"हज" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('{{tocright}} इस्लाम में सऊदी अरब के प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (श्रेणी:धर्म कोश (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 23: पंक्ति 23:
 
[[Category:इस्लाम धर्म]]
 
[[Category:इस्लाम धर्म]]
 
[[Category:इस्लाम धर्म कोश]]
 
[[Category:इस्लाम धर्म कोश]]
[[Category:धर्म कोश]]
 
 
[[Category:नया पन्ना]]
 
[[Category:नया पन्ना]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

05:24, 8 अप्रैल 2011 का अवतरण

इस्लाम में सऊदी अरब के पवित्र शहर की तीर्थयात्रा, जो प्रत्येक वयस्क मुस्लिम स्त्री या पुरुष को अपने जिवनकाल में कम से कम एक बार ज़रूर करनी चाहिए। इस्लाम के पांच स्तंभ्के रूप में ज्ञात मूलभूत मुस्लिम आंचार एवं संस्थानों में हज का स्थान पाँचवाँ है। धू-अल-हिज्जा (इस्लामी वर्ष का आख़िरी महीना) के सातवें दिन तीर्थयात्रा शुरू होती और 12वें दिन पूरी होती है, शारीरिक और वित्तीय रूप से समर्थ प्रत्येक मुसलमान के लिए हज जरूरी है, लेकिन उसकी अनुपस्थिति में उसके परिवार को परेशानी नहीं होनी चाहिए। कोई व्यक्ति अनुपस्थित रहकर भी हज पर जा रहे अपने रिश्तेदार या दोस्त को अपनी जगहा वहाँ ‘खड़े होने’ को कहकर यात्रा कर सकता है।

अनुष्ठान

हज के अनुष्ठान को पैगंबर मुहम्मद ने स्थापित किया था, लेकिन इसमें कुछ भिन्नताएँ आ गई हैं और कठोर औपचारिक मार्ग निर्देशन का हाजियों के समूह द्वारा, जो अक्सर बिना उचित क्रम के मक्का जाते हैं, सख़्ती से पालन नहीं किया जाता।

  • जब तीर्थयात्री मक्का से लगभग 10 किमी दूर होता है, तब वह इहराम कहलाने वाली पाक (पवित्र) अवस्था में पहुँचता है और वह इहराम वस्त्र पहनता है, जो दो सफ़ेद बिना सिली चादरों से बना होता है। उसे शरीर के चारों तरफ लपेटा जाता है। हज पूरा होने तक हाजी न तो अपने बाल और न ही नाख़ून काटता है। वह मक्का पहुँचता है और बड़ी मस्जिद स्थित पाक काबा के चारों ओर सात बार परिक्रमा करता है। काले पत्थर (हजर-अल-आस्वद) को चूमता या छूता है और मक़ाम इब्राहीम व काबा की दीक्षा में दो बार नमाज़ पढता है। फिर सफ़ा तथा मरवाह पहाड़ के बीच सात बार आता-जाता है।
  • धू-अल-हिज्जा के सातवें दिन हाजी को उसके फ़र्ज़ याद दिलाए जातें हैं। इस अनुष्ठान के दूसरे चरण में, जो महीने के आठवें व बारहवें दिन के बीच होता है, हाजी मक्का के बाहर स्थित पाक जगहों, जबाल अर-रहमा, मुज्दलिफ़ा व मीना की यात्रा करता है और अब्राहम की कुर्बानी की याद में एक जानवर कुर्बान करता है। हाजी फिर आमतौर पर अपना सिर मुंडवाता है और लगभग तीन दिन तक मीना स्थित तीन खंभों पर हर रोज़ सात पत्थर फेंकता है (खंभे विभिन्न शैतानों के प्रतीक है), फिर वह मक्का लौटकर शहर छोड़ने से पहले काबा का आखिरी तवाफ़ या चक्कर लगाता है।

धार्मिक कृत्य

हर साल लगभग 20 लाख लोग हज करते है। इस धार्मिक कृत्य में विभिन्न पृष्ठभूमि के अनुयायियों के एक साथ आने के कारण यह इस्लाम में एकजुट करने की शक्ति का काम करता है। एक बार तीर्थयात्रा करने के बाद व्यक्ति अपने नाम के साथ हाजी जोड़ सकता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख