वाजिद ख़ान (संगीत निर्देशक)

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वाजिद ख़ान (संगीत निर्देशक)
वाजिद ख़ान
पूरा नाम वाजिद अली ख़ान
प्रसिद्ध नाम वाजिद ख़ान
जन्म 7 अक्टूबर, 1977
जन्म भूमि सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1 जून, 2020
मृत्यु स्थान मुम्बई, महाराष्ट्र
अभिभावक पिता- उस्ताद शराफ़त अली ख़ान
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र संगीत
मुख्य फ़िल्में 'प्यार किया तो डरना क्या', 'तुमको ना भूल पाएंगे', 'तेरे नाम', 'गर्व', 'मुझसे शादी करोगी', 'पार्टनर', 'हेलो', 'वॉन्टेड', 'वीर', और 'एक था टाइगर' आदि।
प्रसिद्धि संगीतकार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी 1999 में वाजिद ख़ान ने सोनू निगम की एल्बम 'दीवाना' के लिए संगीत दिया, जिसमें "दीवाना तेरा", "अब मुझे रात दिन" और "इस कदर प्यार है" जैसे गाने शामिल थे।

वाजिद अली ख़ान (अंग्रेज़ी: Wajid Ali Khan, जन्म- 7 अक्टूबर, 1977, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 1 जून, 2020, मुम्बई, महाराष्ट्र) भारतीय हिन्दी सिनेमा की प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी 'साजिद-वाजिद' में से एक थे। वाजिद ख़ान कलात्मक जोड़ी 'साजिद-वाजिद' बनाने के लिए अपने बड़े भाई साजिद ख़ान के साथ जुड़ गए थे। उनका एकल अभिनय के रूप में एक अलग गायन कॅरियर भी था और एक पार्श्व कलाकार के रूप में उन्हें कई पुरस्कारों के लिए नामांकित किया गया था। बॉलीवुड में साजिद-वाजिद की जोड़ी काफी मशहूर थी। उन्होंन सबसे पहले 1998 में सलमान ख़ान की फिल्म 'प्यार किया तो डरना क्या' के लिए संगीत दिया था। 1999 में उन्होंने सोनू निगम की एल्बम 'दीवाना' के लिए संगीत दिया, जिसमें "दीवाना तेरा", "अब मुझे रात दिन" और "इस कदर प्यार है" जैसे गाने शामिल थे। उसी साल उन्होंने फिल्म 'हैलो ब्रदर' के लिए संगीत निर्देशकों के रूप में काम किया और 'हटा सावन की घाटा', 'चुपके से कोई और' तथा 'हैलो ब्रदर' जैसे गाने लिखे थे। इसके अलावा वाजिद ख़ान ने कई शो भी जज किये थे।

परिचय

वाजिद अली ख़ान का जन्म 7 अक्टूबर, 1977 को हुआ था। साजिद-वाजिद मशहूर तबला वादक उस्ताद शराफ़त अली ख़ान के बेटे हैं। साजिद-वाजिद की जोड़ी ने सोनू निगम की सुपरहिट ऐल्बम 'दीवाना' का संगीत दिया था। इसके बाद इस जोड़ी ने कई सुपरहिट फिल्मों का संगीत दिया। इनकी जोड़ी को बॉलिवुड के सबसे सफल संगीत डायरेक्टरों की जोड़ी में गिना जाता था। उन्होंने 'दबंग' सहित सलमान ख़ान की कई सुपरहिट फिल्मों में संगीत दिया। वाजिद केवल एक सफल संगीत डायरेक्टर ही नहीं थे बल्कि बेहतरीन गायक भी थे। उन्होंने कई सुपरहिट गानों को अपनी आवाज़ दी थी।

