-व्यवस्था में पूरा विश्वास है। एक ऐसी शिक्षा-व्यवस्था जो मनुष्य के आंतरिक विकास और उन्नति का माध्यम बने एवं समाज को अँधेरे, मायूसी और ग़रीबी के विषचक्र से मुक्ति दिलाये। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नरेन्द्र मोदी की गहरी दिलचस्पी है। उन्होंने गुजरात को ई-गवर्न्ड राज्य बना दिया है और प्रौद्योगिकी के कई नवोन्मेषी प्रयोग सुनिश्चित किये हैं। ‘स्वागत ऑनलाइन’ और ‘टेलि फरियाद’ जैसे नवीनतम प्रयासों से ई-पारदर्शिता आई है, जिसमें आम नागरिक सीधा प्रशासन के उच्चतम कार्यालय का संपर्क कर सकता है। जनशक्ति में अखण्ड विश्वास रखने वाले नरेन्द्र मोदी ने बखूबी क़रीब पाँच लाख कर्मचारियों की मज़बूत टीम की रचना की है। नरेन्द्र मोदी यथार्थवादी होने के साथ ही आदर्शवादी भी हैं। उनमें आशावाद कूटकूट कर भरा है। उनकी हमेशा एक उदात्त धारणा रही है कि असफलता नहीं, बल्कि उदेश्य का अनुदात्त होना अपराध है। वे मानते हैं कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिए स्पष्ट दृष्टि, उद्देश्य या लक्ष्य का परिज्ञान और कठोर अध्यवसाय अत्यंत ही आवश्यक गुण हैं।[2]नरेन्द्र मोदी को मितव्ययी और मिताहारी के तौर पर जाना जाता है। उनके निजी स्टाफ में केवल तीन लोग हैं। अंतर्मुखी मोदी को हमेशा ही काम करते रहने वाले व्यक्ति के तौर पर भी जाना जाता है। वे कभी-कभी बिजनेस सूट पहने भी नजर आते हैं लेकिन बहुत कम अवसरों पर। उन्होंने अपने राज्य में बिना सरकारी अनुमति के बने बहुत सारे मंदिरों को भी गिराने का आदेश दिया था जिसकी विश्व हिंदू परिषद ने आलोचना की थी। पर वे अपने विरोधियों को ज्यादा तरजीह नहीं देते हैं।

पुरस्कार

मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकाल के दौरान राज्य के पृथक-पृथक क्षेत्रों में 60 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किये हैं। उनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया जा रहा है- [3]

दिनांक पुरस्कार
16-10-2003 आपदा प्रबंधन और ख़तरा टालने की दिशा में संयुक्त राष्ट्र की ओर से सासाकावा पुरस्कार।
अक्टूबर-2004 प्रबंधन में नवीनता लाने के लिए ‘कॉमनवेल्थ एसोसिएशन्स’ की ओर से CAPAM गोल्ड पुरस्कार।
27-11-2004 ‘इन्डिया इन्टरनेशनल ट्रेड फेयर-2004 में इन्डिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर गुजरात्स एक्सेलन्स’ की ओर से ‘स्पेशल कमेन्डेशन गोल्ड मेडल’ दिया गया।
24-02-2005 भारत सरकार की ओर से गुजरात के राजकोट ज़िले में सेनिटेशन सुविधाओं के लिए ‘निर्मल ग्राम’ पुरस्कार दिया गया।
25-04-2005 भारत सरकार के सूचना और तकनीकी मंत्रालय और विज्ञान-तकनीकी मंत्रालय द्वारा ‘भास्कराचार्य इन्स्टिट्यूट ऑफ स्पेस एप्लिकेशन’ और ‘जिओ-इन्फर्मेटिक्स’, गुजरात सरकार को "PRAGATI" के लिए ‘एलिटेक्स’ पुरस्कार दिया गया।
21-05-2005 राजीव गांधी फाउन्डेशन नई दिल्ली की ओर से आयोजित सर्वेक्षण में देश के सभी राज्यों में गुजरात को श्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला।
01-06-2005 भूकंप के दौरान क्षतिग्रस्त हुए गुरुद्वारा के पुनःस्थापन के लिए यूनेस्को द्वारा ‘एशिया पेसिफिक हेरिटेज’ अवार्ड दिया गया।
05-08-2005 ‘इन्डिया टुडे’ द्वारा श्रेष्ठ निवेश पर्यावरण पुरस्कार दिया गया।
05-08-2005 ‘इन्डिया टुडे’ द्वारा सर्वाधिक आर्थिक स्वातंत्र्य पुरस्कार दिया गया।
27-11-2005 नई दिल्ली में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में गुजरात पेविलियन को प्रथम पुरस्कार मिला।
14-10-2005 गुजराती साप्ताहिक चित्रलेखा के पाठकों ने श्री नरेन्द्र मोदी को ‘पर्सन ओफ द इयर’ चुना। इस में टेनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा दूसरे क्रम पर और सुपरस्टार अमिताभ बच्चन तीसरे स्थान पर रहे। ये पुरस्कार दिनांक 18-05-2006 को दिये गये।
12-11-2005 इन्डिया टेक फाउन्डेशन की ओर से ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और नवीनता के लिए इन्डिया टेक्नोलोजी एक्सेलन्स अवार्ड दिया गया।
30-01-2006 इन्डिया टुडे द्वारा देश व्यापी स्तर पर कराये गये सर्वेक्षण में श्री नरेन्द्र मोदी देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री चुने गये।
23-03-2006 सेनिटेशन सुविधाओं के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गुजरात के कुछ गाँवों को निर्मल ग्राम पुरस्कार दिये गये।
31-07-2006 बीस सूत्रीय कार्यक्रम के अमलीकरण में गुजरात एक बार फिर प्रथम स्थान पर रहा।
02-08-2006 सर्व शिक्षा अभियान में गुजरात देश के 35 राज्यों में सबसे प्रथम क्रमांक पर रहा।
12-09-2006 अहल्याबाई नेशनल अवार्ड फंक्शन, इन्दौर की ओर से पुरस्कार।
30-10-2006 चिरंजीवी योजना के लिए ‘वोल स्ट्रीट जर्नल’ और ‘फाइनान्सियल एक्सप्रेस’ की ओर से (प्रसूति समय जच्चा-बच्चा मृत्यु दर कम करने ले लिए) सिंगापुर में ‘एशियन इन्नोवेशन अवार्ड’ दिया गया।
04-11-2006 भू-रिकार्ड्स के कम्प्यूटराइजेशन के लिए चल रही ई-धरा योजना के लिए ई-गवर्नन्स पुरस्कार।
10-01-2007 देश के सबसे श्रेष्ठ ई-गवर्न्ड राज्य का ELITEX 2007- पुरस्कार भारत की केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त।
05-02-2007 इन्डिया टुडे-ओआरजी मार्ग के देशव्यापी सर्वेक्षण में तीसरी बार श्रेष्ट मुख्यमंत्री चुने गये। पाँच साल के कार्यकाल में किसी भी मुख्यमंत्री के लिए यह अनोखी सिद्धि थी।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 नरेंद्र मोदी : प्रोफाइल (हिन्दी) वेबदुनिया हिंदी। अभिगमन तिथि: 18 मई, 2014।
  2. 2.0 2.1 आधिकारिक वेबसाइट (हिन्दी, अंग्रेज़ी)। । अभिगमन तिथि: 24 सितंबर, 2010।
  3. नरेन्द्र मोदी अवार्ड (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 सितंबर, 2010।

बाहरी कड़ियाँ

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