"गीता 15:12" के अवतरणों में अंतर
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− | पहली शंका का उत्तर देने के लिये भगवन् बारहवें से पंद्रहवें श्लोक तक गुण, प्रभाव और ऐश्वर्य सहित अपने स्वरूप का वर्णन करते हैं- | + | पहली शंका का उत्तर देने के लिये भगवन् बारहवें से पंद्रहवें [[श्लोक]] तक गुण, प्रभाव और ऐश्वर्य सहित अपने स्वरूप का वर्णन करते हैं- |
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− | < | + | [[सूर्य]]<ref>सूर्य [[कश्यप|महर्षि कश्यप]] के पुत्र हैं। वे कश्यप की पत्नी [[अदिति]] के गर्भ से उत्पन्न हुए।</ref> में स्थित जो तेज़ सम्पूर्ण जगत् को प्रकाशित करता है तथा जो तेज़ [[चन्द्रमा देवता|चन्द्रमा]]<ref>पौराणिक संदर्भों के अनुसार चंद्रमा को तपस्वी [[अत्रि]] और [[अनुसूया]] की संतान बताया गया है, जिसका नाम 'सोम' है।</ref> में है और जो [[अग्नि देव|अग्नि]]<ref>अग्निदेवता [[यज्ञ]] के प्रधान अंग हैं। ये सर्वत्र [[प्रकाश]] करने वाले एवं सभी पुरुषार्थों को प्रदान करने वाले हैं।</ref> में हैं- उसको तू मेरा ही तेज़ जान ।।12।। |
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+ | ==संबंधित लेख== | ||
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11:05, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-15 श्लोक-12 / Gita Chapter-15 Verse-12
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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