"फ़साने भर को -आदित्य चौधरी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो ("बताने भर को -आदित्य चौधरी" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (अनिश्चित्त अवधि) [move=sysop] (अनिश्चित्त अवधि)))
(कोई अंतर नहीं)

14:02, 9 नवम्बर 2013 का अवतरण

Copyright.png
बताने भर को -आदित्य चौधरी

दिल को समझाया, बहाने भर को
आज ज़िंदा हैं, फ़साने भर को

वो जो इक शाम जिससे यारी थी,
आज हासिल है, ज़माने भर को

बाद मुद्दत के हसरतों ने कहा
तुमसे मिलते हैं, सताने भर को

तेरी ख़ुशी से हम हैं ख़ुश कितने
तुझसे मिलना है, बताने भर को

कौन कहता है बेवफ़ा तुझको
तूने चाहा था दिखाने भर को


टीका टिप्पणी और संदर्भ