बादल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
बादल

वायुमण्डल में काफ़ी ऊंचाई में जलवाष्प के संघनन से बने जलकणों या हिमकणों की विशाल राशि को बादल कहते हैं। मुख्यतः बादल हवा के रूद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा ठण्डे होने तथा उसके तापमान के ओसांक बिन्दु तक गिरने के परिणामस्वरूप निर्मित होते हैं।

प्रकार

बादल पानी या बर्फ़ के हज़ारों नन्हें नन्हें कणों से मिलकर बनते हैं। ये नन्हें कण इतने हल्के होते हैं कि वे हवा में आसानी से उड़ने लगते हैं। बादल के तीन प्रमुख प्रकार होते हैं-

  1. सिरस
  2. क्युमुलस
  3. स्ट्रेटस

इन नामों को बादलों की प्रकृति और आकार के आधार पर रखा गया है। बहुत बार बादल मिले-जुले आकार-प्रकार के भी होते हैं। ऐसे बादलों को मिले-जुले नामों से जाना जाता है। इन प्रकारों के विषय में ठीक से जानने के लिए उन के दस नाम रखे गए हैं। ये सब नाम लैटिन भाषा में हैं।

सिरस

ऊँचाई पर उड़ने वाले सबसे सामान्य बादल 'सिरस' कहलाते हैं। सिरस का अर्थ है 'गोलाकार'। इन्हें लगभग रोज़ आसमान में देखा जा सकता है। ये बादल हल्के और फुसफुसे होते हैं। ये बर्फ के कणों से बने होते हैं। यहाँ तक कि गर्मी के मौसम में दिखने वाले बादलों में भी बर्फ के कण होते हैं, क्योंकि उतनी ऊँचाई पर काफ़ी सर्दी होती है।[1]

क्युमुलस

'क्युमुलस' का अर्थ है 'ढेर'। अपने नाम के अनुरूप ये बादल रूई के ढेर की तरह दिखाई देते हैं। कभी-कभी ये गहरे रंग के होते हैं, तब इनमें से पानी या ओलों की वर्षा हो सकती है। ऐसे बादलों को 'क्युमुलोनिंबस' कहते हैं। क्युमुलोनिंबस बादल एवरेस्ट पर्वत से दुगुने ऊँचे हो सकते हैं और अक्सर उनमें आधा करोड़ टन से ज्यादा पानी होता है। लैटिन भाषा में क्युमुलोनिंबस का अर्थ है- "पानी से भरा हुआ बादल"।

स्ट्रेटस

'स्ट्रेटस' का अर्थ है 'फैला हुआ'। अपने नाम के अनुरूप ये बादल काफ़ी नीचे होते है और पूरे आकाश को घेर लेते है। जब ऐसे बादल वर्षा करते हैं तो उन्हें 'निंबोस्ट्रेटस' कहते हैं।

  • बादलों में संघनन के कारण बूँदें बनती हैं। ऐसा तब होता है, जब गरम हवा ऊपर उठती है और ठंडी हो जाती है। बादलों को देखकर मौसम की भविष्यवाणी की जा सकती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बादल कैसे बनते हैं (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 08, 2014।

संबंधित लेख