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'''आईजोल''' पूर्वोत्तर [[भारत]] [[मिज़ोरम]] [[राज्य]] में लगभग 900 मीटर ऊँची पर्वतमाला पर स्थित है। आईजोल मिज़ोरम की राजधानी है। | '''आईजोल''' पूर्वोत्तर [[भारत]], [[मिज़ोरम]] [[राज्य]] में लगभग 900 मीटर ऊँची पर्वतमाला पर स्थित है। आईजोल मिज़ोरम की राजधानी है। यह शहर मिज़ोरम का सर्वाधिक जनसंख्या वाला शहर है। इसके आसपास का इलाका [[असम]], [[म्यांमार]]<ref>भूतपूर्व बर्मा</ref> भौगर्भिक क्षेत्र का हिस्सा है, जिसमें उत्तर दक्षिण सीधी रेखा में खड़ी ढाल वाली पहाड़ियाँ हैं। द्रुतगामी धालेश्वरी (तिवांग) तूइवाल और सोनाई तूइरेल व उनकी सहायक नदियाँ इस क्षेत्र को आड़े-तिरछे काटती हुई बहती है। यहाँ [[बाँस]] व लकड़ियाँ पर्वतीय घने जंगलों से एकत्र की जाती हैं। | ||
== | ==आकर्षक पर्यटन स्थल== | ||
[[1970]] में मिज़ो नेशनल फ़्रंट के सदस्यों ने आईजोल में सरकारी कोषागार व अन्य कार्यालयों पर सशस्त्र हमला किया था। | खूबसूरत वादियों वाला आइजोल [[इतिहास]], [[संस्कृति]] और विभिन्न जातियों के सम्मिश्रण वाला शहर है। यह मिजोरम की राजधानी होने के साथ ही राज्य का सबसे बड़ा शहर भी है। आइजोल में कई पर्यटक आकर्षक स्थल हैं। यहाँ अधिकतर मकान लकड़ी के बने हैं, जिससे यह शहर बिल्कुल अलग नजर आता है। पर्यटक यहाँ पश्चिम में स्थित तियांग नदी या पूरब में स्थित ट्यूरियल नदी का खूबसूरत दृश्य देखने आते हैं। यहाँ का एक और यादगार पर्यटन स्थल है- दर्तलांग पहाड़ियाँ। यहाँ मानसून के महीने भी बहुत अच्छे होते हैं, पर्यटक चाहें तो मानसून के दौरान भी यहाँ आ सकते हैं। आइजोल राज्य का राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थल होने के साथ-साथ व्यावसायिक क्षेत्र भी है। यहाँ सूर्योदय का नजारा भी अद्भुत और बड़ा ही आकर्षक होता है। इसे देखने के लिए पर्यटक निरंतर यहाँ आते रहते हैं। | ||
==उद्योग और व्यापार== | ;इतिहास | ||
आईजोल मुख्य रूप से [[ | सन [[1970]] में मिज़ो नेशनल फ़्रंट के सदस्यों ने आईजोल में सरकारी कोषागार व अन्य कार्यालयों पर सशस्त्र हमला किया था। | ||
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मिज़ो पहाड़ी की ज़्यादातर जनजातियाँ म्यांमार से आई हैं और उनमें से कई ईसाई बन गई हैं। | मिज़ो पहाड़ी की ज़्यादातर जनजातियाँ [[म्यांमार]] से आई हैं और उनमें से कई [[ईसाई]] बन गई हैं। | ||
==पर्यटन== | ==पर्यटन== | ||
आईजोल में छोटा चिड़ियाघर है, जिसमें ख़तरे में पड़ी भालू की एक प्रजाति सहित दुर्लभ एशियाई पशुओं को रखा गया है। मैकडोनल्डस पर्वत पर राज्य संग्रहालय है, जिसमें कुछ ऐतिहासिक स्मृति चिह्न, प्राचीन वस्त्र व पारंपरिक उपयोग का सामान रखा गया है। | आईजोल में छोटा चिड़ियाघर है, जिसमें ख़तरे में पड़ी भालू की एक प्रजाति सहित दुर्लभ एशियाई पशुओं को रखा गया है। मैकडोनल्डस पर्वत पर राज्य संग्रहालय है, जिसमें कुछ ऐतिहासिक स्मृति चिह्न, प्राचीन वस्त्र व पारंपरिक उपयोग का सामान रखा गया है। | ||
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12:34, 20 दिसम्बर 2012 का अवतरण

A View Of Mizoram, Aizawl
