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राष्ट्रकूट वंश का आरम्भ दन्तिदुर्ग से लगभग 736 ई॰ में हुआ था। उसने [[नासिक]] को अपनी राजधानी बनाया। उपरान्त इन शासकों ने [[मान्यखेत]] (आधुनिक मालखंड) को अपनी राजधानी बनाया। राष्ट्रकूटों ने 736 ई॰ से 973 ई॰ तक राज्य किया।  
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राष्ट्रकूट वंश का आरम्भ दन्तिदुर्ग से लगभग 736 ई. में हुआ था। उसने [[नासिक]] को अपनी राजधानी बनाया। उपरान्त इन शासकों ने [[मान्यखेत]] (आधुनिक मालखंड) को अपनी राजधानी बनाया। राष्ट्रकूटों ने 736 ई. से 973 ई. तक राज्य किया।  
 
==शासक==
 
==शासक==
 
राष्ट्रकूट वंश में 14 शासक हुए जिनके नाम इस प्रकार हैं
 
राष्ट्रकूट वंश में 14 शासक हुए जिनके नाम इस प्रकार हैं
*दन्तिदुर्ग- (736-756 ई॰)
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*दन्तिदुर्ग- (736-756 ई.)
*कृष्ण प्रथम- (756-72 ई॰)  
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*कृष्ण प्रथम- (756-72 ई.)  
*गोविन्द द्वितीय- (773-80 ई॰)  
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*गोविन्द द्वितीय- (773-80 ई.)  
*ध्रुव धारावर्ष (780-93 ई॰)  
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*ध्रुव धारावर्ष (780-93 ई.)  
*गोविन्द तृतीय (793-814 ई॰)
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*गोविन्द तृतीय (793-814 ई.)
*शर्व अमोघवर्ष प्रथम (814-78 ई॰)  
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*शर्व अमोघवर्ष प्रथम (814-78 ई.)  
*कृष्ण द्वितीय (978-914 ई॰)  
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*कृष्ण द्वितीय (978-914 ई.)  
*इन्द्र तृतीय (914-27 ई॰)
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*इन्द्र तृतीय (914-27 ई.)
*अमोघवर्ष द्वितीय (928-29 ई॰)  
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*अमोघवर्ष द्वितीय (928-29 ई.)  
*गोविन्द चतुर्थ (930-36 ई॰)  
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*गोविन्द चतुर्थ (930-36 ई.)  
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*कृष्ण तृतीय (936-69 ई॰)  
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राष्ट्रकूट वंश का आरम्भ दन्तिदुर्ग से लगभग 736 ई. में हुआ था। उसने नासिक को अपनी राजधानी बनाया। उपरान्त इन शासकों ने मान्यखेत (आधुनिक मालखंड) को अपनी राजधानी बनाया। राष्ट्रकूटों ने 736 ई. से 973 ई. तक राज्य किया।

शासक

राष्ट्रकूट वंश में 14 शासक हुए जिनके नाम इस प्रकार हैं

  • दन्तिदुर्ग- (736-756 ई.)
  • कृष्ण प्रथम- (756-72 ई.)
  • गोविन्द द्वितीय- (773-80 ई.)
  • ध्रुव धारावर्ष (780-93 ई.)
  • गोविन्द तृतीय (793-814 ई.)
  • शर्व अमोघवर्ष प्रथम (814-78 ई.)
  • कृष्ण द्वितीय (978-914 ई.)
  • इन्द्र तृतीय (914-27 ई.)
  • अमोघवर्ष द्वितीय (928-29 ई.)
  • गोविन्द चतुर्थ (930-36 ई.)
  • अमोघवर्ष तृतीय (936-36 ई.)
  • कृष्ण तृतीय (936-69 ई.)
  • खोद्रिग (967-72 ई.)
  • कर्क्क द्वितीय (972-73 ई.)


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