"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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-लिच्छवि वंश | -लिच्छवि वंश | ||
+कोलिय वंश | +कोलिय वंश | ||
{किस [[सिक्ख]] गुरु ने 'अमृत सरोवर' (अब [[अमृतसर]]) नामक एक नये नगर की स्थापना की? | {किस [[सिक्ख]] गुरु ने 'अमृत सरोवर' (अब [[अमृतसर]]) नामक एक नये नगर की स्थापना की? | ||
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-[[गुरु गोविंद सिंह]] | -[[गुरु गोविंद सिंह]] | ||
||[[चित्र:Guru ramdas.jpg|80px|right|गुरु रामदास]]गुरु रामदास [[सिक्ख|सिक्खों]] के चौथे गुरु थे। इन्होंने [[सिक्ख धर्म]] के सबसे प्रमुख पद 'गुरु' को 1574 ई. में प्राप्त किया था। इस पद पर ये 1581 ई. तक बने रहे। ये सिक्खों के तीसरे [[गुरु अमरदास]] के दामाद थे। इन्होंने 1577 ई. में 'अमृत सरोवर' नामक एक नये नगर की स्थापना की थी, जो आगे चलकर [[अमृतसर]] के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गुरुजी ने 'सतोषसर' नामक पवित्र सरोवर की खुदाई भी आरंभ कराई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु रामदास]] | ||[[चित्र:Guru ramdas.jpg|80px|right|गुरु रामदास]]गुरु रामदास [[सिक्ख|सिक्खों]] के चौथे गुरु थे। इन्होंने [[सिक्ख धर्म]] के सबसे प्रमुख पद 'गुरु' को 1574 ई. में प्राप्त किया था। इस पद पर ये 1581 ई. तक बने रहे। ये सिक्खों के तीसरे [[गुरु अमरदास]] के दामाद थे। इन्होंने 1577 ई. में 'अमृत सरोवर' नामक एक नये नगर की स्थापना की थी, जो आगे चलकर [[अमृतसर]] के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गुरुजी ने 'सतोषसर' नामक पवित्र सरोवर की खुदाई भी आरंभ कराई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु रामदास]] | ||
{[[प्राचीन भारत]] में '[[निष्क]]' किसे कहा जाता था? | |||
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+[[स्वर्ण]] [[आभूषण]] को | |||
-[[गाय]] को | |||
-[[ताँबा|ताँबे]] के सिक्के को | |||
-[[चाँदी]] के सिक्के को | |||
{[[जयपुर]], [[दिल्ली]], [[मथुरा]], तथा [[उज्जैन]] में 'जन्तर-मन्तर' के नाम से वेधशाला का निर्माण किसने कराया था? | {[[जयपुर]], [[दिल्ली]], [[मथुरा]], तथा [[उज्जैन]] में 'जन्तर-मन्तर' के नाम से वेधशाला का निर्माण किसने कराया था? | ||
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+[[ | +[[सवाई जयसिंह]] | ||
-[[राणा प्रताप]] | -[[राणा प्रताप]] | ||
-[[मानसिंह]] | -[[मानसिंह]] | ||
-[[सूरजमल]] | -[[सूरजमल]] | ||
||गुलाबी शहर [[जयपुर]] के संस्थापक राजा [[सवाई जयसिंह]] ने 18वीं सदी में [[भारत]] में अलग-अलग जगहों पर पाँच अंतरिक्षीय अनुसंधान केन्द्र बनवाए थे। [[दिल्ली]] का [[जंतर मंतर दिल्ली|जंतर-मंतर]] 1724 ई. में इस कड़ी में सबसे पहले बनवाया गया था। 1734 ई. में दिल्ली की वेधशाला को आधार बनाकर जयपुर में भी [[जंतर मंतर जयपुर|जंतर मंतर]] की स्थापना की गई। बाद में [[वाराणसी]], [[मथुरा]] और [[उज्जैन]] में भी इनकी स्थापना की गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सवाई जयसिंह]] | |||
