वाटधान

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

वाटधान नामक एक ऐतिहासिक स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है, जो सम्भवत: मध्यमिका और पुष्कर (ज़िला अजमेर, राजस्थान) के निकट स्थित था।[2]

  • पाण्डव नकुल ने अपनी दिग्विजय यात्रा के दौरान इस पर अधिकार प्राप्त किया था-

'तथा माध्यमिकांश्चैव वाटधानान् द्विजानथ पुनश्च परिवृत्याथ पुष्करारण्यवासिनः।'


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 328
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 839 |
  3. ‘कादंबिनी’ अक्टूबर, 62

संबंधित लेख