"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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{'[[सिम्पसन रेगिस्तान]]' किस देश में स्थित है? | {'[[सिम्पसन रेगिस्तान]]' किस देश में स्थित है? | ||
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||[[चित्र:Simpson-Desert.jpg|right|120px|'सिम्पसन रेगिस्तान']]'सिम्पसन रेगिस्तान' ऑस्ट्रेलिया के मध्य भाग में स्थित है। यह [[रेगिस्तान]] क़रीब 170,000 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। [[सिम्पसन रेगिस्तान]] में अनेक प्राकृतिक स्रोतों और कृत्रिम नलकूपों द्वारा [[जल]] की उपस्थिति बनी रहती है, लेकिन दुर्भाग्य से जल के अनियंत्रित दोहन के कारण अब इन स्रोतों में जल स्तर बहुत कम हो गया है। वैसे तो इस रेगिस्तान में कई प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती है, किंतु मुख्य रूप से उगने वाली वनस्पति स्पीनिफेक्स घास है। इसके साथ ही झाडि़यों के रूप में उगने वाली छोटी वनस्पतियाँ भी हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिम्पसन रेगिस्तान]], [[ऑस्ट्रेलिया]] | ||[[चित्र:Simpson-Desert.jpg|right|120px|'सिम्पसन रेगिस्तान']]'सिम्पसन रेगिस्तान' ऑस्ट्रेलिया के मध्य भाग में स्थित है। यह [[रेगिस्तान]] क़रीब 170,000 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। [[सिम्पसन रेगिस्तान]] में अनेक प्राकृतिक स्रोतों और कृत्रिम नलकूपों द्वारा [[जल]] की उपस्थिति बनी रहती है, लेकिन दुर्भाग्य से जल के अनियंत्रित दोहन के कारण अब इन स्रोतों में जल स्तर बहुत कम हो गया है। वैसे तो इस रेगिस्तान में कई प्रकार की वनस्पतियाँ पाई जाती है, किंतु मुख्य रूप से उगने वाली वनस्पति स्पीनिफेक्स घास है। इसके साथ ही झाडि़यों के रूप में उगने वाली छोटी वनस्पतियाँ भी हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सिम्पसन रेगिस्तान]], [[ऑस्ट्रेलिया]] | ||
{निम्न में से कौन-सी [[झील]] [[महाराष्ट्र]] में है? | {निम्न में से कौन-सी [[झील]] [[महाराष्ट्र]] में है? | ||
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||[[चित्र:Lonar-Lake.jpg|right|120px|लोनार झील]]'लोनार झील' [[महाराष्ट्र]] के 'लोनार' शहर में समुद्र तल से 1,200 मीटर ऊँची सतह पर लगभग 100 मीटर के वृत्त में फैली हुई है। इस [[झील]] का व्यास दस लाख वर्ग मीटर है। इसका मुहाना गोलाई लिए एकदम गहरा है, जो बहाव में 100 मीटर की गहराई तक है। [[लोनार झील]] आकाशीय [[उल्का|उल्का पिंड]] की टक्कर से निर्मित खारे पानी की दुनिया की पहली झील है। इसका खारा पानी इस बात का प्रतीक है कि कभी यहाँ [[समुद्र]] था। इसके बनते वक्त क़रीब दस लाख टन के उल्का पिंड की टकराहट हुई थी। क़रीब 1.8 किलोमीटर व्यास की इस उल्कीय झील की गहराई लगभग पांच सौ मीटर है। आज भी वैज्ञानिकों में इस विषय पर गहन शोध जारी है कि लोनार में जो टक्कर हुई, वह उल्का पिंड और [[पृथ्वी]] के बीच हुई या फिर कोई [[ग्रह]] पृथ्वी से टकराया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोनार झील]] | ||[[चित्र:Lonar-Lake.jpg|right|120px|लोनार झील]]'लोनार झील' [[महाराष्ट्र]] के 'लोनार' शहर में समुद्र तल से 1,200 मीटर ऊँची सतह पर लगभग 100 मीटर के वृत्त में फैली हुई है। इस [[झील]] का व्यास दस लाख वर्ग मीटर है। इसका मुहाना गोलाई लिए एकदम गहरा है, जो बहाव में 100 मीटर की गहराई तक है। [[लोनार झील]] आकाशीय [[उल्का|उल्का पिंड]] की टक्कर से निर्मित खारे पानी की दुनिया की पहली झील है। इसका खारा पानी इस बात का प्रतीक है कि कभी यहाँ [[समुद्र]] था। इसके बनते वक्त क़रीब दस लाख टन के उल्का पिंड की टकराहट हुई थी। क़रीब 1.8 किलोमीटर व्यास की इस उल्कीय झील की गहराई लगभग पांच सौ मीटर है। आज भी वैज्ञानिकों में इस विषय पर गहन शोध जारी है कि लोनार में जो टक्कर हुई, वह उल्का पिंड और [[पृथ्वी]] के बीच हुई या फिर कोई [[ग्रह]] पृथ्वी से टकराया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लोनार झील]] | ||
