"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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+[[कुशीनगर]] | +[[कुशीनगर]] | ||
||[[चित्र:Nirvana-Temple-Kushinagar.jpg|right|100px|निर्वाण मन्दिर, कुशीनगर]]कुशीनगर पूर्वी [[उत्तर प्रदेश]] के [[गोरखपुर]] ज़िले से 51 किमी की दूरी पर स्थित है। किंवदंती के अनुसार यह नगर श्री [[रामचन्द्र]] जी के ज्येष्ठ पुत्र [[कुश]] द्वारा बसाया गया था। [[कुशीनगर]] [[बुद्ध]] के 'महापरिनिर्वाण' का स्थान है। निर्वाण के पूर्व कुशीनगर पहुँचने पर तथागत (बुद्ध) कुशीनगर में [[कमल|कमलों]] से सुशोभित एक तड़ाग के पास उपवन में ठहरे थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुशीनगर]] | ||[[चित्र:Nirvana-Temple-Kushinagar.jpg|right|100px|निर्वाण मन्दिर, कुशीनगर]]कुशीनगर पूर्वी [[उत्तर प्रदेश]] के [[गोरखपुर]] ज़िले से 51 किमी की दूरी पर स्थित है। किंवदंती के अनुसार यह नगर श्री [[रामचन्द्र]] जी के ज्येष्ठ पुत्र [[कुश]] द्वारा बसाया गया था। [[कुशीनगर]] [[बुद्ध]] के 'महापरिनिर्वाण' का स्थान है। निर्वाण के पूर्व कुशीनगर पहुँचने पर तथागत (बुद्ध) कुशीनगर में [[कमल|कमलों]] से सुशोभित एक तड़ाग के पास उपवन में ठहरे थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुशीनगर]] | ||
{[[गौतम बुद्ध]] की माँ किस वंश से सम्बन्धित थीं? | {[[गौतम बुद्ध]] की माँ किस वंश से सम्बन्धित थीं? | ||
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-[[रामानुज]] | -[[रामानुज]] | ||
{ | {किस [[सिक्ख]] गुरु ने 'अमृत सरोवर' (अब [[अमृतसर]]) नामक एक नये नगर की स्थापना की? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[ | -[[गुरु अमरदास]] | ||
+[[गुरु रामदास]] | |||
-[[गुरु अर्जुन देव]] | |||
-[[ | -[[गुरु गोविंद सिंह]] | ||
||[[चित्र: | ||[[चित्र:Guru ramdas.jpg|80px|right|गुरु रामदास]]गुरु रामदास [[सिक्ख|सिक्खों]] के चौथे गुरु थे। इन्होंने [[सिक्ख धर्म]] के सबसे प्रमुख पद 'गुरु' को 1574 ई. में प्राप्त किया था। इस पद पर ये 1581 ई. तक बने रहे। ये सिक्खों के तीसरे [[गुरु अमरदास]] के दामाद थे। इन्होंने 1577 ई. में 'अमृत सरोवर' नामक एक नये नगर की स्थापना की थी, जो आगे चलकर [[अमृतसर]] के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गुरुजी ने 'सतोषसर' नामक पवित्र सरोवर की खुदाई भी आरंभ कराई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु रामदास]] | ||
{[[जयपुर]], [[दिल्ली]], [[मथुरा]], तथा [[उज्जैन]] में 'जन्तर-मन्तर' के नाम से वेधशाला का निर्माण किसने कराया था? | {[[जयपुर]], [[दिल्ली]], [[मथुरा]], तथा [[उज्जैन]] में 'जन्तर-मन्तर' के नाम से वेधशाला का निर्माण किसने कराया था? | ||
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-[[सैयद अहमद ख़ाँ]] | -[[सैयद अहमद ख़ाँ]] | ||
-[[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद|मौलाना आज़ाद]] | -[[मौलाना अबुल कलाम आज़ाद|मौलाना आज़ाद]] | ||
||[[चित्र:Raja-Rammohana-Roy-2.jpg|right| | ||[[चित्र:Raja-Rammohana-Roy-2.jpg|right|80px|राजा राममोहन राय]]राजा राममोहन राय का जन्म 22 मई, 1772 ई. को 'राधा नगर' नामक [[बंगाल]] के एक गाँव में, पुराने विचारों से सम्पन्न बंगाली [[ब्राह्मण]] परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में [[अरबी भाषा|अरबी]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], [[अंग्रेज़ी]], ग्रीक, हिब्रू आदि [[भाषा|भाषाओं]] का अध्ययन किया था। [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]], [[ईसाई धर्म|ईसाई]], [[इस्लाम धर्म|इस्लाम]] और सूफ़ी धर्म का भी उन्होंने गम्भीर अध्ययन किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा राममोहन राय]] | ||
{' | {[[बंगाल]] का 'द्वैध शासन' कब से कब तक चला था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -1757 से 1767 तक | ||
+ | -1764 से 1793 तक | ||
+1765 से 1772 तक | |||
- | -1760 से 1793 तक | ||
{[[रामकृष्ण परमहंस]] का मूल नाम क्या था? | {[[रामकृष्ण परमहंस]] का मूल नाम क्या था? | ||
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-नरेन्द्रनाथ दत्त | -नरेन्द्रनाथ दत्त | ||
-निमाई पण्डित | -निमाई पण्डित | ||
