Dr. Pragya Sharma
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पूरा नाम | प्रज्ञा शर्मा |
जन्म | 3 जुलाई, 1981 |
जन्म भूमि | कानपुर (उत्तर प्रदेश) |
पालक माता-पिता | स्वर्गीय श्री बी. एल. शर्मा (पिता), श्रीमती रमा शर्मा (माता) |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | साहित्यकार, कवियित्री |
मुख्य रचनाएँ | 'मौत का ज़िंदगीनामा', 'गोपाल दास नीरज की हस्तलिखित कविताएँ' |
भाषा | हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी और हिन्दुस्तानी भाषा। |
शिक्षा | एमए (शिक्षाशास्त्र) |
नागरिकता | भारतीय |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
प्रज्ञा शर्मा (अंग्रेज़ी: Pragya Sharma, जन्म:03 जुलाई, 1981) एक भारतीय कवियित्री एवं साहित्यकार हैं।[1][2]
परिचय
प्रज्ञा शर्मा का जन्म 1981 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिता श्री बी. एल. शर्मा और श्रीमती रमा शर्मा के यहाँ हुआ। उन्होंने शिक्षाशास्त्र में परास्नातक किया है।
डॉ प्रज्ञा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर मंच एवं साहित्य की दुनिया का जाना पहचाना नाम हैं। कवि-सम्मेलनों और मुशायरों के क्षेत्र में डॉ. प्रज्ञा शर्मा एक महत्वपूर्ण नाम हैं। वो अब तक अनेकों कवि सम्मेलनों और मुशायरों में कविता-पाठ चुकी हैं। उन्होंने लालकिला कवि सम्मेलन, गेटवे ऑफ इंडिया गणतंत्र दिवस मुशायरा, संसद भवन कवि सम्मेलन जैसे देश के की नामी-गिरामी कवि सम्मलनों व मुशायरों मे प्रस्तुति दी हैं। इनकी रचनाएं सब टीवी, दूरदर्शन, ज़ी सलाम, डीडी सह्याद्री, साधना टीवी, ईटीवी, आकाशवाणी इत्यादि पर प्रसारित हो चुकी हैं।
भारत के छोटे-बड़े शहरों में कविता पाठ करने के अलावा उन्होंने कई अन्य देशों में भी अपनी काव्य-प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। इनमें दुबई, कतर जैसे देश शामिल हैं।
वर्ष 2019 में ‘गोपाल दास नीरज की हस्तलिखित कविताएँ’ नाम से उनकी पहली किताब छपी, जिसका विमोचन डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक (तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री), डॉ. मुरली मनोहर जोशी (भूतपूर्व गृह मंत्री), आर.के. सिन्हा (तत्कालीन राज्यसभा सदस्य) और पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा द्वारा दिल्ली में हुआ। इनकी दूसरी पुस्तक ‘मौत का ज़िंदगीनामा' (काव्य संग्रह) रेख़्ता पब्लिकेशन द्वारा 2021 में प्रकाशित की गई, जिसकी समस्त रचनाएं लॉकडाउन विषय पर आधारित हैं। इसे पाठकों और आलोचकों से काफी सराहना मिली। यह पुस्तक बेस्ट-सेलर रही। [3]
डॉ प्रज्ञा शर्मा कविसम्मेलन समिति के संस्थापक सदस्यों में से एक है। प्रज्ञा वेलफेयर फाउंडेशन की संस्थापक-निदेशक के रूप में विभिन्न सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं। वर्तमान में वह महाराष्ट्र के शहर मुंबई में स्थाई रूप से निवास करती हैं।[4][5]
प्रमुख कृतियाँ
- मौत का ज़िंदगीनामा
- गोपाल दास नीरज की हस्तलिखित कविताएँ
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लेखन ने मेरे अनगढ़ व्यक्तित्व को भी सँवारा है : डॉ प्रज्ञा शर्मा (हिन्दी) दैनिक भास्कर। अभिगमन तिथि: 16 दिसंबर, 2022।
- ↑ कविता लिखना और कविता को जीना, दोनों दो अलग- अलग बातें हैं (हिन्दी) देश की उपासना। अभिगमन तिथि: 29 दिसंबर, 2022।
- ↑ प्रज्ञा शर्मा बनाम एक स्वनिर्मित व्यक्तित्व (हिन्दी) चौथी दुनिया। अभिगमन तिथि: 21 जुलाई, 2022।
- ↑ एक शायराना शख़्सियत (हिन्दी) दून वैली मेल। अभिगमन तिथि: 29 जून, 2021।
- ↑ एक साहित्यकार के तौर पर खुद को विद्यार्थी मानती हूँ: कवियित्री डॉ. प्रज्ञा शर्मा (हिन्दी) राष्ट्रवादी न्यूज। अभिगमन तिथि: 29 दिसंबर, 2022।
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