{[[इटली]] का 'स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी' किस प्रकार का [[ज्वालामुखी]] है? | {[[इटली]] का 'स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी' किस प्रकार का [[ज्वालामुखी]] है? | ||
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-[[ढाल ज्वालामुखी]] | -[[ढाल ज्वालामुखी]] | ||
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||[[चित्र:Volcano.jpg|right|80px|ज्वालामुखी]]'सक्रिय ज्वालामुखी' उन [[ज्वालामुखी]] पर्वतों को कहा जाता है, जिनमें अक्सर उदगार (विस्फोट) होता रहता है। क्योंकि ये ज्वालामुखी सदैव ही क्रियाशील रहते हैं, इसीलिए इन्हें '[[सक्रिय ज्वालामुखी]]' कहा जाता है। वर्तमान समय में विश्व में सक्रिय ज्वालामुखियों की संख्या लगभग 500 है। इन ज्वालामुखियों में प्रमुख हैं, [[इटली]] का 'एटना' तथा 'स्ट्राम्बोली'। स्ट्राम्बोली [[भूमध्य सागर]] में सिसली के उत्तर में लिपारी द्वीप पर स्थित है। विश्व की सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित सक्रिय ज्वालामुखी 'ओजस डेड सालाडो' (6885 मीटर) [[एण्डीज पर्वत|एण्डीज पर्वतमाला]] में अर्जेन्टीना–चिली देश की सीमा पर स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सक्रिय ज्वालामुखी]], [[ज्वालामुखी]] | ||[[चित्र:Volcano.jpg|right|80px|ज्वालामुखी]]'सक्रिय ज्वालामुखी' उन [[ज्वालामुखी]] पर्वतों को कहा जाता है, जिनमें अक्सर उदगार (विस्फोट) होता रहता है। क्योंकि ये ज्वालामुखी सदैव ही क्रियाशील रहते हैं, इसीलिए इन्हें '[[सक्रिय ज्वालामुखी]]' कहा जाता है। वर्तमान समय में विश्व में सक्रिय ज्वालामुखियों की संख्या लगभग 500 है। इन ज्वालामुखियों में प्रमुख हैं, [[इटली]] का 'एटना' तथा 'स्ट्राम्बोली'। स्ट्राम्बोली [[भूमध्य सागर]] में सिसली के उत्तर में लिपारी द्वीप पर स्थित है। विश्व की सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित सक्रिय ज्वालामुखी 'ओजस डेड सालाडो' (6885 मीटर) [[एण्डीज पर्वत|एण्डीज पर्वतमाला]] में अर्जेन्टीना–चिली देश की सीमा पर स्थित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सक्रिय ज्वालामुखी]], [[ज्वालामुखी]] | ||
{'राष्ट्रीय बाढ़ आयोग' की स्थापना कब की गई थी? | {'राष्ट्रीय बाढ़ आयोग' की स्थापना कब की गई थी? | ||
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{[[भारत]] में किस राज्य का [[तम्बाकू]] उत्पादन में द्वितीय स्थान है? | {[[भारत]] में किस राज्य का [[तम्बाकू]] उत्पादन में द्वितीय स्थान है? | ||
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||[[चित्र:Tobacc-Plant.jpg|right|80px|तम्बाकू का पौधा]]प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता की दृष्टि से [[गुजरात]] [[भारत]] का अत्यंत महत्त्वपूर्ण राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा [[पाकिस्तान]] से लगी है। गुजरात का क्षेत्रफल 1,96,024 वर्ग किलोमीटर है। यह पैट्रोलियम के उत्पादन में तीसरा बड़ा क्षेत्र है। यहाँ के मुख्य पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र '[[खम्भात की खाड़ी]]', [[अंकलेश्वर]], [[बड़ोदरा]], [[मेहसाना]] तथा [[अहमदाबाद]] हैं। गुजरात