"तुलसी माता की आरती" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Holy basil.jpg|thumb|[[तुलसी]]
+
[[चित्र:Holy basil.jpg|thumb|[[तुलसी]]]]
 
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>
 
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>
 
जय जय तुलसी माता,
 
जय जय तुलसी माता,
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
  
 
जय जय तुलसी माता।</poem></span></blockquote>
 
जय जय तुलसी माता।</poem></span></blockquote>
 
  
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>

09:19, 15 अप्रैल 2013 का अवतरण

जय जय तुलसी माता,
सबकी सुखदाता वर माता।

सब योगों के ऊपर,
सब रोगों के ऊपर,
रज से रक्षा करके भव त्राता।

बहु पुत्री है श्यामा, सूर वल्ली है ग्राम्या,
विष्णु प्रिय जो तुमको सेवे सो नर तर जाता।

हरि के शीश विराजत त्रिभुवन से हो वंदित,
पतित जनों की तारिणि तुम हो विख्याता।

लेकर जन्म बिजन में, आई दिव्य भवन में,
मानव लोक तुम्हीं से सुख संपति पाता।

हरि को तुम अति प्यारी श्याम वर्ण सुकुमारी,
प्रेम अजब है श्री हरि का तुम से नाता।

जय जय तुलसी माता।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख