"प्रयोग:कविता बघेल 4": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कविता बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
रिंकू बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{'लेखपाल' सचिव होता है | {'लेखपाल' निम्न में से किसका सचिव होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-7 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-भूमि प्रबंधन समिति | -भूमि प्रबंधन समिति | ||
-ग्राम पंचायत | -ग्राम पंचायत | ||
-न्याय | -न्याय पंचायत | ||
+विकास खण्ड पंचायत | +विकास खण्ड पंचायत | ||
{[[मृदा]] जिसका पी-एच मान 8.5 से अधिक हो, तो उसे कहते हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-11 | {[[मृदा]] जिसका पी-एच मान 8.5 से अधिक हो, तो उसे कहते हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-11 | ||
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
-अम्लीय मृदा | -अम्लीय मृदा | ||
-लवणीय मृदा | -लवणीय मृदा | ||
+लवणीय- | +लवणीय-क्षारीय मृदा | ||
-[[क्षारीय मृदा]] | -[[क्षारीय मृदा]] | ||
{'NDDB' स्थित है | {'NDDB' कहाँ स्थित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-71 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[नई दिल्ली]] | -[[नई दिल्ली]] | ||
-[[करनाल]] | -[[करनाल]] | ||
+आनन्द | +आनन्द | ||
-इज्जतनगर | -इज्जतनगर | ||
{[[फूलगोभी]] किस [[परिवार]] से सम्बंधित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-11 | {[[फूलगोभी]] किस [[परिवार]] से सम्बंधित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-11 | ||
पंक्ति 33: | पंक्ति 32: | ||
-मालवेसी | -मालवेसी | ||
-लेग्यूमिनेसी | -लेग्यूमिनेसी | ||
||(1) | ||(1)क्रुसीफेरी -[[फूलगोभी]], ससरों, गाँठ गोभी, फाटगोभी आदि। (2)पोएसी -[[धान]], [[गेहूँ]], [[मक्का]] आदि। (3)मालवेशी -[[कपास]]। (4)लेक्यूमिनेसी -[[चना]], [[मटर]], [[अरहर]] आदि | ||
{निम्न में कौन-सी खली खाने योग्य नहीं है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-81 | {निम्न में कौन-सी खली खाने योग्य नहीं है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-81 | ||
पंक्ति 48: | पंक्ति 47: | ||
-लेपीडोप्टेरा | -लेपीडोप्टेरा | ||
-आईसोप्टेरी | -आईसोप्टेरी | ||
||डिप्टेरा -घरेलू मक्खी और मच्छर, कोलियोप्टर - भृंग, लेपीडोप्टेरा -कारब वर्ग, आईसोप्टेरा -सफेद मक्खी | ||डिप्टेरा -घरेलू मक्खी और मच्छर, कोलियोप्टर -भृंग, लेपीडोप्टेरा -कारब वर्ग, आईसोप्टेरा -सफेद मक्खी | ||
{पोस्टर शिक्षण सामग्री है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-17 | {पोस्टर शिक्षण सामग्री है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-17 | ||
पंक्ति 60: | पंक्ति 59: | ||
{पौधों को [[फॉस्फोरस]] की प्राप्यता सबसे अधिक प्रभावित होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-11 | {पौधों को [[फॉस्फोरस]] की प्राप्यता सबसे अधिक प्रभावित होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-11 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+मिट्टी | +मिट्टी के पी.एच. से | ||
-नमी की कमी से | -नमी की कमी से | ||
-तापमान से | -तापमान से | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||पौधों को फॉस्फोरस की प्राप्यता मुख्य रूप से निम्न कारकों से निर्धारित होती | ||पौधों को [[फॉस्फोरस]] की प्राप्यता मुख्य रूप से निम्न कारकों से निर्धारित होती है- 1.मृदा की पी.एच. 2.विलेय आयरन ऐलुमिनियम तथा मैंगनीज, 3.[[आयरन]], [[ऐलुमिनियम]] तथा मैंगनीजयुक्त खनिजों की उपस्थिति, 4. प्राप्य [[कैल्सियम]] और कैल्सियमयुक्त खनिज कारक परस्पर सम्बंधित हैं, क्योंकि इनके प्रभाव अधिकतर मृदा पी.एच. पर निर्भर होते हैं। अत: मृदा विलयन में विभिन्न फॉस्फेट आयन्स की सांद्रता पी.एच. से सम्बंधित होती है। | ||