आईजोल पूर्वोत्तर भारत, मिज़ोरम राज्य में लगभग 900 मीटर ऊँची पर्वतमाला पर स्थित है। आईजोल मिज़ोरम की राजधानी है। यह शहर मिज़ोरम का सर्वाधिक जनसंख्या वाला शहर है। इसके आसपास का इलाका असम, म्यांमार[1] भौगर्भिक क्षेत्र का हिस्सा है, जिसमें उत्तर दक्षिण सीधी रेखा में खड़ी ढाल वाली पहाड़ियाँ हैं। द्रुतगामी धालेश्वरी (तिवांग) तूइवाल और सोनाई तूइरेल व उनकी सहायक नदियाँ इस क्षेत्र को आड़े-तिरछे काटती हुई बहती है। यहाँ बाँस व लकड़ियाँ पर्वतीय घने जंगलों से एकत्र की जाती हैं।
आकर्षक पर्यटन स्थल
खूबसूरत वादियों वाला आइजोल इतिहास, संस्कृति और विभिन्न जातियों के सम्मिश्रण वाला शहर है। यह मिजोरम की राजधानी होने के साथ ही राज्य का सबसे बड़ा शहर भी है। आइजोल में कई पर्यटक आकर्षक स्थल हैं। यहाँ अधिकतर मकान लकड़ी के बने हैं, जिससे यह शहर बिल्कुल अलग नजर आता है। पर्यटक यहाँ पश्चिम में स्थित तियांग नदी या पूरब में स्थित ट्यूरियल नदी का खूबसूरत दृश्य देखने आते हैं। यहाँ का एक और यादगार पर्यटन स्थल है- दर्तलांग पहाड़ियाँ। यहाँ मानसून के महीने भी बहुत अच्छे होते हैं, पर्यटक चाहें तो मानसून के दौरान भी यहाँ आ सकते हैं। आइजोल राज्य का राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थल होने के साथ-साथ व्यावसायिक क्षेत्र भी है। यहाँ सूर्योदय का नजारा भी अद्भुत और बड़ा ही आकर्षक होता है। इसे देखने के लिए पर्यटक निरंतर यहाँ आते रहते हैं।
- इतिहास
सन 1970 में मिज़ो नेशनल फ़्रंट के सदस्यों ने आईजोल में सरकारी कोषागार व अन्य कार्यालयों पर सशस्त्र हमला किया था।
उद्योग और व्यापार
आईजोल में मुख्य रूप से एल्यूमीनियम के बर्तन, हथकरघा वस्त्र व फर्नीचर बनाए जाते हैं। यहाँ पर हथकरघा, लोहे के समान, बढ़ईगिरी, टोकरी बुनने व टोपी बनाने जैसे लघु उद्योग हैं।
कृषि और खनिज
आईजोल चावल, मक्का, सेम, तंबाकू, कपास, कद्दू, तिलहन और मूँगफली उगाए जाते हैं, और नदी घाटियों को छोड़कर इस क्षेत्र में मिट्टी की परत काफ़ी पतली है। मुर्गीपालन, शिकार, मछलीपालन और पशुपालन आईजोल कृषि के अनुपूरक कार्य हैं।

जनजातियाँ
मिज़ो पहाड़ी की ज़्यादातर जनजातियाँ म्यांमार से आई हैं और उनमें से कई ईसाई बन गई हैं।
पर्यटन
आईजोल में छोटा चिड़ियाघर है, जिसमें ख़तरे में पड़ी भालू की एक प्रजाति सहित दुर्लभ एशियाई पशुओं को रखा गया है। मैकडोनल्डस पर्वत पर राज्य संग्रहालय है, जिसमें कुछ ऐतिहासिक स्मृति चिह्न, प्राचीन वस्त्र व पारंपरिक उपयोग का सामान रखा गया है।
यातायात और परिवहन
हवाई मार्ग - आइजोल के लिए कोलकाता, सिल्वर और गुवाहाटी से हफ्ते में छह दिन उड़ानें उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग - मिजोरम के लिए कोई रेल मार्ग नहीं है, लेकिन यहाँ से नजदीकी रेलवे स्टेशन असम का सिल्वर है, जो 180 कि.मी. दूर है। सिल्वर स्टेशन आइजोल से जुड़ा है। सीमा सड़क संगठन ने इस इलाके में अनेक पक्की सड़कों का निर्माण भी करवाया है।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 2,29,714 है, और ज़िले की कुल जनसंख्या 3,39,812 है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भूतपूर्व बर्मा
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