"तालाकट": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''तालाकट''' कावेरी नदी के बाएँ किनारे पर स्थित रेगिस...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
<blockquote>'तत: स रत्नान्यादाय पुन: प्रायाद् युधाम्पति: तत: शूर्पारकं चैव तालाकट मथापिच, वशेचक्रे महातेजा दंडकांश्च महाबल:'<ref>[[महाभारत]], [[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]] 31, 65-66.</ref></blockquote>
<blockquote>'तत: स रत्नान्यादाय पुन: प्रायाद् युधाम्पति: तत: शूर्पारकं चैव तालाकट मथापिच, वशेचक्रे महातेजा दंडकांश्च महाबल:'<ref>[[महाभारत]], [[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]] 31, 65-66.</ref></blockquote>


*[[पाण्डव]] [[सहदेव]] ने इस स्थान को अपनी दिग्विजय यात्रा में विजित किया था। इसकी स्थिति शूर्पारक या वर्तमान [[सोपारा]] के निकट रही होगी।
*[[पाण्डव]] [[सहदेव]] ने इस स्थान को अपनी दिग्विजय यात्रा में विजित किया था। इसकी स्थिति [[शूर्पारक]] या वर्तमान [[सोपारा]] के निकट रही होगी।
*किसी समय तालाकट में 30 से भी अधिक मन्दिर थे। अब कई मन्दिर रेत में समा गये हैं।
*किसी समय तालाकट में 30 से भी अधिक मन्दिर थे। अब कई मन्दिर रेत में समा गये हैं।
*अब यह एक आध्यात्मिक और तीर्थ यात्रा केन्द्र है।
*अब यह एक आध्यात्मिक और तीर्थ यात्रा केन्द्र है।
पंक्ति 13: पंक्ति 13:
{{कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान}}
{{कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान}}
[[Category:इतिहास कोश]][[Category:कर्नाटक]][[Category:मैसूर]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]][[Category:कर्नाटक]][[Category:मैसूर]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान]]
__INDEX__
__INDEX__

10:49, 25 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

तालाकट कावेरी नदी के बाएँ किनारे पर स्थित रेगिस्तान की तरह का शहर है। यहाँ कावेरी नदी एक तेज मोड़ बनाती है। तालाकट मैसूर, कर्नाटक से 45 कि.मी तथा बैंगलोर से 133 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है।

'तत: स रत्नान्यादाय पुन: प्रायाद् युधाम्पति: तत: शूर्पारकं चैव तालाकट मथापिच, वशेचक्रे महातेजा दंडकांश्च महाबल:'[1]

  • पाण्डव सहदेव ने इस स्थान को अपनी दिग्विजय यात्रा में विजित किया था। इसकी स्थिति शूर्पारक या वर्तमान सोपारा के निकट रही होगी।
  • किसी समय तालाकट में 30 से भी अधिक मन्दिर थे। अब कई मन्दिर रेत में समा गये हैं।
  • अब यह एक आध्यात्मिक और तीर्थ यात्रा केन्द्र है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख