ये मुमकिन नहीं -आदित्य चौधरी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:21, 28 अप्रैल 2012 का अवतरण ('{| width="85%" class="headbg37" style="border:thin groove #003333; border-radius:5px; padding:10px;" |- | [[चित्र:Bharatkosh-c...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Bharatkosh-copyright-2.jpg
ये मुमकिन नहीं -आदित्य चौधरी


हो सकता है
सूरज न निकले कल
रूक जाए नदियाँ भी

हंसिनी भूल कर
हंस को
उड़ जाए, किसी दूर दिशा में
दूर कहीं

अपनी ही कस्तूरी
भूलें हिरन
छोड़ चंदन वृक्ष
चले जाएँ भुजंग

तरस जाय सावन भी
न चले पुरवाई
भूल जाए कोयल
इठलाती अमराई

अपनी बेनूरी पे नर्गिस
भूल जाए रोना
छोड़ दें मोर
अपने पैरों पर
उदास होना

शायद ये सब कुछ हो भी जाए
मगर ये मुमकिन नहीं
कि मुझे तेरी याद न आए

-आदित्य चौधरी