"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/3": अवतरणों में अंतर
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-[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | -[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | ||
-[[छप्पय]] | -[[छप्पय]] | ||
||{{seealso|हरिगीतिका|कुण्डलिया}} | ||{{seealso|हरिगीतिका|कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द}} | ||
{'विश्वामित्र' का सही सन्धि विच्छेद क्या होगा?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-99 | {'विश्वामित्र' का सही सन्धि विच्छेद क्या होगा?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-99 | ||
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-विश्व + अमित्र | -विश्व + अमित्र | ||
-विश्व: + मित्र | -विश्व: + मित्र | ||
||{{seealso|सन्धि|कारक|संज्ञा|सर्वनाम}} | |||
{"तुम विद्यालय के लिए यह कर दो या रमेश को बोल दो।" यह किस प्रकार का वाक्य है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-333,प्रश्न-01 | {"तुम विद्यालय के लिए यह कर दो या रमेश को बोल दो।" यह किस प्रकार का वाक्य है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-333,प्रश्न-01 | ||
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-एक साथ दो काम करना | -एक साथ दो काम करना | ||
-विपत्ति पड़ने पर ईश्वर का स्मरण करना | -विपत्ति पड़ने पर ईश्वर का स्मरण करना | ||
||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | |||
{वे [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] जिनकी उत्पत्ति का स्रोत ज्ञात नहीं हो पाता, क्या कहलाते हैं?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-271 | {वे [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] जिनकी उत्पत्ति का स्रोत ज्ञात नहीं हो पाता, क्या कहलाते हैं?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-271 | ||
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-संकर शब्द | -संकर शब्द | ||
-अनुकरणात्मक शब्द | -अनुकरणात्मक शब्द | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव}} | |||
{"मसि कागद छुयो नहीं कलम गही नहिं हाथ", इस पंक्ति के रचयिता कौन थे?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-474,प्रश्न-01 | {"मसि कागद छुयो नहीं कलम गही नहिं हाथ", इस पंक्ति के रचयिता कौन थे?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-474,प्रश्न-01 | ||
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+आदर | +आदर | ||
-सत्कार | -सत्कार | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द}} | |||
{"जो सुमिरत सिधि होइ, गन नायक करिवर बदन।<br /> | {"जो सुमिरत सिधि होइ, गन नायक करिवर बदन।<br /> | ||
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-[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | -[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | ||
+[[सोरठा]] | +[[सोरठा]] | ||
||{{seealso|हरिगीतिका|कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द}} | |||
{'निरन्तर' का सही सन्धि विच्छेद बताइए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-100 | {'निरन्तर' का सही सन्धि विच्छेद बताइए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-100 | ||
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+नि: + अन्तर | +नि: + अन्तर | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||{{seealso|सन्धि}} | |||
{"मज़दूर मेहनत करता है किंतु उसके लाभ से वंचित है।" यह किस प्रकार का वाक्य है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-333,प्रश्न-02 | {"मज़दूर मेहनत करता है किंतु उसके लाभ से वंचित है।" यह किस प्रकार का वाक्य है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-333,प्रश्न-02 | ||
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-गणना | -गणना | ||
-दन्त | -दन्त | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द}} | |||
{स्वतन्त्र सत्ता धारण न करने वाले [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] क्या कहलाते हैं?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-272 | {स्वतन्त्र सत्ता धारण न करने वाले [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] क्या कहलाते हैं?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-272 | ||
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-[[सोरठा]] | -[[सोरठा]] | ||
-[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | -[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | ||
||{{seealso|हरिगीतिका|कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द}} | |||
{'उच्चारण' का सही सन्धि विच्छेद क्या है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-101 | {'उच्चारण' का सही सन्धि विच्छेद क्या है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-101 | ||
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+उत + चारण | +उत + चारण | ||
-उत् + चारण | -उत् + चारण | ||
||{{seealso|सन्धि}} | |||
{"प्रत्येक [[धर्म]] सिखाता है कि आपस में भाई-चारे से रहो।" यह किस प्रकार का वाक्य है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-333,प्रश्न-03 | {"प्रत्येक [[धर्म]] सिखाता है कि आपस में भाई-चारे से रहो।" यह किस प्रकार का वाक्य है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-333,प्रश्न-03 | ||
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-प्रतिवाद | -प्रतिवाद | ||
+मौत | +मौत | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द}} | |||
{निम्न में से तुर्की शब्द कौन-सा है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-273 | {निम्न में से तुर्की शब्द कौन-सा है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-273 | ||
