रामदेव पशु मेला, नागौर

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रामदेव पशु मेला राजस्थान का प्रसिद्ध मेला है। यह मेला नागौर ज़िले में लगता है। मेला प्रतिवर्ष नागौर शहर से पांच किलोमीटर दूर मानसर गांव में माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से माघ शुक्ल 15 तक लगता है। उम्मेद सिंह को इस मेले का प्रणेता माना जाता है।

  • इस मेले के बारे में प्रारंभ में प्रचलित मान्यता थी कि मानसर गांव के समुद्र भू-भाग पर रामदेव जी की मूर्ति स्वतः ही अद्भुत हुई। श्रद्धालुओं ने यहां एक छोटा-सा मंदिर बनवा दिया।
  • मेले में आने वाला पशुपालक मंदिर में जाकर अपने पशुओं के स्वास्थ्य की मनौती मांगकर ही खरीद-फरोख्त किया करते हैं।
  • आजादी के बाद से मेले की लोकप्रियता को देखकर राज्य के पशुपालन विभाग ने इसे राज्यस्तरीय पशु मेलों में शामिल किया।
  • फ़रवरी, 1958 से पशुपालन विभाग इस मेले का संचालन कर रहा है।
  • रामदेव पशु मेला प्रतिवर्ष नागौर शहर से पांच किलोमीटर दूर मानसर गांव में माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से माघ शुक्ल 15 तक लगता है।
  • मारवाड़ के लोकप्रिय नरेश स्वर्गीय उम्मेद सिंह को इस मेले का प्रणेता माना जाता है।
  • मेले में नागौरी नस्ल के बैलों की बड़ी मात्रा में बिक्री होती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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