राज्य का भारत में [[कपास]] और [[मूँगफली]] उत्पादन में प्रथम तथा [[तम्बाकू]] उत्पादन में द्वितीय स्थान है। हालांकि ज़्यादातर लोग [[कृषि]] कार्य में संलग्न हैं, पर यहाँ एक सुगठित और अपेक्षाकृत समद्ध वाणिज्यिक समुदाय भी है, जो व्यापार और वाणिज्य में तरक़्क़ी कर रहा है। व्यापार में संलग्न गुजराती लोग देशभर और विदेशों में भी फैले हुए हैं। [[भारत]] की औद्योगिक अर्थव्यवस्था में गुजरात का स्थान अग्रणी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुजरात]] | ||[[चित्र:Tobacc-Plant.jpg|right|80px|तम्बाकू का पौधा]]प्राचीनता एवं ऐतिहासिकता की दृष्टि से [[गुजरात]] [[भारत]] का अत्यंत महत्त्वपूर्ण राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा [[पाकिस्तान]] से लगी है। गुजरात का क्षेत्रफल 1,96,024 वर्ग किलोमीटर है। यह पैट्रोलियम के उत्पादन में तीसरा बड़ा क्षेत्र है। यहाँ के मुख्य पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र '[[खम्भात की खाड़ी]]', [[अंकलेश्वर]], [[बड़ोदरा]], [[मेहसाना]] तथा [[अहमदाबाद]] हैं। गुजरात राज्य का भारत में [[कपास]] और [[मूँगफली]] उत्पादन में प्रथम तथा [[तम्बाकू]] उत्पादन में द्वितीय स्थान है। हालांकि ज़्यादातर लोग [[कृषि]] कार्य में संलग्न हैं, पर यहाँ एक सुगठित और अपेक्षाकृत समद्ध वाणिज्यिक समुदाय भी है, जो व्यापार और वाणिज्य में तरक़्क़ी कर रहा है। व्यापार में संलग्न गुजराती लोग देशभर और विदेशों में भी फैले हुए हैं। [[भारत]] की औद्योगिक अर्थव्यवस्था में गुजरात का स्थान अग्रणी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुजरात]] | ||
{'फोबोस' और 'डीमोस' निम्नलिखित में से किसके दो उपग्रह हैं? | {'फोबोस' और 'डीमोस' निम्नलिखित में से किसके दो उपग्रह हैं? | ||
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-[[शनि ग्रह|शनि]] | -[[शनि ग्रह|शनि]] | ||
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||[[चित्र:Mars.jpg|right|100px|मंगल ग्रह]]'[[सौरमंडल]]' में [[मंगल ग्रह]] [[सूर्य]] से चौथे स्थान पर और आकार में सातवें क्रमांक का बड़ा [[ग्रह]] है। मंगल को रात में नंगी आंखों से देखा जा सकता है। इसे 'युद्ध का भगवान' भी कहते हैं। मंगल ग्रह को यह नाम अपने [[लाल रंग]] के कारण मिला है। इसकी रक्तिम आभा के कारण ही यह '''लाल ग्रह''' के रूप में भी जाना जाता है। मंगल ग्रह के दो उपग्रह भी है- 'फोबोस' और 'डीमोस'। फोबोस [[मंगल ग्रह]] के मध्य बिन्दु से 9000 किलोमीटर के फासले पर है और डीमोस 23000 किलोमीटर की दूरी पर। फोबोस का रेडियस 11 किलोमीटर है और डीमोस का 6 किलोमीटर। फोबोस पश्चिम से उगता है और दिन में दो बार पूर्व में ढलता है। डीमोस बहुत छोटा-सा चाँद है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मंगल]] | ||[[चित्र:Mars.jpg|right|100px|मंगल ग्रह]]'[[सौरमंडल]]' में [[मंगल ग्रह]] [[सूर्य]] से चौथे स्थान पर और आकार में सातवें क्रमांक का बड़ा [[ग्रह]] है। मंगल को रात में नंगी आंखों से देखा जा सकता है। इसे 'युद्ध का भगवान' भी कहते हैं। मंगल ग्रह को यह नाम अपने [[लाल रंग]] के कारण मिला है। इसकी रक्तिम आभा के कारण ही यह '''लाल ग्रह''' के रूप में भी जाना जाता है। मंगल ग्रह के दो उपग्रह भी है- 'फोबोस' और 'डीमोस'। फोबोस [[मंगल ग्रह]] के मध्य बिन्दु से 9000 किलोमीटर के फासले पर है और डीमोस 23000 किलोमीटर की दूरी पर। फोबोस का रेडियस 11 किलोमीटर है और डीमोस का 6 किलोमीटर। फोबोस पश्चिम से उगता है और दिन में दो बार पूर्व में ढलता है। डीमोस बहुत छोटा-सा चाँद है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मंगल]] | ||