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-[[श्लेष अलंकार|श्लेष]] | -[[श्लेष अलंकार|श्लेष]] | ||
+[[रूपक अलंकार|रूपक]] | +[[रूपक अलंकार|रूपक]] | ||
||{{seealso|अलंकार|रस}} | |||
{"जो जग हित पर प्राण निछावर है कर पाता।<br /> | {"जो जग हित पर प्राण निछावर है कर पाता।<br /> | ||
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-[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | -[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | ||
-[[हरिगीतिका]] | -[[हरिगीतिका]] | ||
||{{seealso|मुक्तक |कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द|रुबाई}} | |||
{'राकेश' का सही सन्धि विच्छेद क्या है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-102 | {'राकेश' का सही सन्धि विच्छेद क्या है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-102 | ||
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-राका + इश | -राका + इश | ||
+राका + ईश | +राका + ईश | ||
||{{seealso|सन्धि}} | |||
{"मुझे विश्वास है कि आप अवश्य आएँगे।"यह किस प्रकार का वाक्य है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-333,प्रश्न-04 | {"मुझे विश्वास है कि आप अवश्य आएँगे।"यह किस प्रकार का वाक्य है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-333,प्रश्न-04 | ||
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-स्वार्थ | -स्वार्थ | ||
+सूत | +सूत | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द}} | |||
{उत्पत्ति के आधार पर [[शब्द (व्याकरण)|शब्दों]] के कितने भेद होते हैं?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-274 | {उत्पत्ति के आधार पर [[शब्द (व्याकरण)|शब्दों]] के कितने भेद होते हैं?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-274 | ||
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-[[सोरठा]] | -[[सोरठा]] | ||
-[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | -[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | ||
||{{seealso|मुक्तक |कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द|रुबाई|हरिगीतिका}} | |||
{'पनघट' का सन्धि विच्छेद बताइए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-103 | {'पनघट' का सन्धि विच्छेद बताइए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-103 | ||
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-पानी + अट | -पानी + अट | ||
+पानी + घाट | +पानी + घाट | ||
||{{seealso|सन्धि}} | |||
{"[[आम]] के [[आम]] गुठलियों के दाम", इस लोकोक्ति का सही अर्थ क्या है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-275,प्रश्न-02 | {"[[आम]] के [[आम]] गुठलियों के दाम", इस लोकोक्ति का सही अर्थ क्या है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-275,प्रश्न-02 | ||
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+दोहरा लाभ होना | +दोहरा लाभ होना | ||
-बहुत चतुर व्यापारी बनना | -बहुत चतुर व्यापारी बनना | ||
||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | |||
{निम्न में से "बीता हुआ" के लिए सही [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] को चुनिए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-299,प्रश्न-06 | {निम्न में से "बीता हुआ" के लिए सही [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] को चुनिए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-299,प्रश्न-06 | ||
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-चीत्कार | -चीत्कार | ||
-[[माता]] | -[[माता]] | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द}} | |||
{निम्न में से कौन-सा [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] देशी शब्द नहीं है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-275 | {निम्न में से कौन-सा [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] देशी शब्द नहीं है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-275 | ||
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-झिलमिल | -झिलमिल | ||
+इनमें से कोई नहीं | +इनमें से कोई नहीं | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द}} | |||
{"[[चन्दन]] विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।" इस पंक्ति के रचयिता कौन थे?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-474,प्रश्न-06 | {"[[चन्दन]] विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।" इस पंक्ति के रचयिता कौन थे?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-474,प्रश्न-06 | ||
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-[[रोला]] | -[[रोला]] | ||
+[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | +[[बरवै (छन्द)|बरवै]] | ||
||{{seealso|हरिगीतिका|कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द}} | |||
{'तमोगुण' का सही सन्धि विच्छेद क्या होगा?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-104 | {'तमोगुण' का सही सन्धि विच्छेद क्या होगा?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-104 | ||
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+तम: + गुण | +तम: + गुण | ||
-तमा + गुण | -तमा + गुण | ||
||{{seealso|सन्धि}} | |||
{"घर आए नाग न पूजिए बामी पूजन जाए" लोकोक्ति का सही अर्थ है-(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-275,प्रश्न-03 | {"घर आए नाग न पूजिए बामी पूजन जाए" लोकोक्ति का सही अर्थ है-(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-275,प्रश्न-03 | ||
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-पश्चाताप करना | -पश्चाताप करना | ||
+अवसर का लाभ न उठाना और बाद में उसके लिए परेशान रहना | +अवसर का लाभ न उठाना और बाद में उसके लिए परेशान रहना | ||
