"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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कात्या सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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||{{seealso|मुक्तक |कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द|रुबाई|हरिगीतिका}} | ||{{seealso|मुक्तक |कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द|रुबाई|हरिगीतिका}} | ||
{' | {'मतैक्य' में कौन-सी सन्धि है?(ल्युसेंट सामान्य हिन्दी,पृ.सं.-326,प्रश्न-15 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -दीर्घ | ||
- | -यण | ||
- | -गुण | ||
+ | +वृद्धि | ||
||{{seealso|सन्धि}} | ||{{seealso|सन्धि}} | ||
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||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | ||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | ||
{"ऐसा [[पुष्प]] जो | {"ऐसा [[पुष्प]] जो अभी विकसित नहीं हुआ हो", इस वाक्य के लिए उपयुक्त [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] का चयन कीजिए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-299,प्रश्न-08 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-कोश | -कोश | ||
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-[[युगवाणी -सुमित्रानन्दन पंत|युगवाणी]] | -[[युगवाणी -सुमित्रानन्दन पंत|युगवाणी]] | ||
{"पल-पल जिसके | {"पल-पल जिसके मैं पन्थ को देखती थी,<br /> | ||
निशिदिन जिसके ही ध्यान में थी बिताती।"<br /> | निशिदिन जिसके ही ध्यान में थी बिताती।"<br /> | ||
उपरोक्त पंक्तियों में कौन-सा [[छन्द]] है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-488,प्रश्न-08 | उपरोक्त पंक्तियों में कौन-सा [[छन्द]] है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-488,प्रश्न-08 | ||
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||{{seealso|सन्धि}} | ||{{seealso|सन्धि}} | ||
{"सावन हरे न | {"सावन हरे न भादों सूखे", इस लोकोक्ति का सही अर्थ क्या है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-275,प्रश्न-05 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+सदा एक समान होना | +सदा एक समान होना |
11:09, 7 जनवरी 2014 का अवतरण
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