{[[कृषि]] के क्षेत्र में [[नोबल पुरस्कार]] विजेता हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-12 | {[[कृषि]] के क्षेत्र में [[नोबल पुरस्कार]] विजेता हैं- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-12 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+डॉ. नॉरमन ई. बोरलॉग | +डॉ. नॉरमन ई. बोरलॉग | ||
-[[हरगोविंद | -[[हरगोविंद खुरान]] | ||
-डॉ. रोजर्स | -डॉ. रोजर्स | ||
-[[एम. एस | -[[एम. एस. स्वामीनाथन]] | ||
||कृषि क्षेत्र में [[नोबेल पुरस्कार]] विजेता डॉ. नॉरमन ई. बोरलॉग है। इन्हें यह पुरस्कार सन् [[1970]] ई. में शांति के लिए दिया गया था। | ||कृषि क्षेत्र में [[नोबेल पुरस्कार]] विजेता डॉ. नॉरमन ई. बोरलॉग है। इन्हें यह पुरस्कार सन् [[1970]] ई. में शांति के लिए दिया गया था। | ||
{'केन्द्रीय शुष्क कृषि अनुसंधान संस्थान' स्थापित है | {'केन्द्रीय शुष्क कृषि अनुसंधान संस्थान' कहाँ स्थापित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-11 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[नई दिल्ली]] | -[[नई दिल्ली]] | ||
पंक्ति 85: | पंक्ति 84: | ||
{चरी-बरसीम-[[धान]]-[[मटर]] फ़सल चक्र चलाने के लिए कितने खेतों की आवश्यकता होगी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-8 | |||
{चरी-बरसीम-[[धान]]-[[मटर]] | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+2 | +2 | ||
पंक्ति 92: | पंक्ति 90: | ||
-4 | -4 | ||
-3 | -3 | ||
||शस्य योजना के अंदर एक-वर्षीय | ||शस्य योजना के अंदर एक-वर्षीय फ़सल चक्र के लिए एक खेत, दो-वर्षीय फ़सल चक्र के लिए दो खेत और चार-वर्षीय फ़सल चक्र के लिए चार खेतों की जरूरत होगी, क्योंकि फ़सल चक्र की हर फ़सल हर वर्ष लेनी होती है। चरी-बरसीम-[[धान]]-[[मटर]] दो वर्षीय फ़सल चक्र है, अत: इसके लिए दो खेतों की जरूरत होगी। | ||
{2: 1 ट्राइफॉर्मिक फैलने वाले सिलीकेट क्लेज की धनायन विनिमय क्षमता होती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-12 | {2:1 ट्राइफॉर्मिक फैलने वाले सिलीकेट क्लेज की धनायन विनिमय क्षमता (CEC- Cation Exchange Capacity) होती है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-12 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-5-10 meq/100g | -5-10 meq/100g | ||
पंक्ति 100: | पंक्ति 98: | ||
+20-40 meq/100g | +20-40 meq/100g | ||
-2-5 meq/100g | -2-5 meq/100g | ||
||2: 1 ट्राइफॉर्मिक फैलने वाले सिलिटेड क्लेज की धनायन विनिमय क्षमता 20-40 meq/100g होती है। | ||2:1 ट्राइफॉर्मिक फैलने वाले सिलिटेड क्लेज की धनायन विनिमय क्षमता 20-40 meq/100g होती है। | ||
{'चीज' के जामन पाए जाते है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-72 | {'चीज' के जामन पाए जाते है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-72 | ||
पंक्ति 108: | पंक्ति 106: | ||
-केवल सुवास पैदा करने वाले जीवाणु | -केवल सुवास पैदा करने वाले जीवाणु | ||
-एसिटिक अम्ल पैदा करने वाले जीवणु | -एसिटिक अम्ल पैदा करने वाले जीवणु | ||
||चीज (Cheese) के जामन (Starter) में [[लैक्टिक अम्ल]] तथा सुवास (Flavour) उत्पन्न करने वाले दोनों जीवाणु होते हैं। | ||चीज (Cheese) के जामन (Starter) में [[लैक्टिक अम्ल]] तथा सुवास (Flavour) उत्पन्न करने वाले दोनों जीवाणु होते हैं। | ||
