"दिल को ही सुनाने दो -आदित्य चौधरी" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
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अब किसी यार से मिल के इसे लुटाने दो | अब किसी यार से मिल के इसे लुटाने दो | ||
− | ख़ुद से कहते | + | ख़ुद से कहते हैं, ख़ुद ही इन्हें सुन लेते हैं |
दिल के नग़्में हैं इन्हें दिल को ही सुनाने दो | दिल के नग़्में हैं इन्हें दिल को ही सुनाने दो | ||
06:18, 30 अप्रैल 2015 का अवतरण
दिल को ही सुनाने दो -आदित्य चौधरी
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