मिज़ोरम की अर्थव्यवस्था

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मिज़ोरम के पास संसाधनों की प्रचुरता है जिनका उपयोग राज्‍य में कई औद्योगिक इकाइयों की स्‍थापना के लिए किया जाता है। बांस की प्रचुरता के अलावा बागवानी वाली कई फ़सलें निवेशकों के लिए कई प्रकार से लाभदायक हो हैं। देश का दूसरा सर्वाधिक साक्षर राज्‍य होने से मिज़ोरम देश का सर्वाधिक 'आई.टी.' साक्षर राज्‍य बनने जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त यहाँ की ख़ूबसूरत प्राकृतिक छटा के साथ प्रचुर मात्रा में उपलब्‍ध सांस्‍कृतिक विरासत इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक स्‍थान बनाता है। इस प्रकार राज्‍य के कई क्षेत्रों में निवेश की कई संभावनाएँ हैं।[1]

कृषि

कृषि यहाँ की मुख्य आर्थिक गतिविधि है। मिज़ोरम प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत लोग कृषि कार्यों में लगे हुए हैं। सीढ़ीदार खेती और झूम खेती[2] का प्रचलन है। अनुमानत: 21 लाख हेक्‍टेयर भूमि में से 6.30 लाख हेक्‍टेयर भूमि बागवानी के लिए उपलब्‍ध है। वर्तमान में 4127.6 हेक्‍टेरयर भूमि पर ही विभिन्‍न फ़सलों की बागवानी की जा रही है, जो कि अनुमानित संभावित क्षेत्र का 6.55 प्रतिशत मात्र है। मिज़ोरम में बागवानी फ़सलों के विकास की विस्‍तृत संभावनाएँ हैं। बागवानी की मुख्‍य फ़सलें फल हैं। इनमें मैडिरियन संतरा, केला, सादे फल, अंगूर, हटकोडा, अनन्‍नास और पपीता आदि शामिल हैं। इसके अलावा यहाँ एंथुरियम, वर्ड ऑफ़ पेराडाइज, आर्किड, चिरासेथिंमम, गुलाब तथा अन्‍य कई मौसमी फूलों की खेती भी होती हैं। मसालों में अदरक, हल्‍दी, काली मिर्च, मिर्च (चिडिया की आँख वाली मिर्च) भी उगाई जाती हैं। यहाँ के लोग पाम आयल, जड़ी-बूटियों तथा सुगंधित पौधों की खेती भी बड़े पैमाने पर करने लगे हैं। चावल, मक्का, तिलहन, कपास और सब्जियाँ यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं। लोग रेशम उद्योग में संलग्न हैं तथा मलबरी, एरी, मूंगा और टसर रेशम का उत्पादन करते हैं। अधिक लोगों द्वारा खेती किए जाने के कारण आठ वर्षों का पारंपरिक झूम-चक्र अब छोटा हो गया है और इसके साथ ही उपज में भी कमी आई है।

सिंचाई

मिज़ोरम में संभावित भूतल सिंचाई क्षेत्र लगभग 70,000 हेक्‍टेयर है। इसमें से 45,000 हेक्‍टेयर बहाव क्षेत्र में है और 25,000 हेक्‍टेयर 70 पक्‍की लघु सिंचाई परियोजनाओं और छह लिफ़्ट सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने से प्राप्‍त किया जा सकता है, जिनमें वर्ष में दो या तीन फ़सलें ली जा सकती हैं।

उद्योग

  • मिज़ोरम राज्य में कोई बड़ा उद्योग नहीं है।
  • संपूर्ण मिज़ोरम अधिसूचित पिछडा क्षेत्र है और इसे ‘उद्योग विहीन क्षेत्र’ के तहत वर्गीकृत किया गया है। 1989 में मिज़ोरम सरकार की औद्योगिक नीति की घोषणा के बाद पिछले दशक में यहाँ कुछ आधुनिक लघु उद्योगों की स्‍थापना हुई है। मिज़ोरम ने उद्योगों का और तेज़ीसे विकास करने के लिए वर्ष 2000 में नई औद्योगिक नीति की घोषणा की। इसमें इलेक्‍ट्रॉनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी, बांस तथा इमारती लकडी पर आधारित उत्‍पाद, खाद्य तथा फलों का प्रसंस्‍करण, वस्‍त्र, हथकरघा तथा हस्‍तशिल्‍प जैसे लघु और कुटीर उद्योग शामिल हैं।
  • औद्योगिक नीति में राज्‍य से बाहर के निवेश को आकर्षित करने के लिए ऐसे सभी बडे, मध्‍यम तथा लघु पैमाने के उद्योगों को, जिनमें कि स्‍थानीय लोग भागीदारी हों, की स्‍थापना के लिए साझे उपक्रम लगाने की अनुमति दी गई है। विद्यमान औद्योगिक संपदाओं के विकास के अतिरिक्‍त संरचनात्‍मक विकास कार्य जैसे कि लुंआगमुआल, आइजोल में औद्योगिक प्रोत्‍साहन संस्‍थान (आई.आई.डी.सी.), निर्यात प्रोत्‍साहन, औद्योगिक पार्क, लेंगरी, एकीकृत संरचनात्‍मक केंद्र (आई.आई.डी.सी.), पुकपुई, लुंगत्‍तेई तथा खाद्य पार्क, छिंगछिप आदि योजनायें पूरी होने वाली हैं।
  • चाय की वैज्ञानिक तरीके से खेती प्रारंभ की गई है। निर्यातोन्‍मुखी औद्योगिक इकाइयों (ई.ओ.यूज.) की स्‍थापना को बढावा देने के लिए 'एप्‍परेल प्रशिक्षण तथा डिजाइन केंद्र' और रत्‍नों की कटाई तथा पॉलिश करने की इकाइयां लगाने की योजना है। कुटीर उद्योगों में हथकरघा तथा हस्‍तशिल्‍प को उच्‍च प्राथमिकता दी गयी है तथा ये दोनों क्षेत्र मिज़ोरम तथा इसके पड़ोसी राज्‍यों मेघालय तथा नागालैंड में उपभोक्‍ताओं की मांग को पूरा करने के लिए फल-फूल रहे हैं।
  • राज्‍य की शांतिपूर्ण स्थिति, म्‍यांमार तथा बांग्लादेश की सीमाओं के व्‍यापार के लिए खुलने तथा भारत की सरकार की ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ के कारण मिज़ोरम देश का दूरस्‍थ राज्‍य मात्र नहीं रहेगा। निकट भविष्‍य में मिज़ोरम में औद्योगिक की गति में भारी तेज़ीआएगी।
लघु उद्योग

लघु उद्योगों में रेशम, हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग, आरा मिल तथा फर्नीचर कार्यशालाएँ तेल परिशोधन अनाज की मिल व अदरक प्रसंस्करण शामिल हैं। राज्य के 3,087 लघु उद्योगों में से 287 आइज़ोल ज़िले में स्थित हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. निवेश के अवसर (हिन्दी) भारत सरकार। अभिगमन तिथि: 11 जून, 2011
  2. जिसमें भूखंड को जला कर साफ़ किया जाया है और मिश्रित फ़सल बोई जाती है

बाहरी कड़ियाँ

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