संघर्ष भरा समय

वाजिद ख़ान ने अपने संघर्ष की कहानी खुद ही एक शो के दौरान सुनाई थी। जब इस शो के मेजबान ने संगीतकार जोड़ी साजिद-वाजिद से पूछा कि उन्होंने अपना सफर कैसे शुरू किया तो सवाल के जवाब में वाजिद ने एक घटना बताई। जब उन्होंने एक प्रसिद्ध संगीत निर्देशक के साथ रिहर्सल की थी। इस दौरान उन्हें बेहद अपमानित महसूस हुआ था। वाजिद ने बताया, 'संगीत निर्देशक बनने के हमारे निर्णय के पीछे एक बहुत ही अजीब कहानी है। मैं गजल, जिंगल और एल्बम में गिटार बजाता था। एक दिन, मैं एक लोकप्रिय संगीत निर्देशक के सामने कुछ साज बजाने वाला था और हमारी टीम के किसी व्यक्ति ने गलती की। लेकिन हमारे एक साथी गिटारवादक, जिन्हें मुझसे कुछ समस्या थी उन्होंने संगीत निर्देशक से कहा, वाजिद ने एक गलती की है'।

आगे वाजिद ख़ान ने बात को पूरा करते हुए कहा, 'मैं परेशान हो गया और उनसे कहा, 'सर, मैंने गलती नहीं की, अगर आपको ऐसा लगता है तो सिर्फ मैं आपको बजा के बता सकता हूं'। उन्होंने कहा, 'आपको बहुत कुछ सीखना है, अब आप इस गीत को नहीं चलाएंगे'। मेरे पिता बाहर बैठे थे। यह मेरे लिए बहुत बड़ा अपमान था और मैं बहुत अपमानित महसूस कर रहा था। मैंने अपने साधन को पैक किया, अपने पिता को उनकी आंखों में देखा और मैं चला गया'।

वाजिद ख़ान ने बताया था कि वो इस घटना से परेशान थे और उन्होंने अपने भाई साजिद को इस बारे में बताया कि कैसे इस तरह के लोग किसी व्यक्ति की बात नहीं मानते या उन्हें मौका नहीं देते। साजिद ने उनसे पूछा, 'क्या संगीत निर्देशक एक बड़ी बात है?' जब वाजिद ने सकारात्मक जवाब दिया, तो साजिद ने जवाब दिया, 'ठीक है, फिर हम भी संगीत निर्देशक बन जाते हैं।' बस इस तरह से दोनों की जोड़ी टॉप संगीत डायरेक्टर्स में शुमार हो गई।[1]

मुख्य फ़िल्में

साजिद-वाजिद की जोड़ी ने 'प्यार किया तो डरना क्या', 'तुमको ना भूल पाएंगे', 'तेरे नाम', 'गर्व', 'मुझसे शादी करोगी', 'पार्टनर', 'हेलो', 'गॉड तुसी ग्रेट हो', 'वॉन्टेड', 'मैं और मिसेज खन्ना', 'वीर', 'नो प्रॉब्लम' और 'एक था टाइगर' जैसी सुपरहिट फिल्मों में संगीत दिया।

मृत्यु

वाजिद ख़ान का निधन 1 जून, 2020 को हुआ। कहा जा रहा था कि उनका निधन कोरोना वायरस के कारण हुआ था। वाजिद ख़ान के निधन की वजह उनके किडनी की समस्या बताई जा रही थी। इसके साथ ही कहा जा रहा था कि इलाज के दौरान उनका कोरोना टेस्ट भी पॉजिटिव आया था। लेकिन इन खबरों पर वाजिद ख़ान के परिवार ने एक स्टेटमेंट जारी कर विराम लगा दिया था। स्टेटमेंट में बताया गया कि वाजिद ख़ान का निधन कार्डियक अरेस्ट के चलते हुआ।[2]

वाजिद ख़ान के भाई साजिद ख़ान ने अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर एक पोस्ट लिखा था, जिसमें उन्होंने इस बात का खुलासा किया। उन्होंने लिखा- 'हमारे प्यारे वाजिद का निधन 47 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के चलते 1 जून को रात साढ़े बारह बजे सुराना सेठिया अस्पताल में हुआ। उनका पिछले साल सफल किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था और वह थ्रोट इन्फेक्शन का इलाज करवा रहे थे'। साजिद ख़ान द्वारा लिखी गई पोस्ट में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं था कि उनका निधन कोरोना वायरस के चलते हुआ।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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