{[[हिमालय]] का एक भाग जिसका नाम 'कलिन्द' है, वहाँ से कौन-सी नदी निकलती है? | {[[हिमालय]] का एक भाग जिसका नाम 'कलिन्द' है, वहाँ से कौन-सी नदी निकलती है? | ||
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-[[गंगा]] | -[[गंगा]] | ||
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||[[चित्र:Yamuna-Mathura-7.jpg|right|120px|यमुना नदी]][[भारत]] के उत्तर में [[हिमालय पर्वत]] स्थित है। इसकी एक चोटी का नाम 'बन्दरपुच्छ' है। यह चोटी [[उत्तराखण्ड]] के [[टिहरी गढ़वाल ज़िला|टिहरी गढ़वाल ज़िले]] में है। इसकी ऊँचाई लगभग 20,731 फुट है। इसे '[[सुमेरु पर्वत|सुमेरु]]' भी कहते हैं। इसके एक भाग का नाम 'कलिन्द' है। यहीं से [[यमुना नदी]] निकलती है। इसी से यमुना का नाम 'कलिंदजा' और 'कालिंदी' भी है। दोनों शब्दों का अर्थ 'कलिन्द की बेटी' होता है। यह जगह बहुत ही सुन्दर है, किंतु यहाँ पहुँचना और भी कठिन है। अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हिमगारों और हिंम मंडित कंदराओं में अप्रकट रूप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रतापूर्वक उतरती हुई यमुना की धारा [[यमुनोत्री|यमुनोत्तरी पर्वत]] से प्रकट होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यमुना नदी]], [[हिमालय]] | ||[[चित्र:Yamuna-Mathura-7.jpg|right|120px|यमुना नदी]][[भारत]] के उत्तर में [[हिमालय पर्वत]] स्थित है। इसकी एक चोटी का नाम 'बन्दरपुच्छ' है। यह चोटी [[उत्तराखण्ड]] के [[टिहरी गढ़वाल ज़िला|टिहरी गढ़वाल ज़िले]] में है। इसकी ऊँचाई लगभग 20,731 फुट है। इसे '[[सुमेरु पर्वत|सुमेरु]]' भी कहते हैं। इसके एक भाग का नाम 'कलिन्द' है। यहीं से [[यमुना नदी]] निकलती है। इसी से यमुना का नाम 'कलिंदजा' और 'कालिंदी' भी है। दोनों शब्दों का अर्थ 'कलिन्द की बेटी' होता है। यह जगह बहुत ही सुन्दर है, किंतु यहाँ पहुँचना और भी कठिन है। अपने उद्गम से आगे कई मील तक विशाल हिमगारों और हिंम मंडित कंदराओं में अप्रकट रूप से बहती हुई तथा पहाड़ी ढलानों पर से अत्यन्त तीव्रतापूर्वक उतरती हुई यमुना की धारा [[यमुनोत्री|यमुनोत्तरी पर्वत]] से प्रकट होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यमुना नदी]], [[हिमालय]] | ||
{निम्न में से किस नदी को '''वन की आशा''' कहा जाता है? | {निम्न में से किस नदी को '''वन की आशा''' कहा जाता है? | ||
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-[[लूनी नदी|लूनी]] | -[[लूनी नदी|लूनी]] | ||
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||[[चित्र:Banas-River.jpg|right|120px|बनास नदी]]'बनास नदी' [[राजस्थान]], पश्चिमोत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली नदी है। यह [[चम्बल नदी]] की सहायक नदी है। [[बनास नदी|बनास]] एक मात्र ऐसी नदी है, जो अपना संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। 'बनास' अर्थात "वन की आशा" के रूप में जानी जाने वाली यह नदी [[उदयपुर ज़िला|उदयपुर ज़िले]] के [[अरावली पर्वतश्रेणी|अरावली पर्वत श्रेणियों]] में [[कुंभलगढ़ उदयपुर|कुंभलगढ़]] के पास खमनौर की पहाड़ियों से निकलती है। बनास को मौसमी नदी के रूप में जाना जाता है। यह गर्मी के समय अक्सर सूखी रहती है, लेकिन इसके बावजूद यह सिचाई का मुख्य स्रोत है। इसकी समूची घाटी में [[मिट्टी]] के बहाव से कई स्थानों में अनुपजाऊ भूमि का निर्माण हो गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बनास नदी]] | ||[[चित्र:Banas-River.jpg|right|120px|बनास नदी]]'बनास नदी' [[राजस्थान]], पश्चिमोत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली नदी है। यह [[चम्बल नदी]] की सहायक नदी है। [[बनास नदी|बनास]] एक मात्र ऐसी नदी है, जो अपना संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। 