||[[चित्र:Ramkrishna Paramhans.jpg|right|120px|रामकृष्ण परमहंस]]रामकृष्ण परमहंस [[भारत]] के एक महान संत एवं विचारक थे। इन्होंने सभी धर्मों की एकता पर ज़ोर दिया था। [[रामकृष्ण परमहंस]] ने [[पश्चिम बंगाल]] के हुगली ज़िले में कामारपुकुर नामक ग्राम के एक दीन एवं धर्मनिष्ठ परिवार में 18 फ़रवरी, सन 1836 ई. में जन्म लिया था। बाल्यावस्था में वह 'गदाधर चट्टोपाध्याय' के नाम से प्रसिद्ध थे। गदाधर के [[पिता]] खुदीराम चट्टोपाध्याय निष्ठावान ग़रीब [[ब्राह्मण]] थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामकृष्ण परमहंस]] | |||
{' | {'शिकांगो विश्व धर्म पार्लियामेंट', जिसमें [[विवेकानन्द]] ने भाग लिया था, का आयोजन कब हुआ था? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-सितम्बर, 1890 ई. | -सितम्बर, 1890 ई. | ||
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-सितम्बर, 1892 ई. | -सितम्बर, 1892 ई. | ||
+सितम्बर, 1893 ई. | +सितम्बर, 1893 ई. | ||
{'अल हिलाल' एवं 'अल बलग़' जर्नल के सम्पादक कौन थे? | |||
|type="()"} | |||
-[[दादा भाई नौरोजी]] | |||
+[[अबुल कलाम आज़ाद]] | |||
-[[सर सैयद अहमद ख़ाँ]] | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
||[[चित्र:Abul-Kalam-Azad.gif|right|120px|अबुल कलाम आज़ाद]]एक बार अबुल कलाम ने घोषणा की-"[[मुस्लिम|मुस्लिमों]] के लिए बिच्छू और [[साँप]] से सुलह कर लेना; पहाड़, ग़ुफा और बिलों के भीतर घूमना और वहाँ जंगली जानवरों के साथ चैन से रहना आसान है, लेकिन उनके लिए [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के साथ संधि के लिए हाथ बढ़ाना मुमकिन नहीं है।" अपने इस संदेश को फैलाने के लिए सन 1912 में उन्होंने अपना प्रसिद्ध साप्ताहिक अख़बार 'अल-हिलाल' आरम्भ किया। 'अल बलग़' भी उन्हीं के द्वारा सम्पादित हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अबुल कलाम आज़ाद]] | |||
{वर्ष 1910 ई. में [[सतारा]] में 'बहुजन समाज' की स्थापना किसने की थी? | {वर्ष 1910 ई. में [[सतारा]] में 'बहुजन समाज' की स्थापना किसने की थी? | ||
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+मुकुन्दराव पाटिल | +मुकुन्दराव पाटिल | ||
-[[भीमराव अम्बेडकर]] | -[[भीमराव अम्बेडकर]] | ||
{सूफ़ी सन्त 'ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती' का उर्स कहाँ पर मनाया जाता है? | |||
|type="()"} | |||
-[[फ़तेहपुर सीकरी]] में | |||
-[[आगरा]] में | |||
+[[अजमेर]] में | |||
-[[बिहार शरीफ़]] में | |||
||[[चित्र:Khwaja-Garib-Nawaz-Dargah.jpg|right|120px|ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह]]अजमेर में 13वीं शताब्दी से ही उर्स मनाया जाता है। उर्स के समय [[ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह]] को [[सोना|सोने]]-[[चांदी]] के [[आभूषण|आभूषणों]] से सजाया जाता है। उर्स को ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की पुण्य तिथि के रूप में मनाया जाता है। उर्स सितंबर-अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। उस समय भी [[अजमेर]] में थोडी गर्मी होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अजमेर]] | |||
{यह नारा किसने दिया-'मानव के लिए एक [[धर्म]], एक जाति व एक ईश्वर'? | {यह नारा किसने दिया-'मानव के लिए एक [[धर्म]], एक जाति व एक ईश्वर'? | ||
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-[[बाल गंगाधर तिलक]] | -[[बाल गंगाधर तिलक]] | ||
+श्री नारायण गुरु | +श्री नारायण गुरु | ||
{[[सिक्ख|सिक्खों]] के किस गुरु का जन्म [[पटना]] में हुआ था? | |||
|type="()"} | |||
-[[गुरुनानक|गुरुनानक देव]] | |||
+[[गुरु गोविंद सिंह]] | |||
-[[गुरु तेगबहादुर सिंह]] | |||
-[[गुरु अर्जुन देव]] | |||
||[[चित्र:Guru Gobind Singh.jpg|80px|right|गुरु गोविंद सिंह]]गुरु गोविंद सिंह के जन्म के समय [[भारत]] पर [[मुग़ल|मुग़लों]] का शासन था। [[हिन्दू|हिन्दुओं]] को [[मुस्लिम]] बनाने के लिए [[औरंगज़ेब]] के अत्याचार बढ़ रहे थे। इसी समय 22 दिसंबर, 1666 ई. को [[पटना]], ([[बिहार]]) में [[गुरु तेगबहादुर सिंह]] की धर्मपत्नी 'गूजरी देवी' ने एक सुंदर बालक को जन्म दिया, जो [[गुरु गोविंद सिंह]] के नाम से विख्यात हुआ। बचपन में सभी लोग गोविंद जी को 'बाला प्रीतम' कहकर बुलाते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु गोविंद सिंह]] | |||
{[[आधुनिक भारत]] का प्रथम राष्ट्रवादी [[कवि]] किसे माना जाता है? | |||
|type="()"} | |||
+डेरोजियो | |||
-[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] | |||
-[[मैथिलीशरण गुप्त]] | |||
-[[महादेवी वर्मा]] | |||
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07:23, 21 दिसम्बर 2011 का अवतरण
इतिहास
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