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'''विनोद दुआ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vinod Dua'', जन्म- [[11 मार्च]], [[1954]]; मृत्यु- [[4 दिसम्बर]], [[2021]]) प्रसिद्ध भारतीय समाचार वक्ता, [[हिंदी]] टेलीविजन पत्रकार एवं कार्यक्रम निर्देशक थे। वे [[दूरदर्शन]] और नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड के समाचार चैनल (एन.डी.टी.वी इंडिया) के प्रमुख प्रस्तुतकर्ता तथा वाचक थे। हजारों घंटों प्रसारण का अनुभव रखने वाले विनोद दुआ एक एंकर, राजनीतिक टिप्पणीकार, चुनाव विश्लेषक, निर्माता और निर्देशक थे। उन्हें [[2008]] में [[भारत सरकार]] द्वारा पत्रकारिता के लिए '[[पद्म श्री]]' से सम्मानित किया गया था।
 
'''विनोद दुआ''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vinod Dua'', जन्म- [[11 मार्च]], [[1954]]; मृत्यु- [[4 दिसम्बर]], [[2021]]) प्रसिद्ध भारतीय समाचार वक्ता, [[हिंदी]] टेलीविजन पत्रकार एवं कार्यक्रम निर्देशक थे। वे [[दूरदर्शन]] और नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड के समाचार चैनल (एन.डी.टी.वी इंडिया) के प्रमुख प्रस्तुतकर्ता तथा वाचक थे। हजारों घंटों प्रसारण का अनुभव रखने वाले विनोद दुआ एक एंकर, राजनीतिक टिप्पणीकार, चुनाव विश्लेषक, निर्माता और निर्देशक थे। उन्हें [[2008]] में [[भारत सरकार]] द्वारा पत्रकारिता के लिए '[[पद्म श्री]]' से सम्मानित किया गया था।
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==परिचय==
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विनोद दुआ का जन्म 11 मार्च सन 1954 को [[नई दिल्ली]] में हुआ था। उनका बचपन [[दिल्ली]] के शरणार्थी शिविरों में बीता। उनका [[परिवार]] [[1947]] में [[भारत]] की आजादी के बाद डेरा इस्माइल खान से स्थानांतरित हो गया था। उन्होंने हंसराज कॉलेज से [[अंग्रेज़ी साहित्य]] में स्‍नातक की उपाधि प्राप्त की और [[दिल्ली विश्वविद्यालय]] से [[साहित्य]] में अपनी मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद इलेक्‍ट्रॉनिक पत्रकारिता में अपना कॅरियर शुरू किया।
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विनोद दुआ ने एनडीटीवी पर 'ख़बरदार इंडिया' कार्यक्रम किया। 'विनोद दुआ लाइव' जैसे अहम कार्यक्रम भी किया। एनडीटीवी पर 'ज़ायका इंडिया का' चर्चित कार्यक्रम रहा। उन्होंने [[दूरदर्शन]] पर 'जनवाणी' से पहचान बनाई। दूरदर्शन पर चुनाव विश्लेषण के लिए भी वह जाने गए। विनोद दुआ की दो बेटियां मल्लिका दुआ और बकुल दुआ हैं। मल्लिका एक हास्य अभिनेत्री जबकि बाकुल साइकोलॉजिस्ट हैं। एनटीडीवी से विनोद दुआ का पुराना वास्ता रहा है। उनके साथ बेहद करीब से काम करने वाले एनडीटीवी के डॉ. प्रणय रॉय हमेशा कहते रहे हैं- "विनोद न केवल महानतम पत्रकारों में से एक थे, बल्कि वह अपने युग के पत्रकारों में सर्वश्रेष्ठ थे"।<ref name="pp">{{cite web |url=https://ndtv.in/india-news/vinod-dua-no-more-veteran-journalist-died-after-prolonged-illness-2637163 |title=जाने माने पत्रकार विनोद दुआ का लंबी बीमारी के बाद निधन|accessmonthday=05 दिसम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=/ndtv.in |language=हिंदी}}</ref>
  
 
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05:27, 5 दिसम्बर 2021 का अवतरण

विनोद दुआ (अंग्रेज़ी: Vinod Dua, जन्म- 11 मार्च, 1954; मृत्यु- 4 दिसम्बर, 2021) प्रसिद्ध भारतीय समाचार वक्ता, हिंदी टेलीविजन पत्रकार एवं कार्यक्रम निर्देशक थे। वे दूरदर्शन और नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड के समाचार चैनल (एन.डी.टी.वी इंडिया) के प्रमुख प्रस्तुतकर्ता तथा वाचक थे। हजारों घंटों प्रसारण का अनुभव रखने वाले विनोद दुआ एक एंकर, राजनीतिक टिप्पणीकार, चुनाव विश्लेषक, निर्माता और निर्देशक थे। उन्हें 2008 में भारत सरकार द्वारा पत्रकारिता के लिए 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया था।

परिचय

विनोद दुआ का जन्म 11 मार्च सन 1954 को नई दिल्ली में हुआ था। उनका बचपन दिल्ली के शरणार्थी शिविरों में बीता। उनका परिवार 1947 में भारत की आजादी के बाद डेरा इस्माइल खान से स्थानांतरित हो गया था। उन्होंने हंसराज कॉलेज से अंग्रेज़ी साहित्य में स्‍नातक की उपाधि प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय से साहित्य में अपनी मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद इलेक्‍ट्रॉनिक पत्रकारिता में अपना कॅरियर शुरू किया।

विनोद दुआ ने एनडीटीवी पर 'ख़बरदार इंडिया' कार्यक्रम किया। 'विनोद दुआ लाइव' जैसे अहम कार्यक्रम भी किया। एनडीटीवी पर 'ज़ायका इंडिया का' चर्चित कार्यक्रम रहा। उन्होंने दूरदर्शन पर 'जनवाणी' से पहचान बनाई। दूरदर्शन पर चुनाव विश्लेषण के लिए भी वह जाने गए। विनोद दुआ की दो बेटियां मल्लिका दुआ और बकुल दुआ हैं। मल्लिका एक हास्य अभिनेत्री जबकि बाकुल साइकोलॉजिस्ट हैं। एनटीडीवी से विनोद दुआ का पुराना वास्ता रहा है। उनके साथ बेहद करीब से काम करने वाले एनडीटीवी के डॉ. प्रणय रॉय हमेशा कहते रहे हैं- "विनोद न केवल महानतम पत्रकारों में से एक थे, बल्कि वह अपने युग के पत्रकारों में सर्वश्रेष्ठ थे"।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जाने माने पत्रकार विनोद दुआ का लंबी बीमारी के बाद निधन (हिंदी) /ndtv.in। अभिगमन तिथि: 05 दिसम्बर, 2021।

बाहरी कड़ियाँ

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