'बनास' अर्थात "वन की आशा" के रूप में जानी जाने वाली यह नदी [[उदयपुर ज़िला|उदयपुर ज़िले]] के [[अरावली पर्वतश्रेणी|अरावली पर्वत श्रेणियों]] में [[कुंभलगढ़ उदयपुर|कुंभलगढ़]] के पास खमनौर की पहाड़ियों से निकलती है। बनास को मौसमी नदी के रूप में जाना जाता है। यह गर्मी के समय अक्सर सूखी रहती है, लेकिन इसके बावजूद यह सिचाई का मुख्य स्रोत है। इसकी समूची घाटी में [[मिट्टी]] के बहाव से कई स्थानों में अनुपजाऊ भूमि का निर्माण हो गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बनास नदी]] | ||
{[[छोटा नागपुर पठार|छोटा नागपुर का पठार]] किस राज्य का दक्षिणी भाग है? | {[[छोटा नागपुर पठार|छोटा नागपुर का पठार]] किस राज्य का दक्षिणी भाग है? | ||
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-[[मध्य प्रदेश]] | -[[मध्य प्रदेश]] | ||
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||[[चित्र:Jharkhand1 Logo.png|right|100px|झारखण्ड सरकार]]'झारखण्ड राज्य' में बहुत बड़ी संख्या में घने वन और झाड़-झंकार जैसी अधिकांश वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, इसीलिए राज्य का नाम '[[झारखण्ड]]' पड़ा है। यह राज्य [[छोटा नागपुर पठार]] पर बसा हुआ है, जो [[गंगा]] के मैदानी भाग के दक्षिण में है। 'छोटा नागपुर पठार' झारखण्ड का प्रमुख भौतिक लक्षण है, जो [[पठार|पठारों]], पहाड़ियों व घाटियों की शृंखला है। यह लगभग समूचे राज्य में फैला है और अधिकांशतः स्फटकीय (क्रिस्टल) चट्टनों से बना है। [[हज़ारीबाग़]] व [[राँची]], ये दो मुख्य पठार [[दामोदर नदी]] के भ्रंशित और [[कोयला]] युक्त अवसादी बेसिन से विभाजित हैं। इनकी ऊँचाई औसतन लगभग 610 मीटर है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[झारखण्ड]] | ||[[चित्र:Jharkhand1 Logo.png|right|100px|झारखण्ड सरकार]]'झारखण्ड राज्य' में बहुत बड़ी संख्या में घने वन और झाड़-झंकार जैसी अधिकांश वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, इसीलिए राज्य का नाम '[[झारखण्ड]]' पड़ा है। यह राज्य [[छोटा नागपुर पठार]] पर बसा हुआ है, जो [[गंगा]] के मैदानी भाग के दक्षिण में है। 'छोटा नागपुर पठार' झारखण्ड का प्रमुख भौतिक लक्षण है, जो [[पठार|पठारों]], पहाड़ियों व घाटियों की शृंखला है। यह लगभग समूचे राज्य में फैला है और अधिकांशतः स्फटकीय (क्रिस्टल) चट्टनों से बना है। [[हज़ारीबाग़]] व [[राँची]], ये दो मुख्य पठार [[दामोदर नदी]] के भ्रंशित और [[कोयला]] युक्त अवसादी बेसिन से विभाजित हैं। इनकी ऊँचाई औसतन लगभग 610 मीटर है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[झारखण्ड]] | ||
{निम्नलिखित राजधानियों में से चिरिया टापू किस राजधानी में स्थित है? | {निम्नलिखित राजधानियों में से चिरिया टापू किस राजधानी में स्थित है? | ||
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+[[पोर्ट ब्लेयर]] | +[[पोर्ट ब्लेयर]] | ||
