राजशेखर द्वारा रचित 'बाल रामायण' नामक ग्रंथ में दस अंक हैं, जिनमें सीता स्वयंवर से लेकर अयोध्या लौटने तक की रामकथा का नाटकीय वर्णन प्रस्तुत किया गया है।