दिव्यकट
दिव्यकट नामक नगर का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है। महाभारत के अनुसार नकुल की दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में इस नगर को नकुल द्वारा जीते जाने का उल्लेख है-
'कृत्स्नं पंचनदं चैव तथैवामरपर्वतम्, उत्तरं ज्योतिषं चैव तथा दिव्यकठंपुरम्'[1]
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 438 |