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11:55, 27 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
पुष्य नक्षत्र कर्क राशि के 3-20 अंश से 16-40 अंश तक है। यह नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
अर्थ - पोषण
देव - बृहस्पति
- इसे 'ज्योतिष्य और अमरेज्य' भी कहते हैं। अमरेज्य शब्द का अर्थ है- देवताओं का पूज्य।
- इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है, पर इसके गुण गुरु के गुणों से अधिक मिलते हैं।
- पुष्य में बृहस्पति का व्रत और पूजन किया जाता है।
- पुष्य नक्षत्र के देवता शनि को माना जाता है।
- पीपल के पेड को पूष्य नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग पीपल वृक्ष की पूजा करते है।
- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में पीपल वृक्ष के पेड को भी लगाते है।
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