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||[[चित्र:Port-Blair.jpg|right|100px|पोर्ट ब्लेयर का एक दृश्य]]'पोर्ट ब्लेयर' [[अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह]] की राजधानी है। यह [[कोलकाता]] से 1,255 कि.मी. तथा [[चेन्नई]] से 1,191 कि.मी. दूर स्थित है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी [[पोर्ट ब्लेयर]] ख़ूबसूरत नज़ारों से भरी हुई है। पोर्ट ब्लेयर स्थित [[सेल्यूलर जेल]] का निर्माण [[1886]] से [[1906]] के बीच करवाया गया था। [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा यहाँ [[1947]] तक [[भारत]] के [[स्वतंत्रता सेनानी सूची|स्वतंत्रता सेनानियों]] को रखा जाता था। 'सिपीघाट फार्म', 'वाइपर टापू' पोर्ट ब्लेयर स्थित अन्य दर्शनीय स्थल हैं। यहाँ से 35 कि.मी. दक्षिण में स्थित 'चिरिया टापू' अपने सुंदर समुद्री तटों के लिए प्रसिद्ध है। 'कोरबिन कोव', '[[माउंट हैरियट]]', '[[रॉस द्वीप]]', 'मधुबन तट' तथा 'काला पत्थर' पोर्ट ब्लेयर के समीप स्थित अन्य प्रसिद्ध स्थल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पोर्ट ब्लेयर]] | ||[[चित्र:Port-Blair.jpg|right|100px|पोर्ट ब्लेयर का एक दृश्य]]'पोर्ट ब्लेयर' [[अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह]] की राजधानी है। यह [[कोलकाता]] से 1,255 कि.मी. तथा [[चेन्नई]] से 1,191 कि.मी. दूर स्थित है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी [[पोर्ट ब्लेयर]] ख़ूबसूरत नज़ारों से भरी हुई है। पोर्ट ब्लेयर स्थित [[सेल्यूलर जेल]] का निर्माण [[1886]] से [[1906]] के बीच करवाया गया था। [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा यहाँ [[1947]] तक [[भारत]] के [[स्वतंत्रता सेनानी सूची|स्वतंत्रता सेनानियों]] को रखा जाता था। 'सिपीघाट फार्म', 'वाइपर टापू' पोर्ट ब्लेयर स्थित अन्य दर्शनीय स्थल हैं। यहाँ से 35 कि.मी. दक्षिण में स्थित 'चिरिया टापू' अपने सुंदर समुद्री तटों के लिए प्रसिद्ध है। 'कोरबिन कोव', '[[माउंट हैरियट]]', '[[रॉस द्वीप]]', 'मधुबन तट' तथा 'काला पत्थर' पोर्ट ब्लेयर के समीप स्थित अन्य प्रसिद्ध स्थल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पोर्ट ब्लेयर]] | ||
{[[सिन्धु नदी]] [[भारत]] के एकमात्र किस राज्य से होकर प्रवाहित होती है? | {[[सिन्धु नदी]] [[भारत]] के एकमात्र किस राज्य से होकर प्रवाहित होती है? | ||
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-[[हिमाचल प्रदेश]] | -[[हिमाचल प्रदेश]] | ||
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||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|right|100px|कश्मीर की घाटी]]पहले 'जम्मू और कश्मीर' [[भारत]] की बड़ी रियासतों में से एक था। [[जम्मू-कश्मीर]] के पश्चिम मध्य हिस्से के [[पाकिस्तान]] अधिकृत क्षेत्र में देवसई पर्वत है। इस राज्य की राजधानी ग्रीष्म काल में [[श्रीनगर]] और शीत काल में [[जम्मू]] रहती है। राज्य का 90 प्रतिशत से अधिक भाग पहाड़ी क्षेत्र है। इस क्षेत्र को भौगोलिक आकृति की दृष्टि से सात भागों में बाँटा गया है, जो पश्चिमी [[हिमालय]] के संरचानात्मक घटकों से जुड़े हैं। दक्षिण-पश्चिम से पूर्वोत्तर तक इन क्षेत्रों में [[मैदान]], निचली पहाड़ियाँ, [[पीर पंजाल पर्वत श्रेणी]], [[कश्मीर की घाटी]], वृहद हिमालय क्षेत्र, ऊपरी [[सिंधु घाटी]] और [[कराकोरम पर्वत श्रेणी]] शामिल है। यहाँ औसत वार्षिक [[वर्षा]] उत्तर में 75 मि.मी. से लेकर दक्षिण-पूर्व में 1150 मि.मी. तक होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्मू और कश्मीर]] | ||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|right|100px|कश्मीर की घाटी]]पहले 'जम्मू और कश्मीर' [[भारत]] की बड़ी रियासतों में से एक था। [[जम्मू-कश्मीर]] के पश्चिम मध्य हिस्से के [[पाकिस्तान]] अधिकृत क्षेत्र में देवसई पर्वत है। इस राज्य की राजधानी ग्रीष्म काल में [[श्रीनगर]] और शीत काल में [[जम्मू]] रहती है। राज्य का 90 प्रतिशत से अधिक भाग पहाड़ी क्षेत्र है। इस क्षेत्र को भौगोलिक आकृति की दृष्टि से सात भागों में बाँटा गया है, जो पश्चिमी [[हिमालय]] के संरचानात्मक घटकों से जुड़े हैं। दक्षिण-पश्चिम से पूर्वोत्तर तक इन क्षेत्रों में [[मैदान]], निचली पहाड़ियाँ, [[पीर पंजाल पर्वत श्रेणी]], [[कश्मीर की घाटी]], वृहद हिमालय क्षेत्र, ऊपरी [[सिंधु घाटी]] और [[कराकोरम पर्वत श्रेणी]] शामिल है। यहाँ औसत वार्षिक [[वर्षा]] उत्तर में 75 मि.