बीजासणी माता का मेला
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बीजासणी माता का मेला राजस्थान के दौसा में लालसोट नामक स्थान पर लगता है। मेला हर वर्ष चैत्र माह की पूर्णिमा को भरता है।
- तहसील के खुर्रा ग्राम में 958 वर्षों से पूर्व की स्थापित बीजासणी माता की मूर्ति न केवल अद्वितीय चमत्कारों के इतिहास को अपने में समेटे हुए है वरन चमत्कारों की फैलती ख्याति के कारण दौसा जिले के साथ-साथ सवाई माधोपुर, टोंक, करोली, जयपुर के लाखों लोग माता के दर्शन करने और मनौतियां मांगने के लिए आते हैं।
- किवदंतियों के अनुसार गूंगे, बहरे, अंधे, लकवा ग्रस्त बालक माता के प्रभाव से ठीक हो गए हैं।
- अप्रॅल में चैत्र सुदी त्रयोदशी से प्रारंभ होकर वैशाख वदी दोज तक चलने वाले माता के पंच दिवसीय मेले में पांचों जिलों से आने वाले लाखों नर-नारी अपने बालकों को ढोक दिलवाकर आशीर्वाद दिलवाने आते है।
- लगभग 958 वर्ष पूर्व खुर्रा ग्राम में लक्खी बिणज्यारे द्वारा इस मूर्ति की स्थापना की गई थी। इस स्थान पर चमत्कारिक रुपये बीजक यंत्र के निकलने के कारण ही माता का नाम बीजासणी माता पड़ा।
- पहले माता को प्रसन्न करने के लिए बकरे की बलि दे दी जाती थी, कालांतर में इसे बंद कर दिया गया।
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