"फ़रिश्ता (यात्री)" के अवतरणों में अंतर

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'''फ़रिश्ता, मुहम्मद क़ासिम''' <br />
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'''फ़रिश्ता''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Firishta'', जन्म- 1570 ई.; मृत्यु- 1612 ई.) प्रसिद्ध [[मुस्लिम]] [[इतिहासकार]] था, जिसने [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में [[इतिहास]] लिखा है। उसका पूरा नाम 'मुहम्मद क़ासिम हिन्दू शाह' (''Muhammad Qasim Hindu Shah'') था। वह काफ़ी समय तक [[बीजापुर]] में रहा, जहाँ उसे [[इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय]] का संरक्षण प्राप्त हुआ था। फ़रिश्ता ने [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] पर अपनी एक पुस्तक भी लिखी थी, जो 'तारीख़-ए-फ़रिश्ता' के नाम से प्रसिद्ध हुई।
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==जन्म तथा भारत आगमन==
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फ़रिश्ता का जन्म [[फ़ारस]] में '[[कैस्पियन सागर]]' के तट पर अस्त्राबाद में हुआ था। वह अपनी युवावस्था में [[पिता]] के साथ [[अहमदाबाद]], [[भारत]] आया और यहाँ 1589 ई. तक रहा। इसके बाद वह बीजापुर चला गया, जहाँ उसने सुल्तान इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय का संरक्षण प्राप्त कर लिया। फ़रिश्ता को सुल्तान इब्राहीम आदिलशाह ने ही [[भारत का इतिहास]] लिखने के लिए कहा था। सुल्तान द्वारा दिया गया यह कार्य फ़रिश्ता ने 1609 ई. में पूरा किया।
*वह युवावस्था में अपने पिता के साथ [[अहमदाबाद]] आया और वहाँ 1589 ई. तक रहा।  
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====तारीख़-ए-फ़रिश्ता====
*इसके बाद वह बीजापुर चला गया, जहाँ उसने सुल्तान इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय का संरक्षण प्राप्त किया।
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*यह कार्य उसने 1609 ई. में पूरा किया।  
 
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*ब्रिग्स ने उसकी पुस्तक का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया 'भारत में मुसलमानी शक्ति के विकास का इतिहास' नाम से किया है।  
 
*उसकी मृत्यु 1612 ई. में बीजापुर में हुई।  
 
*पूर्वी देशों के इतिहासकारों में वह अधिक विश्वसनीय है।  
 
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Disamb2.jpg फ़रिश्ता एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- फ़रिश्ता (बहुविकल्पी)

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फ़रिश्ता (अंग्रेज़ी: Firishta, जन्म- 1570 ई.; मृत्यु- 1612 ई.) प्रसिद्ध मुस्लिम इतिहासकार था, जिसने फ़ारसी में इतिहास लिखा है। उसका पूरा नाम 'मुहम्मद क़ासिम हिन्दू शाह' (Muhammad Qasim Hindu Shah) था। वह काफ़ी समय तक बीजापुर में रहा, जहाँ उसे इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय का संरक्षण प्राप्त हुआ था। फ़रिश्ता ने भारत के इतिहास पर अपनी एक पुस्तक भी लिखी थी, जो 'तारीख़-ए-फ़रिश्ता' के नाम से प्रसिद्ध हुई।

जन्म तथा भारत आगमन

फ़रिश्ता का जन्म फ़ारस में 'कैस्पियन सागर' के तट पर अस्त्राबाद में हुआ था। वह अपनी युवावस्था में पिता के साथ अहमदाबाद, भारत आया और यहाँ 1589 ई. तक रहा। इसके बाद वह बीजापुर चला गया, जहाँ उसने सुल्तान इब्राहीम आदिलशाह द्वितीय का संरक्षण प्राप्त कर लिया। फ़रिश्ता को सुल्तान इब्राहीम आदिलशाह ने ही भारत का इतिहास लिखने के लिए कहा था। सुल्तान द्वारा दिया गया यह कार्य फ़रिश्ता ने 1609 ई. में पूरा किया।

तारीख़-ए-फ़रिश्ता

उसके द्वारा लिखा गया 'भारत का इतिहास' तारीख़-ए-फ़रिश्ता के नाम से विख्यात है। ब्रिग्स ने उसकी पुस्तक का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया 'भारत में मुसलमानी शक्ति के विकास का इतिहास' नाम से किया है। फ़रिश्ता की मृत्यु 1612 ई. में बीजापुर में हुई। पूर्वी देशों के इतिहासकारों में वह अधिक विश्वसनीय है। उसका प्रसिद्ध इतिहास ग्रन्थ आज भी भारत में मुस्लिमों के शासन काल पर सबसे अधिक प्रामाणिक तथा सटीक माना जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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