मी. से लेकर दक्षिण-पूर्व में 1150 मि.मी. तक होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जम्मू और कश्मीर]] | ||
{'[[मानसून]]' शब्द की व्युत्पत्ति [[अरबी भाषा]] के किस [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] से हुई है? | {'[[मानसून]]' शब्द की व्युत्पत्ति [[अरबी भाषा]] के किस [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] से हुई है? | ||
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||[[चित्र:Monsoon-Rain-2.jpg|right|100px|वर्षा का एक दृश्य]][[भारत]] एक [[कृषि]] प्रधान देश है। '[[मानसून]]' में होने वाली अच्छी [[वर्षा]] काफ़ी हद तक किसानों को समृद्ध बना देती है। भारत ही नहीं विश्व की कई प्रमुख फ़सलें मानसूनी वर्षा पर निर्भर हैं। आज भी मानसून से होने वाली वर्षा भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है। 'मानसून' शब्द की उत्पत्ति [[अरबी भाषा]] के 'मौसिम' शब्द से हुई है। अरब के समुद्री व्यापारियों ने [[समुद्र]] से स्थल की ओर या इसके विपरीत चलने वाली हवाओं को 'मौसिम' कहा था, जो आगे चलकर 'मानसून' कहा जाने लगा। मानसून का जादू और इसका जीवन-संगीत भारतीय उपमहाद्वीप में ही फैला हो, ऐसा नहीं है। वास्तव में, यह [[पृथ्वी]] पर सबसे बड़ी जलवायु संरचना है। [[भूगोल]] पर इसका विस्तार लगभग 10 डिग्री दक्षिणी अक्षांश से लेकर 25 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मानसून]], [[वर्षा]] | ||[[चित्र:Monsoon-Rain-2.jpg|right|100px|वर्षा का एक दृश्य]][[भारत]] एक [[कृषि]] प्रधान देश है। '[[मानसून]]' में होने वाली अच्छी [[वर्षा]] काफ़ी हद तक किसानों को समृद्ध बना देती है। भारत ही नहीं विश्व की कई प्रमुख फ़सलें मानसूनी वर्षा पर निर्भर हैं। आज भी मानसून से होने वाली वर्षा भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है। 'मानसून' शब्द की उत्पत्ति [[अरबी भाषा]] के 'मौसिम' शब्द से हुई है। अरब के समुद्री व्यापारियों ने [[समुद्र]] से स्थल की ओर या इसके विपरीत चलने वाली हवाओं को 'मौसिम' कहा था, जो आगे चलकर 'मानसून' कहा जाने लगा। मानसून का जादू और इसका जीवन-संगीत भारतीय उपमहाद्वीप में ही फैला हो, ऐसा नहीं है। वास्तव में, यह [[पृथ्वी]] पर सबसे बड़ी जलवायु संरचना है। [[भूगोल]] पर इसका विस्तार लगभग 10 डिग्री दक्षिणी अक्षांश से लेकर 25 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मानसून]], [[वर्षा]] | ||
{[[शीत ऋतु]] में होने वाली [[वर्षा]] किस फ़सल के लिए अत्यंत लाभकारी होती है? | {[[शीत ऋतु]] में होने वाली [[वर्षा]] किस फ़सल के लिए अत्यंत लाभकारी होती है? | ||
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||[[चित्र:Wheat-1.jpg|right|100px|गेहूँ]]'गेहूँ' विश्वव्यापी महत्त्व की फ़सल है। विश्व की एक बहुत बड़ी संख्या का मुख्य खाद्य [[गेहूँ]] है। विश्वव्यापी गेहूँ उत्पादन वर्ष [[2007]]-[[2008]] में 62.22 करोड़ टन तक पहुँच गया था। [[भारत]] गेहूँ का [[चीन]] के बाद दूसरा विशालतम उत्पादक देश है। [[चावल]] के बाद गेहूँ देश का दूसरा सबसे महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न है। देश के कुल 10 प्रतिशत