||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | |||
{"जो तर्क द्वारा माना जा चुका हो", इस वाक्य के लिए उपयुक्त [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] का चयन कीजिए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-299,प्रश्न-07 | {"जो तर्क द्वारा माना जा चुका हो", इस वाक्य के लिए उपयुक्त [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] का चयन कीजिए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-299,प्रश्न-07 | ||
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-कोष्ठ | -कोष्ठ | ||
-वारिधि | -वारिधि | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द|पर्यायवाची शब्द}} | |||
{निम्नांकित में कौन-सा 'कृदन्त शब्द' है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-276 | {निम्नांकित में कौन-सा 'कृदन्त शब्द' है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-276 | ||
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-मिठास | -मिठास | ||
-चतुराई | -चतुराई | ||
||{{seealso|विकारी शब्द|उपसर्ग|प्रत्यय}} | |||
{"ले डूबता है एक पापी नाव को मंझधार में।" इस पंक्ति के रचयिता कौन थे?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-480,प्रश्न-96 | {"ले डूबता है एक पापी नाव को मंझधार में।" इस पंक्ति के रचयिता कौन थे?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-480,प्रश्न-96 | ||
पंक्ति 450: | पंक्ति 474: | ||
-[[दोहा]] | -[[दोहा]] | ||
+[[चौपाई]] | +[[चौपाई]] | ||
||{{seealso|मुक्तक |कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द|हरिगीतिका|कुण्डलिया}} | |||
{'पावक' का सही सन्धि विच्छेद क्या होगा?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-105 | {'पावक' का सही सन्धि विच्छेद क्या होगा?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-105 | ||
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-पो + अक | -पो + अक | ||
+पौ + अक | +पौ + अक | ||
||{{seealso|सन्धि}} | |||
{"राम नाम जपना, पराया माल अपना" का सही अर्थ बताइए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-275,प्रश्न-04 | {"राम नाम जपना, पराया माल अपना" का सही अर्थ बताइए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-275,प्रश्न-04 | ||
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+धोखे से धन कमाना | +धोखे से धन कमाना | ||
-दूसरों से सहानुभूति रखना | -दूसरों से सहानुभूति रखना | ||
||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | |||
{"ऐसा [[पुष्प]] जो कभी विकसित नहीं हुआ हो", इस वाक्य के लिए उपयुक्त [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] का चयन कीजिए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-299,प्रश्न-08 | {"ऐसा [[पुष्प]] जो कभी विकसित नहीं हुआ हो", इस वाक्य के लिए उपयुक्त [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] का चयन कीजिए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-299,प्रश्न-08 | ||
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-धनुष | -धनुष | ||
+धुआँ | +धुआँ | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द|पर्यायवाची शब्द}} | |||
{निम्न में से कौन-सा यौगिक [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-277 | {निम्न में से कौन-सा यौगिक [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-277 | ||
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-[[कवित्त]] | -[[कवित्त]] | ||
-[[हरिगीतिका]] | -[[हरिगीतिका]] | ||
||{{seealso|मुक्तक |कुण्डलिया|अनुष्टुप छन्द|रुबाई}} | |||
{'अधरोष्ठ' का सन्धि विच्छेद बताइए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-106 | {'अधरोष्ठ' का सन्धि विच्छेद बताइए?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-414,प्रश्न-106 | ||
पंक्ति 531: | पंक्ति 560: | ||
+अधर + ओष्ठ | +अधर + ओष्ठ | ||
-अध: + रौष्ठ | -अध: + रौष्ठ | ||
||{{seealso|सन्धि}} | |||
{"सावन हरे न भादो सूखे", इस लोकोक्ति का सही अर्थ क्या है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-275,प्रश्न-05 | {"सावन हरे न भादो सूखे", इस लोकोक्ति का सही अर्थ क्या है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-275,प्रश्न-05 | ||
पंक्ति 538: | पंक्ति 568: | ||
-हमेशा दरिद्र होना | -हमेशा दरिद्र होना | ||
-निकम्मे का घर या बाहर रहना | -निकम्मे का घर या बाहर रहना | ||
||{{seealso|कहावत लोकोक्ति मुहावरे}} | |||
{"आलोचना करने वाला" के लिए सही [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] क्या होगा?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-299,प्रश्न-09 | {"आलोचना करने वाला" के लिए सही [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] क्या होगा?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-299,प्रश्न-09 | ||
पंक्ति 552: | पंक्ति 583: | ||
-आकाश | -आकाश | ||
+हाथ | +हाथ | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द|पर्यायवाची शब्द}} | |||
{'परीक्षा' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] निम्नलिखित वर्गों में से किस वर्ग में आता है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-278 | {'परीक्षा' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] निम्नलिखित वर्गों में से किस वर्ग में आता है?(वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी,एस. चंद,पृ.सं.-222,प्रश्न-278 | ||
पंक्ति 559: | पंक्ति 591: | ||
-देशज | -देशज | ||
-विदेशी | -विदेशी | ||
||{{seealso|तत्सम|तद्भव|विलोम शब्द|पर्यायवाची शब्द}} | |||
{"करि केहरि कपि कौल कुरंगा।<br /> | {"करि केहरि कपि कौल कुरंगा।<br /> |
11:36, 6 जनवरी 2014 का अवतरण
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