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'''लव और कुश''' [[राम]] तथा [[सीता]] के जुड़वां पुत्र थे। उनका जन्म माता सीता के [[अयोध्या]] से निर्वासन के पश्चात [[वाल्मीकि आश्रम]] में हुआ था और यहीं पर दोनों बालकों का लालन-पालन हुआ।
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'''लव और कुश''' [[राम]] तथा [[सीता]] के जुड़वां पुत्र थे। उनका जन्म माता सीता के [[अयोध्या]] से निर्वासन के पश्चात् [[वाल्मीकि आश्रम]] में हुआ था और यहीं पर दोनों बालकों का लालन-पालन हुआ।
  
 
*जब राम ने वानप्रस्थ लेने का निश्चय कर [[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]] का राज्यभिषेक करना चाहा तो भरत नहीं माने। अत: दक्षिण [[कोसल]] प्रदेश में कुश और [[उत्तर कोसल]] में लव का [[अभिषेक]] किया गया था।<ref>बाल्मीकि रामायण, उत्तर कांड, सर्ग 107</ref>
 
*जब राम ने वानप्रस्थ लेने का निश्चय कर [[भरत (दशरथ पुत्र)|भरत]] का राज्यभिषेक करना चाहा तो भरत नहीं माने। अत: दक्षिण [[कोसल]] प्रदेश में कुश और [[उत्तर कोसल]] में लव का [[अभिषेक]] किया गया था।<ref>बाल्मीकि रामायण, उत्तर कांड, सर्ग 107</ref>

07:31, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

लव और कुश राम तथा सीता के जुड़वां पुत्र थे। उनका जन्म माता सीता के अयोध्या से निर्वासन के पश्चात् वाल्मीकि आश्रम में हुआ था और यहीं पर दोनों बालकों का लालन-पालन हुआ।

  • जब राम ने वानप्रस्थ लेने का निश्चय कर भरत का राज्यभिषेक करना चाहा तो भरत नहीं माने। अत: दक्षिण कोसल प्रदेश में कुश और उत्तर कोसल में लव का अभिषेक किया गया था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बाल्मीकि रामायण, उत्तर कांड, सर्ग 107

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