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-[[हबीब तनवीर]]
 
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+[[भिखारी ठाकुर]]
 
+[[भिखारी ठाकुर]]
||[[चित्र:Bhikhari-Thakur.jpg|100px|right|border|भिखारी ठाकुर]]'भिखारी ठाकुर' [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]] के समर्थ लोक कलाकार, रंगकर्मी लोक जागरण के सन्देश वाहक, नारी विमर्श एवं दलित विमर्श के उद्घोषक, लोक गीत तथा भजन कीर्तन के अनन्य साधक थे। [[भिखारी ठाकुर]] बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। वे एक ही साथ [[कवि]], गीतकार, नाटककार, नाट्य निर्देशक, लोक संगीतकार और [[अभिनेता]] थे। उनकी मातृभाषा भोजपुरी थी और उन्होंने भोजपुरी को ही अपने काव्य और [[नाटक]] की [[भाषा]] बनाया। [[राहुल सांकृत्यायन]] ने उनको '''अनगढ़ हीरा''' कहा था तो जगदीशचंद्र माथुर ने '''भरत मुनि की परंपरा का कलाकार''' कहा। उनको 'भोजपुरी का शेक्सपीयर' भी कहा गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भिखारी ठाकुर]]
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||[[चित्र:Bhikhari-Thakur.jpg|100px|right|border|भिखारी ठाकुर]]'भिखारी ठाकुर' [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]] के समर्थ लोक कलाकार, रंगकर्मी लोक जागरण के सन्देश वाहक, नारी विमर्श एवं दलित विमर्श के उद्घोषक, लोक गीत तथा भजन कीर्तन के अनन्य साधक थे। [[भिखारी ठाकुर]] बहुआयामी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। वे एक ही साथ [[कवि]], गीतकार, नाटककार, नाट्य निर्देशक, लोक संगीतकार और [[अभिनेता]] थे। उनकी मातृभाषा भोजपुरी थी और उन्होंने भोजपुरी को ही अपने काव्य और [[नाटक]] की [[भाषा]] बनाया। [[राहुल सांकृत्यायन]] ने उनको '''अनगढ़ हीरा''' कहा था तो जगदीशचंद्र माथुर ने 'भरत मुनि की परंपरा का कलाकार' कहा। उनको 'भोजपुरी का शेक्सपीयर' भी कहा गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भिखारी ठाकुर]]
 
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