सांख्यवृत्ति

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सांख्यवृत्ति सांख्यकारिका की वृत्ति है। इसका प्रकाशन सन 1973 ई. में 'गुजरात विश्वविद्यालय' द्वारा किया गया था। इसके सम्पादनकर्ता ई.ए. सोलोमन थे।

  • सोलोमन के अनुसार यह सांख्यकारिका की प्राचीनतम टीका है।
  • सांख्यवृत्ति के रचयिता का नामोल्लेख नहीं किया गया है।
  • सोलोमन के अनुसार यह संभवत: स्वयं कारिकाकार ईश्वरकृष्ण की रचना है और परमार्थ कृत चीनी अनुवाद का यह आधार रहा है।
  • परमार्थ कृत चीनी भाषा के अनुवाद में 63वीं कारिका नहीं पाई जाती, जबकि सांख्यवृत्ति में यह कारिका भाष्य सहित उपलब्ध है।
  • सांख्यवृत्ति में 71वीं कारिका तक ही भाष्य किया गया है।
  • 27वीं कारिका प्रचलित कारिका जैसी न होकर इस प्रकार है-

संकल्पमत्र मनस्तच्चेन्द्रियमुभयथा समाख्यातम्।
अन्तस्त्रिकालविषयं तस्मादुभयप्रचारं तत्॥

  • ऐसा ही रूप युक्तिदीपिका में भी है।
  • सांख्यवृत्ति का संभावित रचनाकाल ईसा की 6वीं शताब्दी है।


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