"गीता 4:13": अवतरणों में अंतर
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[[ब्राह्मण]], [[क्षत्रिय]], [[वैश्य]] और [[शूद्र]]- इन चार वर्णों का समूह, गुण और कर्मों के विभागपूर्वक मेरे द्वारा रचा गया है। इस प्रकार उस सृष्टि रचनादि कर्म का कर्ता होने पर भी मुझ अविनाशी परमेश्वर को तू वास्तव में अकर्ता ही जान ।।13।। | |||
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12:11, 4 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-4 श्लोक-13 / Gita Chapter-4 Verse-13
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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