एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"बह्वृची" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{पाणिनिकालीन शब्दावली}}")
 
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
 
{{पाणिनिकालीन शब्दावली}}
 
{{पाणिनिकालीन शब्दावली}}
  
[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:इतिहास कोश]]
+
[[Category:पाणिनिकालीन शब्दावली]]
 +
[[Category:पाणिनिकालीन भारत]][[Category:प्राचीन भारत का इतिहास]][[Category:इतिहास कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

10:10, 6 मई 2018 के समय का अवतरण

बह्वृची पाणिनिकालीन भारतवर्ष में ब्रह्मचारिणी कन्याओं के लिए प्रयुक्त होने वाली संज्ञा थी।

  • बह्वृच नामक ऋग्वेद के चरण में अध्ययन करने वाली ब्रह्मचारिणी कन्याएं बह्वृची संज्ञा की अधिकारिणी थीं। इससे ज्ञात होता है कि चरणों में जो मान मर्यादा छात्रों को होती थी, वही छात्राओं के लिए भी थी। अन्य उदाहरण सूचित करते हैं कि मीमांसा और व्याकरण शास्त्र जैसे जटिल विषयों का अध्ययन भी स्त्रियां करती थीं।[1]


इन्हें भी देखें: पाणिनि, अष्टाध्यायी एवं भारत का इतिहास


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 102 |

संबंधित लेख