{गाँठ गोभी के लिए किस प्रकार की [[मृदा]] अच्छी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-12 | {गाँठ गोभी के लिए किस प्रकार की [[मृदा]] अच्छी होती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-12 | ||
पंक्ति 116: | पंक्ति 114: | ||
-चिकनी मटियार दोमट | -चिकनी मटियार दोमट | ||
-मटियार | -मटियार | ||
||गाँठ गोभी के लिए सबसे अधिक उपयुक्त दोमट मिट्टी होती है, जबकि आलू के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। | ||गाँठ गोभी के लिए सबसे अधिक उपयुक्त दोमट मिट्टी होती है, जबकि [[आलू]] के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। | ||
{[[भारत]] की लगभग 142 मिलियन हैक्टेयर भूमि आती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-82 | {[[भारत]] की लगभग 142 मिलियन हैक्टेयर भूमि आती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-77,प्रश्न-82 | ||
पंक्ति 132: | पंक्ति 130: | ||
+वर्गीकी | +वर्गीकी | ||
-पारिस्थितिकीय | -पारिस्थितिकीय | ||
||आकारिकी -बाह्य आकार का अध्ययन | ||आकारिकी -बाह्य आकार का अध्ययन, शारीरिकी -शरीर क्रिया विभाग, वर्गीकी -वर्गीकरण, पारिस्थितिकीय -कीटों के पारिस्थितिकीय का अध्ययन। | ||
शारीरिकी -शरीर क्रिया विभाग | |||
वर्गीकी -वर्गीकरण | |||
पारिस्थितिकीय -कीटों के पारिस्थितिकीय का | |||
{परिणाम प्रदर्शन प्रसार, शिक्षा के किस सिद्धांत पर आधारित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-18 | {परिणाम प्रदर्शन प्रसार, शिक्षा के किस सिद्धांत पर आधारित है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-32,प्रश्न-18 | ||
पंक्ति 149: | पंक्ति 144: | ||
-[[सेब]] | -[[सेब]] | ||
+[[आँवला]] | +[[आँवला]] | ||
- | -[[अमरुद]] | ||
-[[नींबू]] | -[[नींबू]] | ||
||'[[विटामिन सी]]' की सबसे अधिक मात्रा घटते क्रम में निम्न प्रकार हैं-[[आँवला]]> | ||'[[विटामिन सी]]' की सबसे अधिक मात्रा घटते क्रम में निम्न प्रकार हैं- [[आँवला]]>[[अमरुद]]>[[नींबू]]>[[सेब]] | ||
{'भूमि विकास बैंक' किसानों को ऋण उपलब्ध करता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-13 | {'भूमि विकास बैंक' किसानों को ऋण उपलब्ध करता है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-46,प्रश्न-13 | ||
पंक्ति 159: | पंक्ति 154: | ||
+लम्बी अवधि के लिए | +लम्बी अवधि के लिए | ||
-केवल भूमि-सुधार के लिए | -केवल भूमि-सुधार के लिए | ||
||'भूमि विकास बैंक' का मुख्य उद्देश्य किसानों की भूमि पर विकास | ||'भूमि विकास बैंक' का मुख्य उद्देश्य किसानों की भूमि पर विकास कार्यों जैसे- फार्म पर सिंचाई के लिए [[कुआँ|कुएँ]], नालियों एवं घर बनवाना, पम्पिंग सैट लगवाने, ट्रैक्टर, स्प्रेयर्स, कम्बाईन्स, डस्टर्स, थ्रेसर आदि मशीनों के क्रय के लिए दीर्घकालीन ऋण स्वीकृत करना है। भूमि विकास बैंक किसानों की पुराने ऋणों से मुक्ति दिलाते हैं। | ||
{[[वर्षा]] के दिनों में [[बादल|बादलों]] की चमक और गरज से सम्बधित कौन सा कथन सही है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-12 | {[[वर्षा]] के दिनों में [[बादल|बादलों]] की चमक और गरज से सम्बधित कौन सा कथन सही है- (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-12 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-एक साथ प्रारम्भ होती | -एक साथ प्रारम्भ होती है। | ||
-गरज के | -गरज के पश्चात चमक प्रारम्भ होती है। | ||
+चमक के | +चमक के पश्चात गरज प्रारम्भ होती है। | ||