{[[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] के साप्ताहिक 'मिरात-उल-अख़बार' को कौन प्रकाशित | {[[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] के साप्ताहिक 'मिरात-उल-अख़बार' को कौन प्रकाशित करता था? | ||
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-[[लाला लाजपत राय]] | -[[लाला लाजपत राय]] | ||
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-अथर्वन | -अथर्वन | ||
-श्रेष्ठिन | -श्रेष्ठिन | ||
{[[आधुनिक भारत]] का प्रथम राष्ट्रवादी [[कवि]] किसे माना जाता है? | |||
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+हेनरी विविनय डेरोजियो | |||
-[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] | |||
-[[मैथिलीशरण गुप्त]] | |||
-[[महादेवी वर्मा]] | |||
||'यंग बंगाल आन्दोलन' की स्थापना वर्ष 1828 ई. में [[बंगाल]] में 'हेनरी विविनय डेरोजियो' ने की थी। इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य प्रेस की स्वतन्त्रता, ज़मींदारों द्वारा किये जा रहे अत्याचारों से रैय्यत की संरक्षा, सरकारी नौकरियों में ऊँचे वेतनमान के अन्तर्गत भारतीय लोगों को नौकरी दिलवाना था। हेनरी विवियन डेरोजियो को [[आधुनिक भारत]] का प्रथम 'राष्ट्रवादी कवि' माना जाता है। उनके प्रमुख शिष्यों में [[कृष्णमोहन बनर्जी]], रामगोपाल घोष एवं महेशचन्द्र घोष थे। | |||
{[[सिक्ख|सिक्खों]] के किस गुरु का जन्म [[पटना]] में हुआ था? | {[[सिक्ख|सिक्खों]] के किस गुरु का जन्म [[पटना]] में हुआ था? | ||
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-[[गुरु अर्जुन देव]] | -[[गुरु अर्जुन देव]] | ||
||[[चित्र:Guru Gobind Singh.jpg|80px|right|गुरु गोविंद सिंह]]गुरु गोविंद सिंह के जन्म के समय [[भारत]] पर [[मुग़ल|मुग़लों]] का शासन था। [[हिन्दू|हिन्दुओं]] को [[मुस्लिम]] बनाने के लिए [[औरंगज़ेब]] के अत्याचार बढ़ रहे थे। इसी समय 22 दिसंबर, 1666 ई. को [[पटना]], ([[बिहार]]) में [[गुरु तेगबहादुर सिंह]] की धर्मपत्नी 'गूजरी देवी' ने एक सुंदर बालक को जन्म दिया, जो [[गुरु गोविंद सिंह]] के नाम से विख्यात हुआ। बचपन में सभी लोग गोविंद जी को 'बाला प्रीतम' कहकर बुलाते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु गोविंद सिंह]] | ||[[चित्र:Guru Gobind Singh.jpg|80px|right|गुरु गोविंद सिंह]]गुरु गोविंद सिंह के जन्म के समय [[भारत]] पर [[मुग़ल|मुग़लों]] का शासन था। [[हिन्दू|हिन्दुओं]] को [[मुस्लिम]] बनाने के लिए [[औरंगज़ेब]] के अत्याचार बढ़ रहे थे। इसी समय 22 दिसंबर, 1666 ई. को [[पटना]], ([[बिहार]]) में [[गुरु तेगबहादुर सिंह]] की धर्मपत्नी 'गूजरी देवी' ने एक सुंदर बालक को जन्म दिया, जो [[गुरु गोविंद सिंह]] के नाम से विख्यात हुआ। बचपन में सभी लोग गोविंद जी को 'बाला प्रीतम' कहकर बुलाते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु गोविंद सिंह]] | ||
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12:34, 21 दिसम्बर 2011 का अवतरण
इतिहास
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