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||[[चित्र:Sir-Syed-Ahmed-Khan.jpg|सर सैयद अहमद ख़ाँ|100px|right]]सैयद जी का शिक्षा-संस्था खोलने का विचार हुआ तो सैयद जी ने अपनी सारी जमा-पूँजी यहाँ तक कि मकान भी गिरवी रख कर यूरोपीय शिक्षा-पद्धति का ज्ञान प्राप्त करने के उद्देश्य से इंगलिस्तान की यात्रा की। लौटकर आए तो कुछ वर्षों के भीतर ही मई 1875 में [[अलीगढ़]] में 'मदरसतुलउलूम' एक मुस्लिम स्कूल स्थापित किया गया और 1876 में सेवानिवृत्ति के बाद सैयद ने इसे कॉलेज में बदलने की बुनियाद रखी। सैयद की परियोजनाओं के प्रति रूढ़िवादी विरोध के बावज़ूद कॉलेज ने तेज़ी से प्रगति की और 1920 में इसे विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सर सैयद अहमद ख़ाँ]] | ||[[चित्र:Sir-Syed-Ahmed-Khan.jpg|सर सैयद अहमद ख़ाँ|100px|right]]सैयद जी का शिक्षा-संस्था खोलने का विचार हुआ तो सैयद जी ने अपनी सारी जमा-पूँजी यहाँ तक कि मकान भी गिरवी रख कर यूरोपीय शिक्षा-पद्धति का ज्ञान प्राप्त करने के उद्देश्य से इंगलिस्तान की यात्रा की। लौटकर आए तो कुछ वर्षों के भीतर ही मई 1875 में [[अलीगढ़]] में 'मदरसतुलउलूम' एक मुस्लिम स्कूल स्थापित किया गया और 1876 में सेवानिवृत्ति के बाद सैयद ने इसे कॉलेज में बदलने की बुनियाद रखी। सैयद की परियोजनाओं के प्रति रूढ़िवादी विरोध के बावज़ूद कॉलेज ने तेज़ी से प्रगति की और 1920 में इसे विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित किया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सर सैयद अहमद ख़ाँ]] | ||
{कौन-सी [[बौद्ध]] रचना [[गीता]] के समान पवित्र मानी जाती है? | |||
|type="()"} | |||
-जातक | |||
+[[धम्मपद]] | |||
-[[पिटक]] | |||
-[[बुद्धचरित]] | |||
||धम्मपद एक [[पालि भाषा|पालि]] शब्द है जिसका अर्थात "सिद्धांत के शब्द" या "सत्य का मार्ग" है। धम्मपद संभवत: पालि [[बौद्ध]] धार्मिक [[ग्रंथ|ग्रंथों]] में सर्वाधिक प्रसिद्ध पुस्तक है, जिसे [[गीता]] के समान पवित्र माना है। धम्मपद अन्य बौद्ध लेखों में उद्धत किया जाता है। | |||
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06:35, 25 नवम्बर 2011 का अवतरण
इतिहास
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