-अधिक न गरज और न ही चमक होती | -अधिक न गरज और न ही चमक होती है। | ||
||[[वर्षा]] के दिनों में पहले [[बादल]] चमकने शुरू होते हैं, उसके बाद उनकी गरज शुरू होती है। | ||[[वर्षा]] के दिनों में पहले [[बादल]] चमकने शुरू होते हैं, उसके बाद उनकी गरज शुरू होती है। | ||
पंक्ति 174: | पंक्ति 169: | ||
{निम्न में से सूचक | {निम्न में से सूचक फ़सल कौन-सी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-9 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[बाजरा]] | -[[बाजरा]] | ||
पंक्ति 270: | पंक्ति 265: | ||
-22 किग्रा | -22 किग्रा | ||
-20 किग्रा | -20 किग्रा | ||
||दाना हेतु ज्वार का प्रति हेक्टेयर बीज दर 12-15 किग्रा है. जबकि चारे की | ||दाना हेतु ज्वार का प्रति हेक्टेयर बीज दर 12-15 किग्रा है. जबकि चारे की फ़सल के लिए बीज दर 30-35 किग्रा है। | ||
{[[सर्दी|जाड़े]] में बोए जाने वाले '[[गेहूँ]]' के लिए उपयुक्त मृदा तापक्रम कितना होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-13 | {[[सर्दी|जाड़े]] में बोए जाने वाले '[[गेहूँ]]' के लिए उपयुक्त मृदा तापक्रम कितना होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-13 | ||
पंक्ति 278: | पंक्ति 273: | ||
-12-20डिग्रीC | -12-20डिग्रीC | ||
-35-40डिग्रीC | -35-40डिग्रीC | ||
||सर्दी के मौसम में बोई जाने वाली [[गेहूँ]] की | ||सर्दी के मौसम में बोई जाने वाली [[गेहूँ]] की फ़सल के लिए उपयुक्त तापक्रम 15-27डिग्रीC होना चाहिए। | ||
{खाद्य पदार्थों में [[यूरिया]] का वर्गीकरण किस रूप में किया जा सकता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-74 | {खाद्य पदार्थों में [[यूरिया]] का वर्गीकरण किस रूप में किया जा सकता है। (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-74 | ||
पंक्ति 420: | पंक्ति 415: | ||
||सोनालिका, प्रताप, मालविक, सुजाता मालवीय-55 आदि [[गेहूँ]] की किस्में भूरी गेरूई अथवा भूरा पत्ती कीट के लिए रोग रोधी है। | ||सोनालिका, प्रताप, मालविक, सुजाता मालवीय-55 आदि [[गेहूँ]] की किस्में भूरी गेरूई अथवा भूरा पत्ती कीट के लिए रोग रोधी है। | ||
{भूमि प्रबंध प्रणाली जिसमें [[कृषि]] एवं वनीय | {भूमि प्रबंध प्रणाली जिसमें [[कृषि]] एवं वनीय फ़सलें संयुक्त रूप में एक ही भू-भाग पर उगायी जाती हैं, कहलाती हैं (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-53,प्रश्न-15 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-संरक्षित खेती पद्धति | -संरक्षित खेती पद्धति | ||
पंक्ति 516: | पंक्ति 511: | ||
{निम्न में से किस एक | {निम्न में से किस एक फ़सल को छोड़कर शेष अन्य में एक घंटे से अधिक पानी नहीं ठहरने देना चाहिए? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-31,प्रश्न-13 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[मक्का]] | -[[मक्का]] | ||
पंक्ति 522: | पंक्ति 517: | ||
+[[धान]] | +[[धान]] | ||
-[[चाय]] | -[[चाय]] | ||
||[[धान]] की | ||[[धान]] की फ़सल के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है इसलिए इसमें पानी भरा रहना लाभप्रद है जबकि [[बाजरा]], [[मक्का]], [[चाय]] की फ़सल के लिए यह ध्यान रखना आवश्यक है इसमें पानी एक घंटे से ज्यादा न भरा रहें। | ||
{'इपीरीकैनिआ मिलैनोल्यूका' किसका परजीवी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-17 | {'इपीरीकैनिआ मिलैनोल्यूका' किसका परजीवी है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-17 | ||
पंक्ति 570: | पंक्ति 565: | ||
-आधार बीज | -आधार बीज | ||
+प्रमाणित बीज | +प्रमाणित बीज | ||
