"पवनार आश्रम": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 11: | पंक्ति 11: | ||
|प्रसिद्धि=विनोबा भावे का समाधि स्थल | |प्रसिद्धि=विनोबा भावे का समाधि स्थल | ||
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?saddr=Wardha,+Maharashtra&daddr=Pavnar+Ashram,+Pavnar,+Maharashtra&hl=en&ll=20.789177,78.603401&spn=0.156633,0.338173&sll=20.786874,78.666999&sspn=0.00979,0.021136&geocode=FWeMPAEd01-vBCmdplrxBH_UOzFspoIzsTVu5w%3BFbouPQEd91ywBCFk5JLsDNObiyn5vNc4mIDUOzFk5JLsDNObiw&oq=vard&mra=ls&t=m&z=12&iwloc=ddw1 गूगल मानचित्र] | |मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?saddr=Wardha,+Maharashtra&daddr=Pavnar+Ashram,+Pavnar,+Maharashtra&hl=en&ll=20.789177,78.603401&spn=0.156633,0.338173&sll=20.786874,78.666999&sspn=0.00979,0.021136&geocode=FWeMPAEd01-vBCmdplrxBH_UOzFspoIzsTVu5w%3BFbouPQEd91ywBCFk5JLsDNObiyn5vNc4mIDUOzFk5JLsDNObiw&oq=vard&mra=ls&t=m&z=12&iwloc=ddw1 गूगल मानचित्र] | ||
|संबंधित लेख=[[पवनार]], [[ | |संबंधित लेख=[[पवनार]], [[विनोबा भावे]], [[सेवाग्राम]] | ||
|शीर्षक 1= | |शीर्षक 1= | ||
|पाठ 1= | |पाठ 1= |
14:19, 20 जून 2013 का अवतरण
पवनार आश्रम
| |
विवरण | क़रीब 15 एकड़ की जमीन पर बना यह आश्रम तमाम तरह की प्राकृतिक विविधता अपने में समेटे है। |
राज्य | महाराष्ट्र |
ज़िला | वर्धा ज़िला |
प्रसिद्धि | विनोबा भावे का समाधि स्थल |
![]() |
गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | पवनार, विनोबा भावे, सेवाग्राम |
अन्य जानकारी | इसे ऐसी महिलाएं के लिए बनवाया गया जो मीराबाई की तरह अपने को साध्वी जीवन में रखना चाहती हों। |
पवनार आश्रम महाराष्ट्र के वर्धा ज़िले के पवनार नामक गाँव में स्थित है।
विशेषताएँ
- क़रीब 15 एकड़ की जमीन पर बना यह आश्रम तमाम तरह की प्राकृतिक विविधता अपने में समेटे है।
- कृत्रिमता से कोसों दूर, सब कुछ असली, बनावटी दुनिया के जामने में असली की बात हो तो आकर्षण तो होगा ही। शायद इसी कारण यहाँ आने वाले लोगों में सबसे अधिक पढ़े लिखे लोग ही होते हैं।
- भूदान आन्दोलन के प्रणेता विनोबा जी द्वारा स्थापित है यह आश्रम।
- विनोबा जी ने महिलाओं के लिए ख़ास तौर से यह आश्रम बनवाया था। इसे ऐसी महिलाएं के लिए बनवाया गया जो मीराबाई की तरह अपने को साध्वी जीवन में रखना चाहती हों।
- आश्रम की महिलाएं इसे आश्रम नहीं ब्रह्म विद्या मंदिर कहती हैं।
- विनोबा जी की समाधि वाले कमरे के बाहर एक प्रौढ़ा जयप्रकाश नारायण की दत्तक पुत्री है- मनोरमा।
|
|
|
|
|