भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद

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भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (अंग्रेज़ी: Indian Council for Cultural Relations) भारत सरकार का स्वतंत्र संगठन है, जिसकी स्थापना 1950 में देश के प्रथम शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद द्वारा हुई थी। इसका मुख्यालय आजा भवन, नई दिल्ली में है। इस संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय बंगलौर, कलकत्ता, चंडीगढ़, चेन्नई, जकार्ता, मॉस्को, बर्लिन, कैरो, लंदन, ताशकंद, अलमाटी, जोहान्सबर्ग, डरबन, पोर्ट ऑफ़ स्पेन, सुवा (फिजी), जार्जटाउन (गुयाना), कोलंबो और सेनफ्रांसिस्को (अमेरिका) में हैं।

कर्तव्य

सरकार द्वारा प्रायोजित यह स्वायत्त संस्था भारत और दूसरे देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों की स्थापना, प्रवर्तन और विनिमय का काम करती है। इसके अतिरिक्त संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की सहायता करना, भारतीय संस्कृति के अध्ययन हेतु विदेशी छात्रों को निमंत्रण, विदेशी छात्रों के लिए ग्रीष्मावकाश शिविरों का आयोजन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, अंतरराष्ट्रीय समझ के लिए जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार देना, आजाद स्मृति व्याख्यान, कलात्मक वस्तुएँ व पुस्तकें विदेशों में प्रस्तुत करना, निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन, विदेशों में भारतीय छात्रों हेतु संस्कृति केंद्रों की स्थापना, भारत में विदेशी शैक्षिक व सहयोगी संस्थाओं को सामग्री देना भी इसका काम है।[1]

उद्देश्य

  1. भारत के विदेशी सांस्कृतिक संबंधों से संबंधित नीतियां और कार्यक्रम तैयार करना और उनके कार्यान्वयन में भागीदारी करना।
  2. भारत और अन्य देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और पारस्परिक समझ को बढ़ाना और मजबूत करना।
  3. अन्य देशों और लोगों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
  4. संस्कृति के क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से संबंध स्थापित करना और उन्हें विकसित करना।
  5. ऐसे कदम उठाना जो उपरोक्त उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक हों।


भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद का संबंध संस्कृतियों के समन्वय, अन्य देशों के साथ रचनात्मक संवाद से है। विश्व की संस्कृतियों के साथ इस पारस्परिक विचार-विमर्श को सुगम बनाने के लिए परिषद देश में और विश्व के अन्य देशों के साथ भारत की संस्कृतियों की विविधता और समृद्धि को व्यक्त और प्रदर्शित करने का प्रयास करती है। परिषद सांस्कृतिक कूटनीति में लगे रहने और भारत एवं अन्य सहभागी देशों के बीच बौद्धिक आदान-प्रदान को प्रायोजित करने वाली पूर्व-प्रतिष्ठित संस्था होने पर स्वयं को गौरान्वित महसूस करती है। परिषद का यह संकल्प है कि आने वाले वर्षों में भारत की महान सांस्कृतिक और शैक्षिक प्रफुल्लता के प्रतीक को बनाए रखे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय संस्कृति |प्रकाशक: स्पेक्ट्रम बुक्स प्रा. लि. |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 375 |

बाहरी कड़ियाँ

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