||सामान्य बीज उत्पादन प्रयोगों के अनुसार, प्रमाणित बीज आमतौर पर प्रगतिशील किसानों द्वारा उगाया जाता है। प्रमाणित बीज वाणिज्य | ||सामान्य बीज उत्पादन प्रयोगों के अनुसार, प्रमाणित बीज आमतौर पर प्रगतिशील किसानों द्वारा उगाया जाता है। प्रमाणित बीज वाणिज्य फ़सल उत्पादन हेतु किसानों को सामान्य वितरण के लिए उपलब्ध कराया जाता है। | ||
{[[मूली]] में तीखापन किससे होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-42,प्रश्न-52 | {[[मूली]] में तीखापन किससे होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-42,प्रश्न-52 | ||
पंक्ति 654: | पंक्ति 649: | ||
-20-25% | -20-25% | ||
+इनमें से कोई नहीं | +इनमें से कोई नहीं | ||
||बीजों को उच्च प्रक्तिया और सुरक्षित संग्रहण के लिए अनुकूल नमी स्तर पर सुखाना चाहिए। अनुकूल नमी स्तर एक | ||बीजों को उच्च प्रक्तिया और सुरक्षित संग्रहण के लिए अनुकूल नमी स्तर पर सुखाना चाहिए। अनुकूल नमी स्तर एक फ़सल की नसल से दूसरी फ़सल में बदलता रहता है। [[चावल|चावलों]] के उदाहरण में यह 13% तक, [[पत्तागोभी]] और [[तरबूज]] में 7% तक और [[मूली]] में यह 6% तक की भिन्नता रखता है। | ||
{'गोल्डन एकर' एक प्रजाति है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-18 | {'गोल्डन एकर' एक प्रजाति है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-18 | ||
पंक्ति 693: | पंक्ति 688: | ||
||श्री एफ.एल. ब्रायनी गुड़गाँव जिले की जनता की दयनीय दशा, अज्ञानता और फिजूलखर्ची आदि से बहुत दु:खी हुए और उन्होंने महसूस किया कि हम पदाधिकारियों का यह फर्च है कि इन गरीबों की उन्नति की ओर ध्यान दें। इस विचार से उन्होंने सन् [[1920]] में एक विकास योजना आरम्भ की, जो 'गुड़गाँव योजना' के नाम से प्रसिद्ध है। | ||श्री एफ.एल. ब्रायनी गुड़गाँव जिले की जनता की दयनीय दशा, अज्ञानता और फिजूलखर्ची आदि से बहुत दु:खी हुए और उन्होंने महसूस किया कि हम पदाधिकारियों का यह फर्च है कि इन गरीबों की उन्नति की ओर ध्यान दें। इस विचार से उन्होंने सन् [[1920]] में एक विकास योजना आरम्भ की, जो 'गुड़गाँव योजना' के नाम से प्रसिद्ध है। | ||
{[[धान]] की | {[[धान]] की फ़सल में होने वाला रोग 'रजत-प्ररोह' निम्न में से किस के कारण होता है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-63,प्रश्न-19 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-सफेद मक्खी | -सफेद मक्खी | ||
पंक्ति 699: | पंक्ति 694: | ||
-तना छेदक | -तना छेदक | ||
-टिड्डा | -टिड्डा | ||
||[[धान]] की | ||[[धान]] की फ़सल में रजत-प्ररोह गॉल मक्खी द्वारा बनता है। | ||
{बाड़े की धूलभरी हवा [[दूध]] में किस प्रकार का प्रमुख [[प्रदूषण]] ला सकती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-79 | {बाड़े की धूलभरी हवा [[दूध]] में किस प्रकार का प्रमुख [[प्रदूषण]] ला सकती है? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-67,प्रश्न-79 | ||
पंक्ति 709: | पंक्ति 704: | ||
||बाड़े की धूल भरी हवा मुख्य रूप से दूध में बीमारी पैदा करने वाली जीवाणुक प्रदूषण ला सकती हैं। | ||बाड़े की धूल भरी हवा मुख्य रूप से दूध में बीमारी पैदा करने वाली जीवाणुक प्रदूषण ला सकती हैं। | ||
{[[उत्तर प्रदेश]] में कौन-सी | {[[उत्तर प्रदेश]] में कौन-सी फ़सल जायद मौसम में खेती के लिए हाल में संस्तुत की गयी? (कृषि सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-19 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[मटर|सब्जी मटर]] | +[[मटर|सब्जी मटर]] |
12:57, 17 जनवरी 2017 का अवतरण
|