विक्रमांकदेव चरित की रचना 11 वी शताब्दी के उत्तरार्ध में कश्मीरी कवि विल्हण द्वारा की गई थी, जो चालुक्य वंश के विक्रमादित्य षष्ठ के दरबार में राजआश्रित थे। इस ग्रंथ से चालुक्य राजवंश, विशेषकर विक्रमादित्य षष्ठ के विषय में जानकारी मिलती हैं।
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विक्रमांकदेव चरित की रचना 11 वी शताब्दी के उत्तरार्ध में कश्मीरी कवि विल्हण द्वारा की गई थी, जो चालुक्य वंश के विक्रमादित्य षष्ठ के दरबार में राजआश्रित थे। इस ग्रंथ से चालुक्य राजवंश, विशेषकर विक्रमादित्य षष्ठ के विषय में जानकारी मिलती हैं।
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