भाग पर [[गेहूँ]] की [[कृषि]] की जाती है, किंतु चावल की अपेक्षा इसका प्रति हेक्टेयर उत्पादन लगभग 2500 किलोग्राम अधिक है। गेहूँ की अधिकांश कृषि सिंचाई के सहारे की जाती है। भारत में इसकी खेती का सबसे अच्छा समय [[अक्टूबर]] और [[नवम्बर]] का शीतकालीन समय होता है। इस समय बोई गई फ़सल से काफ़ी अच्छा लाभ प्राप्त होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गेहूँ]] | ||[[चित्र:Wheat-1.jpg|right|100px|गेहूँ]]'गेहूँ' विश्वव्यापी महत्त्व की फ़सल है। विश्व की एक बहुत बड़ी संख्या का मुख्य खाद्य [[गेहूँ]] है। विश्वव्यापी गेहूँ उत्पादन वर्ष [[2007]]-[[2008]] में 62.22 करोड़ टन तक पहुँच गया था। [[भारत]] गेहूँ का [[चीन]] के बाद दूसरा विशालतम उत्पादक देश है। [[चावल]] के बाद गेहूँ देश का दूसरा सबसे महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न है। देश के कुल 10 प्रतिशत भाग पर [[गेहूँ]] की [[कृषि]] की जाती है, किंतु चावल की अपेक्षा इसका प्रति हेक्टेयर उत्पादन लगभग 2500 किलोग्राम अधिक है। गेहूँ की अधिकांश कृषि सिंचाई के सहारे की जाती है। भारत में इसकी खेती का सबसे अच्छा समय [[अक्टूबर]] और [[नवम्बर]] का शीतकालीन समय होता है। इस समय बोई गई फ़सल से काफ़ी अच्छा लाभ प्राप्त होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गेहूँ]] | ||
{निम्न में से किस खाड़ी को 'जलदस्यु मार्ग' कहा जाने लगा है? | {निम्न में से किस खाड़ी को 'जलदस्यु मार्ग' कहा जाने लगा है? | ||
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-[[बंगाल की खाड़ी]] | -[[बंगाल की खाड़ी]] | ||
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||[[चित्र:Gulf-of-Aden.jpg|right|100px|अदन की खाड़ी]]'अदन की खाड़ी' [[अरब सागर]] में यमन, जो कि अरब प्रायद्वीप का दक्षिणी तट है, और सोमालिया के मध्य स्थित है। पश्चिम में अरब सागर को '[[अदन की खाड़ी]]', 'बाब एल-मंदेब' जलडमरूमध्य के माध्यम से [[लाल सागर]] से जोड़ती है। हाल के कुछ दिनों में इस खाड़ी में समुद्री लुटेरों की गतिविधियों में काफ़ी बढ़ोत्तरी हुई है, जिस कारण इसे 'जलदस्यु मार्ग' भी कहा जाने लगा है। 'अदन की खाड़ी' में पहले से ही [[अमेरिका]], [[रूस]] और अन्य यूरोपीय देशों के नौसैनिक पोत समुद्री लुटेरों के कारण गश्त लगाते रहते हैं। इसके बाद भी यहाँ डकैती और अपहरण की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अदन की खाड़ी]] | ||[[चित्र:Gulf-of-Aden.jpg|right|100px|अदन की खाड़ी]]'अदन की खाड़ी' [[अरब सागर]] में यमन, जो कि अरब प्रायद्वीप का दक्षिणी तट है, और सोमालिया के मध्य स्थित है। पश्चिम में अरब सागर को '[[अदन की खाड़ी]]', 'बाब एल-मंदेब' जलडमरूमध्य के माध्यम से [[लाल सागर]] से जोड़ती है। हाल के कुछ दिनों में इस खाड़ी में समुद्री लुटेरों की गतिविधियों में काफ़ी बढ़ोत्तरी हुई है, जिस कारण इसे 'जलदस्यु मार्ग' भी कहा जाने लगा है। 'अदन की खाड़ी' में पहले से ही [[अमेरिका]], [[रूस]] और अन्य यूरोपीय देशों के नौसैनिक पोत समुद्री लुटेरों के कारण गश्त लगाते रहते हैं। इसके बाद भी यहाँ डकैती और अपहरण की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अदन की खाड़ी]] | ||
{निम्न में से किस राज्य में '[[वन विहार राष्ट्रीय उद्यान]]' स्थित है? | {निम्न में से किस राज्य में '[[वन विहार राष्ट्रीय उद्यान]]' स्थित है? | ||
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-[[उत्तर प्रदेश]] | -[[उत्तर प्रदेश]] |
07:26, 26 जुलाई 2013 का अवतरण
भूगोल सामान्य ज्ञान
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