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[[चित्र:Madhukeshwara-Temple-Banavasi.jpg|thumb|250px|मधुकेशवर मंदिर, बनवासी]]
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'''बनवासी''' अथवा 'वैजयंत' अथवा 'वैजयंती' [[कर्नाटक|कर्नाटक राज्य]] के उत्तरी कनारा में स्थित एक नगर है, जिसका उल्लेख द्वितीय शती ई. के [[नासिक]] के [[अभिलेख]] में है। यह एक [[रामायण]] कालीन नगर था।  
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08:12, 6 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

बनवासी
मधुकेशवर मंदिर, बनवासी
विवरण 'बनवासी' कर्नाटक का प्राचीन नगर है। कर्नाटक स्थित इस नगर का उल्लेख द्वितीय शती ई. के नासिक अभिलेख में है।
राज्य कर्नाटक
प्राचीन नाम 'वैजयंत' अथवा 'वैजयंती'
संबंधित लेख कर्नाटक, कर्नाटक का इतिहास, रामायण
अन्य जानकारी रामायण की कथा में वर्णित है कि बनवासी में जो दंडकारण्य का मुख्य नगर था, तिमिध्वज या शंवर राज्य था। इंद्र ने इससे युद्ध करने के लिए राजा दशरथ की सहायता मांगी थी।

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बनवासी अथवा 'वैजयंत' अथवा 'वैजयंती' कर्नाटक राज्य के उत्तरी कनारा में स्थित एक नगर है, जिसका उल्लेख द्वितीय शती ई. के नासिक के अभिलेख में है। यह एक रामायण कालीन नगर था।

'दिशामास्थाय कैकयि दक्षिणां दंडकान्प्रति, वैजयन्तमितिख्यातं पुरं यत्र तिमिध्वजः।'

  • रामायण के उपरोक्त प्रसंग की कथा में वर्णित है कि वैजयंत में जो दंडकारण्य का मुख्य नगर था, तिमिध्वज या शंवर राज्य था। इंद्र ने इससे युद्ध करने के लिए राजा दशरथ की सहायता मांगी थी। दशरथ इस युद्ध में गए, किन्तु वे घायल हो गए और उनकी रानी कैकेयी, जो उनके साथ थी, वह उनकी रक्षा करने के लिए उन्हे संग्राम स्थल से दूर ले गई। प्राण रक्षा के उपलक्ष्य में दशरथ ने कैकयी को दो वरदान देने का वचन दिया, जो उसने बाद में मांग लिए थे।[2]
  • सातवाहन काल में भी यह एक प्रमुख एवं समृद्ध नगर था। कालान्तर में वैजयंती पर चुटुशातकर्णियों तथा कदम्बों का शासन रहा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अयोध्याकाण्ड 9,12
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 878 |

संबंधित लेख

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